प्रगति मिश्रा, नोएडा
Published by: सुशील कुमार
Updated Tue, 30 Nov 2021 09:00 AM IST
सार
विशेषज्ञों का कहना है कि भाषायी ज्ञान से जीवन में सफलता के साथ अलग पहचान भी बनती है। जिले में कई संस्थान विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण देने के लिए ही संचालित होते हैं।
भाषा हमारे संचार का प्रमुख माध्यम है। इसके विविध रूप हैं। वैश्वीकरण के दौर में दुनिया भर के देशों में आपसी संचार की आवश्यकता बढ़ी है। इस वजह से विविध भाषाओं के ज्ञान की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि अब स्कूल से लेकर कॉलेज तक में विदेशी भाषाएं सीखने और सीखाने के प्रति विद्यार्थियों एवं शैक्षणिक संस्थानों का रुझान बढ़ रहा है। जिले में भी विदेशी भाषाओं के कोर्स का प्रचलन तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भाषायी ज्ञान से जीवन में सफलता के साथ अलग पहचान भी बनती है। जिले में कई संस्थान विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण देने के लिए ही संचालित होते हैं। वहीं, सामान्य स्कूलों और कॉलेजों में भी एडिशनल कोर्स के तौर पर विदेशी भाषाएं सिखाई जा रही हैं। लैंग्वेज नेक्सट, दिल्ली स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेज, इंटरनेशनल लिंग्वा इंस्टीट्यूट, नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन लैंग्वेज जैसे कई निजी संस्थान विदेशी भाषाओं में सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स कराते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आंत्रप्रिन्योर्स एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट (निसबड) जैसे सरकारी संस्थान भी विदेशी भाषा कोर्सों का संचालन करते हैं। शासन से निर्देशों के आधार पर शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण पर योजनाएं बना रहा है। अधिकतर निजी स्कूल अपने छात्रों को प्राइमरी कक्षाओं से ही फ्रेंच और जर्मन जैसी विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में विदेशी भाषाओं का ज्ञान देने के साथ अलग से भी कोर्स संचालित किए जा रहे हैं।
विस्तार
भाषा हमारे संचार का प्रमुख माध्यम है। इसके विविध रूप हैं। वैश्वीकरण के दौर में दुनिया भर के देशों में आपसी संचार की आवश्यकता बढ़ी है। इस वजह से विविध भाषाओं के ज्ञान की जरूरत भी बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि अब स्कूल से लेकर कॉलेज तक में विदेशी भाषाएं सीखने और सीखाने के प्रति विद्यार्थियों एवं शैक्षणिक संस्थानों का रुझान बढ़ रहा है। जिले में भी विदेशी भाषाओं के कोर्स का प्रचलन तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भाषायी ज्ञान से जीवन में सफलता के साथ अलग पहचान भी बनती है। जिले में कई संस्थान विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण देने के लिए ही संचालित होते हैं। वहीं, सामान्य स्कूलों और कॉलेजों में भी एडिशनल कोर्स के तौर पर विदेशी भाषाएं सिखाई जा रही हैं। लैंग्वेज नेक्सट, दिल्ली स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेज, इंटरनेशनल लिंग्वा इंस्टीट्यूट, नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन लैंग्वेज जैसे कई निजी संस्थान विदेशी भाषाओं में सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स कराते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आंत्रप्रिन्योर्स एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट (निसबड) जैसे सरकारी संस्थान भी विदेशी भाषा कोर्सों का संचालन करते हैं। शासन से निर्देशों के आधार पर शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण पर योजनाएं बना रहा है। अधिकतर निजी स्कूल अपने छात्रों को प्राइमरी कक्षाओं से ही फ्रेंच और जर्मन जैसी विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में विदेशी भाषाओं का ज्ञान देने के साथ अलग से भी कोर्स संचालित किए जा रहे हैं।
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