आदित्य पाण्डेय, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Wed, 22 Dec 2021 06:04 AM IST
सार
दक्षिणी निगम के एप पर अब बगैर उपस्थिति दर्ज किए इन्हें नहीं मिलेगा वेतन, निगमायुक्त ने दिया सख्त निर्देश।
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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने गुमनाम इलेक्ट्रिशियन के वेतन पर करोड़ो रुपया खर्च कर दिया, जबकि ये इलेक्ट्रिशियन ड्यूटी पर हैं या नहीं, इसकी जानकारी निगम के आला अधिकारियों के पास अभी तक नहीं थी। निगम की जानकारी में हाल ही में यह मामला सामने आया, इसपर निगमायुक्त ने सख्ती दिखाई है।
निगम के साथ काम करने वाले इलेक्ट्रिशियन अपनी उपस्थिति उस एजेंसी के सुपरवाइजर के संज्ञान में दर्ज कराते हैं, जिसके माध्यम से वह निगम से जुड़े हैं। पता चला कि इनके ड्यूटी पर आने-नहीं आने का डाटा निगम के पास नहीं है। यह जानकारी निगम के आला अधिकारियों और निगम आयुक्त को मिली। उन्हें यह भी पता चला कि निगम ने इन कर्मचारियों को करीब छह करोड़ रुपया वेतन भी दिया है। लेकिन इनके काम के विषय में किसी अधिकारी को कुछ नहीं पता।
एजेंसी से कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक दक्षिणी निगम के पास सालों से छह इलेक्ट्रिशियन, उनके सहायक मजदूर काम करते हैं। लेकिन दक्षिणी निगम के चारों जोनों के कर्मचारियों को यह जानकारी नहीं है। नतीजतन आए दिन जोनल कार्यालयों में इलेक्ट्रिशियन की नियुक्ति को लेकर सुगबुगाहट होती और धीरे-धीरे यह शांत हो जाती। अब इन गुमनाम कर्मियों की जानकारी सबको हुई है।
निगमायुक्त ने सख्त रुख अपनाया
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एप पर उपस्थिति दर्ज किए बगैर संविदा कर्मियों को अब वेतन नहीं मिलेगा। निगम ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाया है। संविदा कर्मचारी जिस एजेंसी के जरिए निगम से जुड़े हैं, वह अबतक उन्हीं की जानकारी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे, लेकिन अब उन्हें अपनी एजेंसी के अलावा निगम को भी अपनी उपस्थिति की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी।
उपायुक्त की निगरानी में होगी उपस्थिति
निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए निगम के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि अब निगम से जुड़ी एजेंसियों के संविदा कर्मी जबतक निगम के एप पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे, उनका वेतन नहीं दिया जाएगा। ज्ञानेश भारती ने साफ किया कि संविदा कर्मियों की उपस्थिति उनकी एजेंसी के सुपरवाइजर के अलावा निगम के उपायुक्त और सहायक आयुक्त दर्ज करेंगे।
विस्तार
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने गुमनाम इलेक्ट्रिशियन के वेतन पर करोड़ो रुपया खर्च कर दिया, जबकि ये इलेक्ट्रिशियन ड्यूटी पर हैं या नहीं, इसकी जानकारी निगम के आला अधिकारियों के पास अभी तक नहीं थी। निगम की जानकारी में हाल ही में यह मामला सामने आया, इसपर निगमायुक्त ने सख्ती दिखाई है।
निगम के साथ काम करने वाले इलेक्ट्रिशियन अपनी उपस्थिति उस एजेंसी के सुपरवाइजर के संज्ञान में दर्ज कराते हैं, जिसके माध्यम से वह निगम से जुड़े हैं। पता चला कि इनके ड्यूटी पर आने-नहीं आने का डाटा निगम के पास नहीं है। यह जानकारी निगम के आला अधिकारियों और निगम आयुक्त को मिली। उन्हें यह भी पता चला कि निगम ने इन कर्मचारियों को करीब छह करोड़ रुपया वेतन भी दिया है। लेकिन इनके काम के विषय में किसी अधिकारी को कुछ नहीं पता।
एजेंसी से कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक दक्षिणी निगम के पास सालों से छह इलेक्ट्रिशियन, उनके सहायक मजदूर काम करते हैं। लेकिन दक्षिणी निगम के चारों जोनों के कर्मचारियों को यह जानकारी नहीं है। नतीजतन आए दिन जोनल कार्यालयों में इलेक्ट्रिशियन की नियुक्ति को लेकर सुगबुगाहट होती और धीरे-धीरे यह शांत हो जाती। अब इन गुमनाम कर्मियों की जानकारी सबको हुई है।
निगमायुक्त ने सख्त रुख अपनाया
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एप पर उपस्थिति दर्ज किए बगैर संविदा कर्मियों को अब वेतन नहीं मिलेगा। निगम ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाया है। संविदा कर्मचारी जिस एजेंसी के जरिए निगम से जुड़े हैं, वह अबतक उन्हीं की जानकारी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे, लेकिन अब उन्हें अपनी एजेंसी के अलावा निगम को भी अपनी उपस्थिति की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी।
उपायुक्त की निगरानी में होगी उपस्थिति
निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए निगम के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि अब निगम से जुड़ी एजेंसियों के संविदा कर्मी जबतक निगम के एप पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे, उनका वेतन नहीं दिया जाएगा। ज्ञानेश भारती ने साफ किया कि संविदा कर्मियों की उपस्थिति उनकी एजेंसी के सुपरवाइजर के अलावा निगम के उपायुक्त और सहायक आयुक्त दर्ज करेंगे।
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