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Report On Call Of Serious Crime Will Now Have To Be Given In Two Hours – गंभीर अपराध की कॉल पर अब दो घंटे में देनी होगी रिपोर्ट

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पुरुषोत्तम वर्मा
नई दिल्ली। अब थानाध्यक्षों को गंभीर अपराध की कॉल पर दो घंटे में रिपोर्ट देनी होगी। थानाध्यक्ष को बताना होगा कि गंभीर अपराध की कॉल पर उन्होंने एफआईआर दर्ज की या नहीं। दर्ज नहीं की तो क्यों नहीं की। साथी झूठी कॉल करने वाले को भी दिल्ली पुलिस अब बंद करेगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की ओर से सभी डीसीपी को ये आदेश दिए गए हैं।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आदेश दिए हैं कि अब गंभीर अपराध की कॉल होने पर थानाध्यक्षों को अपने जिला डीसीपी को बताना होगा कि उन्होंने कॉल पर क्या कदम उठाया। गंभीर अपराध की कॉल पर मामला दर्ज किया या नहीं। अगर मामला दर्ज नहीं किया जो क्यों नहीं किया है।
द्वारका जिला डीसीपी ने इस बाबत सभी थानाध्यक्षों को दो दिन पहले ही बैठक में ब्रीफ किया है। आदेश में कहा गया है कि गंभीर अपराध की कॉल पर थानाध्यक्ष व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मौके पर जाएंगे। वह मौके से जिला व्हाट्सएप ग्रुप में अपनी लोकेशन जिला डीसीपी को भेजेंगे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस आयुक्त ने आदेश दिए हैं कि अब सभी गंभीर अपराध की कॉल पर एफआईआर तुरंत दर्ज की जाएगी। साथ में ये भी कहा गया है कि अगर गंभीर अपराध की कोई झूठी कॉल करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे आरोपी को शांति भंग करने यानि 107/151 में संबंधित थाना पुलिस बंद करेगी।
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त ने स्ट्रीट क्राइम को रोकने के लिए व जनता की सुविधा के लिए ये कदम उठाए हैं। पुलिस आयुक्त ने हाल ही में आदेश जारी किए थे जिले के तीन डीसीपी में से एक डीसीपी रात को जिले में रुकेगा। वह रात में इलाके में पेट्रोलिंग भी करेगा।
अभी तक हालात बता दिए जाते थे
गंभीर अपराध की कॉल पर थानाध्यक्ष मौके पर जाता था। मौके पर पहुंचकर वह कॉल के हालात वायरलेस सैट पर बता देता था। इसके बाद ये तय नहीं होता था कि कॉल पर मामला दर्ज होगा या नहीं। होगा तो कब होगा। अब थानाध्यक्षों को दो घंटे में मामला दर्जकर जिला डीसीपी को हालात बताने होंगे।
थानों को दो विंगों में बांटा गया
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने अभी थानों को दो विंगों में बांटा है। एक विंग लॉ एंड ऑर्डर की होगी जबकि दूसरी तफ्तीश विंग होगी। तफ्तीश विंग कॉल होने पर एफआईआर दर्ज करेगी और वही तफ्तीश करेगी। कॉल पर शुरूआत में लॉ एंड ऑर्डर के पुलिसकर्मी जाएंगे और वह हालात बताएंगे। इसके बाद तफ्तीश विंग जांच करेगी।

पुरुषोत्तम वर्मा

नई दिल्ली। अब थानाध्यक्षों को गंभीर अपराध की कॉल पर दो घंटे में रिपोर्ट देनी होगी। थानाध्यक्ष को बताना होगा कि गंभीर अपराध की कॉल पर उन्होंने एफआईआर दर्ज की या नहीं। दर्ज नहीं की तो क्यों नहीं की। साथी झूठी कॉल करने वाले को भी दिल्ली पुलिस अब बंद करेगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की ओर से सभी डीसीपी को ये आदेश दिए गए हैं।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आदेश दिए हैं कि अब गंभीर अपराध की कॉल होने पर थानाध्यक्षों को अपने जिला डीसीपी को बताना होगा कि उन्होंने कॉल पर क्या कदम उठाया। गंभीर अपराध की कॉल पर मामला दर्ज किया या नहीं। अगर मामला दर्ज नहीं किया जो क्यों नहीं किया है।

द्वारका जिला डीसीपी ने इस बाबत सभी थानाध्यक्षों को दो दिन पहले ही बैठक में ब्रीफ किया है। आदेश में कहा गया है कि गंभीर अपराध की कॉल पर थानाध्यक्ष व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मौके पर जाएंगे। वह मौके से जिला व्हाट्सएप ग्रुप में अपनी लोकेशन जिला डीसीपी को भेजेंगे।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस आयुक्त ने आदेश दिए हैं कि अब सभी गंभीर अपराध की कॉल पर एफआईआर तुरंत दर्ज की जाएगी। साथ में ये भी कहा गया है कि अगर गंभीर अपराध की कोई झूठी कॉल करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे आरोपी को शांति भंग करने यानि 107/151 में संबंधित थाना पुलिस बंद करेगी।

बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त ने स्ट्रीट क्राइम को रोकने के लिए व जनता की सुविधा के लिए ये कदम उठाए हैं। पुलिस आयुक्त ने हाल ही में आदेश जारी किए थे जिले के तीन डीसीपी में से एक डीसीपी रात को जिले में रुकेगा। वह रात में इलाके में पेट्रोलिंग भी करेगा।

अभी तक हालात बता दिए जाते थे

गंभीर अपराध की कॉल पर थानाध्यक्ष मौके पर जाता था। मौके पर पहुंचकर वह कॉल के हालात वायरलेस सैट पर बता देता था। इसके बाद ये तय नहीं होता था कि कॉल पर मामला दर्ज होगा या नहीं। होगा तो कब होगा। अब थानाध्यक्षों को दो घंटे में मामला दर्जकर जिला डीसीपी को हालात बताने होंगे।

थानों को दो विंगों में बांटा गया

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने अभी थानों को दो विंगों में बांटा है। एक विंग लॉ एंड ऑर्डर की होगी जबकि दूसरी तफ्तीश विंग होगी। तफ्तीश विंग कॉल होने पर एफआईआर दर्ज करेगी और वही तफ्तीश करेगी। कॉल पर शुरूआत में लॉ एंड ऑर्डर के पुलिसकर्मी जाएंगे और वह हालात बताएंगे। इसके बाद तफ्तीश विंग जांच करेगी।

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