New Noida Authority News : सैटेलाइट से न्यू नोएडा का होगा एक्सरे!, हर निर्माण पर रहेगी नोएडा अथॉरिटी की पैनी नजर, मास्टर प्लान 2041 के तहत सुनियोजित विकास की नींव रखने की तैयारी तेज
न्यू नोएडा का ब्लूप्रिंट: मास्टर प्लान-2041 के तहत विकास को मिलेगी गति, अवैध निर्माण पर भी कसेगा शिकंजा

न्यू नोएडा/रफ़्तार टुडे ब्यूरो।
दादरी से खुर्जा के बीच 80 गांवों की ज़मीन पर प्रस्तावित ‘दादरी-गाजियाबाद-नोएडा इनवेस्टमेंट रीजन’ यानी न्यू नोएडा की तस्वीर अब और स्पष्ट होने जा रही है। नोएडा प्राधिकरण ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए ज़मीन पर विकास की ठोस शुरुआत से पहले सेटेलाइट डेटा के माध्यम से बेसमैप तैयार कराने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया से न केवल भविष्य की सड़कों, इमारतों और संस्थानों की योजना बनेगी, बल्कि पहले से हो रहे या हो चुके अवैध निर्माणों की भी पहचान हो सकेगी। यह बेसमैप न्यू नोएडा को सुनियोजित और आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने की नींव साबित होगा।
सेटेलाइट मैपिंग से अवैध निर्माण पर लगेगा लगाम, जमीन के सही उपयोग की होगी प्लानिंग
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, सेटेलाइट मैपिंग से पूरे क्षेत्र की सड़क संरचना, जल निकासी व्यवस्था, हरित पट्टी, गांवों की स्थिति और अन्य बुनियादी ढांचे की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी। इससे बेसमैप तैयार होगा, जो न्यू नोएडा मास्टर प्लान 2041 की संरचना में उपयोग किया जाएगा। खास बात यह है कि इसी बेसमैप की मदद से प्राधिकरण अवैध निर्माणों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकेगा। इससे पहले जब कार्रवाई होती थी, तब निर्माणकर्ता यह कहकर बच निकलते थे कि निर्माण मास्टर प्लान लागू होने से पहले का है।
जोखाबाद और सांवली गांव में अस्थाई कार्यालय की तैयारी, 10 हजार वर्ग मीटर जमीन चिन्हित
न्यू नोएडा के पहले चरण के कार्यों को गति देने के लिए प्राधिकरण ने अस्थाई कार्यालय खोलने की भी योजना बनाई है। इसके लिए जोखाबाद और सांवली गांव के पास सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में 10,000 वर्ग मीटर ज़मीन चिह्नित की गई है। इससे अधिकारियों और कर्मचारियों को क्षेत्र में निरंतर निगरानी और विकास कार्यों की गति सुनिश्चित करने में सुविधा मिलेगी।

मास्टर प्लान 2041 में तय किए गए हैं चार विकास चरण, पहला चरण 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य
न्यू नोएडा विकास प्रोजेक्ट को चार चरणों में विभाजित किया गया है:
- पहला चरण: 3,165 हेक्टेयर में विकास कार्य, लक्ष्य वर्ष 2027
- दूसरा चरण: 3,798 हेक्टेयर में विकास कार्य, लक्ष्य वर्ष 2032
- तीसरा चरण: 5,908 हेक्टेयर में विकास कार्य, लक्ष्य वर्ष 2037
- चौथा चरण: 8,230 हेक्टेयर में विकास कार्य, लक्ष्य वर्ष 2041
इन चरणों के तहत औद्योगिक, संस्थागत, वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्रों का विस्तृत विकास किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को औद्योगिक और शहरी विकास के मामले में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
लैंड पुलिंग मॉडल पर भी विचार, लेकिन उपयोग की स्पष्टता नहीं
प्राधिकरण लैंड पुलिंग मॉडल पर भी विचार कर रहा है, जिसमें किसान अपनी ज़मीन विकास के लिए देते हैं और बदले में उन्हें विकसित ज़मीन का कुछ हिस्सा वापस मिलता है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी चुनौती यह है कि किसान को मिलने वाली ज़मीन किस प्रयोजन के लिए उपयोग होगी — औद्योगिक, वाणिज्यिक, या आवासीय — यह स्पष्ट नहीं है। इससे मास्टर प्लान के तहत सुनियोजित विकास पर असर पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, अगर औद्योगिक क्षेत्र के बगल में वाणिज्यिक प्लॉट बना दिया गया, तो ट्रैफिक, पर्यावरण और ज़ोनिंग नियमों में दिक्कतें पैदा होंगी।
जमीन दरों को लेकर भी मंथन जारी, सांसद और विधायकों के साथ होगी बैठक
नोएडा प्राधिकरण किसानों से आपसी समझौते के तहत ज़मीन लेगा, लेकिन अब तक जमीन दरें तय नहीं की गई हैं। न्यू नोएडा की सीमा यमुना और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से जुड़ी है, लेकिन इसका विकास नोएडा प्राधिकरण करेगा। ऐसे में दरों को लेकर पारदर्शिता बनाए रखने और संतुलन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी

पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और जीटी रोड के आसपास से होगी विकास की शुरुआत
प्राधिकरण ने विकास कार्यों की शुरुआत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और जीटी रोड के पास के इलाकों से करने का निर्णय लिया है। यहां पर मास्टर प्लान के अंतर्गत औद्योगिक और संस्थागत उपयोग के लिए जगह चिह्नित की गई है। इन क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, सड़क नेटवर्क और आवागमन को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि जल्द से जल्द निवेश को आकर्षित किया जा सके।
बेसमैप से खुलेगी हर इंच ज़मीन की हकीकत
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि सेटेलाइट मैपिंग के माध्यम से गांवों में अब तक हुए हर निर्माण की स्थिति और प्रकृति का पूरा ब्यौरा मिलेगा। इससे प्राधिकरण को यह जानने में आसानी होगी कि किन क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग हुई है, कहां निर्माण उचित है और किन जगहों पर पुनर्विकास की जरूरत है।
निष्कर्ष: न्यू नोएडा का सपना अब टेक्नोलॉजी की आंख से होगा साकार
न्यू नोएडा को स्मार्ट, ग्रीन और इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में नोएडा प्राधिकरण ने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। सेटेलाइट बेसमैप और मास्टर प्लान 2041 के तहत शहर की हर दीवार, हर गली और हर योजना अब पहले से ज्यादा पारदर्शी, योजनाबद्ध और समयबद्ध होगी। अगर सबकुछ तयशुदा योजना के अनुसार चलता है तो न्यू नोएडा अगले दो दशकों में भारत के सबसे बड़े और सुनियोजित इंडस्ट्रियल हब्स में शामिल हो जाएगा।
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