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To reduce pollution, all departments are preparing a micro plan together, the central government will provide funds | प्रदूषण कम करने के लिए सभी विभाग मिलकर तैयार कर रहे माइक्रो प्लान, केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगा फंड

फरीदाबाद34 मिनट पहले

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प्रशासनिक लापरवाही के चलते फरीदाबाद व बल्लभगढ़ कई बार देश के सबसे प्रदूषित शहरों में नाम दर्ज करा चुका है। दीवाली से पहले ही शहर की आबोहवा खराब होने लगती है। इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम(एनसीएपी) बनाया है। इसके तहत औद्याेगिक नगरी की आबोहवा शुद्ध रखने के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। इस माइक्रो प्लान के तहत सभी विभाग मिलकर जिले की हवा को शुद्ध रखने के लिए कार्य करेंगे।

इसके लिए केंद्र सरकार नगर निगम को फंड उपलब्ध कराएगा। इस प्लान को लेकर डीसी जितेंद्र यादव व नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने अन्य विभागों के अधिकरियों के साथ बैठक की और प्लान पर विस्तार से चर्चा की। विषय विशेषज्ञ द्वारा एक प्रजेंटेशन भी दिया गया। माइक्रो प्लान के तहत सड़कों के किनारे और खाली स्थानों पर अधिक से अधिक पौधे लगाने, पूरे साल सड़कों की सफाई करने, शहर के अलग अलग हिस्सों में वायु प्रदूषण मानक यंत्र लगाने, सीएनडी बेस्ट का उचित निस्तारण, सड़कों पर हुए गड्‌ढों की समय पर भराई आदि को शामिल किया गया है।

पीएम 2.5 का स्वास्थ्य पर इस तरह पड़ता है असर

डॉक्टरों की मानें तो शहर में वायु प्रदूषण बढ़ने से स्वास्थ्य पर कई प्रकार का असर होता होता है। विशेषज्ञों के मुूताबिक पीएम 2.5 का स्तर 0-50 तक रहने से स्वास्थ्य पर असर बहुत कम पड़ता है। जबकि 51-100 स्तर काे संवेदनशील माना जाता है। इसमें व्यक्ति को सांस लेने थोड़ी दिक्कत होती है। 101-200 तक होने से फेफड़े, अस्थमा और दिल के मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। 201-300 तक होने पर आम व्यक्ति को लंबे समय तक सांस लेने में परेशानी, 301-400 तक होने पर दमे की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। जबकि पीएम 2.5 का स्तर 401-500 पहुंचने पर स्वस्थ्य व्यक्ति के बीमार होने की पूरी संभावन हो जाती है।

इन विभागों पर होगी अधिक जिम्मेदारी

माइक्रो प्लान लागू कराने में नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पीडब्ल्यूडी बी एंड आर, एचएसआईआईडीसी, वन विभाग, पुलिस विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके अलावा पुलिस प्रशासन व अन्य विभागों को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। सभी विभाग मिलकर प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए काम करेंगे। डीसी जितेंद्र यादव ने बताया कि समीक्षा बैठक में विशेषज्ञ ने सूक्ष्म कार्य योजना, क्षमता निर्माण, निगरानी नेटवर्क, सार्वजनिक आउटरीच, सड़क धूल, निर्माण और विध्वंस, वाहन, उद्योग, अपशिष्ट और बायोमास डंपिंग जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

वीआईपी सड़क सेक्टर 12 के किनारे लगे पेड़ों पर जमी धूल

वीआईपी सड़क सेक्टर 12 के किनारे लगे पेड़ों पर जमी धूल

वायु प्रदूषण में 20 फीसदी तक कमी लाने का लक्ष्य

डीसी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी संबंधित विभाग ठोस प्रयास करेंगे। उन्हाेंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निकट भविष्य में वायु प्रदूषण में 20 प्रतिशत तक कमी लाने की अपील की है। उनके विजन के अनुरूप सभी विभाग मिशन मोड पर काम करते हुए फरीदाबाद में भी 20 फीसदी तक कमी लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक दीर्घकालिक, समयबद्ध, राष्ट्रीय स्तर की रणनीति बनाई है। उसी आधार पर सभी कार्य करेंगे।

आज की हकीकत, धरातल पर नहीं है कोई प्लान

कहने को 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया गया है। लेकिन हकीकत ये है कि अभी धरातल पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। पूरे शहर में न तो कहीं पानी का छिड़काव किया जा रहा है और न ही कहीं सड़कों की सफाई हो रही है। अभी तक विभागों का प्लान सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है। हैरानी की बात ये है कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अभी तक किसी विभाग की जवाबदेही नहीं तय कर पाया है।

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