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Omicron Cases In Delhi Now Private Labs Will Also Do Genome Sequencing, 15 Cases In A Day – सुविधा: अब निजी लैब भी करेंगे जीनोम सीक्वेंसिंग, एक दिन में 15 मामले, देश में 168 संक्रमित

सार

दिल्ली सहित देश में सोमवार को 15 नए संक्रमितों के साथ ही ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या 168 हो गई। केंद्र सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग को निजी लैब की पहचान और योग्यता देखने के साथ करार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

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ओमिक्रॉन सहित कोरोना वायरस के चिंताजनक स्वरूप का पता लगाने के लिए जल्द ही निजी प्रयोगशालाओं में भी जांच की सुविधा शुरू होगी।  देश में तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए आरटी पीसीआर की तरह अब प्राइवेट लैब भी जीनोम सीक्वेंसिंग कर सकेगीं। 

दिल्ली सहित देश में सोमवार को 15 नए संक्रमितों के साथ ही ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या 168 हो गई। केंद्र सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग को निजी लैब की पहचान और योग्यता देखने के साथ करार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उम्मीद है कि नए साल में निजी लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू हो सकती है।

इन्साकॉग के अधिकारी ने बताया कि इस समय 28 सरकारी लैब में सीक्वेंसिंग की जा रही है, लेकिन सैंपल की संख्या बढ़ने से यहां काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसीलिए सरकार ने प्राइवेट या किसी भी सरकारी लैब को इसमें सहभागिता करने का मौका दिया है। इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं, जिनमें एक महीने में कम से कम 80 हजार सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होना करना जरूरी है।

सीधे नहीं करा सकेंगे सीक्वेंसिंग
जिन निजी लैब को जीनोम सीक्वेंसिंग करनी है उन्हें पहले आवेदन देना होगा। उक्त लैब को सरकार से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक सैंपल के हिसाब से एमओयू में तय कीमत इन्हें मिलेगी। फिलहाल कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं करा सकेगा।
एसओपी के अनुसार जीनोम सीक्वेंसिंग के किसी भी सैंपल पर मरीज के नाम या फिर उसकी पहचान से जुड़ी कोई जानकारी नहीं होगी। हर मरीज को एक गणितीय संख्या और इंग्लिश वर्णमाला के अक्षरों से मिला एक कोड दिया जाएगा और इसी कोड की सीक्वेंसिंग करते हुए लैब रिजल्ट अपलोड करेंगे। 

देश में 19 दिन में ओमिक्रॉन के 168 मामले, हर चौथे मरीज को मिली छुट्टी
देश में ओमिक्रॉन संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। बीते 19 दिन में इसके संक्रमितों की संख्या में 80 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। दिल्ली में सोमवार को 6, कर्नाटक में 5 और केरल में चार नए मामलों के साथ ही देश में कुल संक्रमितों की संख्या 168 हो चुकी है। राहत की बात यह है कि इनमें से लगभग हर चौथा संक्रमित ठीक होकर अपने घर लौट चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों में हल्के लक्षण मिले हैं। इनमें से किसी भी मरीज को अब तक आईसीयू में ले जाने की जरूरत नहीं हुई। साथ ही 64 फीसदी संक्रमितों को वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी है। सोमवार को मिले नए संक्रमितों के साथ ही दिल्ली में कुल मामले बढ़कर 28, कर्नाटक में 19 और केरल में 15 हो गए हैं, जबकि सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में 54 हैं।

बूस्टर खुराक लगाने की इजाजत मिले: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से बूस्टर खुराक लगाने की अनुमति मांगी है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा दिल्ली में बढ़ रहे मामले को देखते हुए केंद्र इसकी मंजूरी दे, ताकि हम जरूरतमंद लोगों को समय रहते वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक दे सकें।

विस्तार

ओमिक्रॉन सहित कोरोना वायरस के चिंताजनक स्वरूप का पता लगाने के लिए जल्द ही निजी प्रयोगशालाओं में भी जांच की सुविधा शुरू होगी।  देश में तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए आरटी पीसीआर की तरह अब प्राइवेट लैब भी जीनोम सीक्वेंसिंग कर सकेगीं। 

दिल्ली सहित देश में सोमवार को 15 नए संक्रमितों के साथ ही ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या 168 हो गई। केंद्र सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग को निजी लैब की पहचान और योग्यता देखने के साथ करार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उम्मीद है कि नए साल में निजी लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू हो सकती है।

इन्साकॉग के अधिकारी ने बताया कि इस समय 28 सरकारी लैब में सीक्वेंसिंग की जा रही है, लेकिन सैंपल की संख्या बढ़ने से यहां काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसीलिए सरकार ने प्राइवेट या किसी भी सरकारी लैब को इसमें सहभागिता करने का मौका दिया है। इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं, जिनमें एक महीने में कम से कम 80 हजार सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होना करना जरूरी है।

सीधे नहीं करा सकेंगे सीक्वेंसिंग

जिन निजी लैब को जीनोम सीक्वेंसिंग करनी है उन्हें पहले आवेदन देना होगा। उक्त लैब को सरकार से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक सैंपल के हिसाब से एमओयू में तय कीमत इन्हें मिलेगी। फिलहाल कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं करा सकेगा।

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