खेलकूद

देश के पारंपरिक खेलों में कुश्ती शामिल है – जोगिन्दर सिंह

नोएडा, रफ्तार टुडे। पारंपरिक खेल कुश्ती को प्रोत्साहित करने के लिए पिछले 27 वर्षों से आयोजित किए जा रहे ऋषिपाल मेमोरियल दंगल का समापन हो गया। दंगल में डेढ़ सौ से अधिक पहलवानों ने हिस्सा लिया।

नयाबांस स्थित ऋषिपाल क्रीडा स्थल पर आयोजित इस दंगल में राजस्थान सरकार में देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री) जोगिंदर सिंह अवाना ने भी किसान नेता स्वर्गीय ऋषिपाल अवाना को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। दंगल स्थल पर से बातचीत करते हुये कि देश के पारंपरिक खेलों में कुश्ती शामिल है। 80 फीसदी से अधिक लोग आज भी गांवों में निवास करते हैं। इसलिए कुश्ती, कबड्डी व वालीबॉल जैसे खेलों को बढ़ावा देना चाहिए। राजस्थान सरकार इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही है। इस अवसर पर उन्होने किसान नेता ऋषिपाल अवाना को याद करते हुये कहा कि 28 साल पहले एक सड़क हादसे में शानदार नेता को कुदरत ने हमसे छीन लिया था। वह हमेशा इस तरह के आयोजनों के द्वारा जिंदा रहेंगे।

इस दंगल में पुरुष पहलवानों के साथ ही महिला पहलवानों ने भी हिस्सा लिया। ऋषिपाल केसरी टाइटिल के लिए तकरीबन 29 कुश्तियां हुईं। महिलाओं की तकरीबन 20 कुश्तियां हुई। दंगल में बाल पहलवानों को प्रोत्साहित करने के लिए तकरीबन 100 कुश्तियां हुई। प्रतियोगिता में नेत्रपाल, नवल किशोर, वंदना चौधरी, विजय खत्री, प्रदीप, अनिल एसएसबी, ललित कुमार व रवि कुमार ने रेफरी की भूमिका निभाई।

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