उत्तर प्रदेश,रफ्तार टुडे । यूपी के एमएलसी चुनाव में एक बार फिर बाहुबलियों ने बादशाहत साबित की है। माफिया व बाहुबली, डॉन बृजेश सिंह और राजाभैया के सामने सपा-भाजपा की रणनीति भी काम नहीं आई।
विधान परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्ट ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है तो समाजवादी पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। 36 सीटों पर हुए चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया। भाजपा ने 36 सीट में से 33 पर जीत दर्ज जी लेकिन तीन सीटों पर उसे निर्दलीय प्रत्याशियों ने झटका दिया है।
वाराणसी-चंदौली-भदोही सीट पर बीजेपी प्रत्याशी डा. सुदामा पटेल को निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह के हाथों मात खानी पड़ी है। अन्नपूर्णा माफिया बृजेश सिंह की पत्नी हैं।
प्रतापगढ़ एमएलसी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह को करारी मात खानी पड़ी है। यहां पर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की है। अक्षय प्रताप सिंह बाहुबली माने जाते हैं।
आजमगढ़ में भाजपा से निष्कासित नेता यशवंत सिंह ने अपने बेटे विक्रांत सिंह को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारा था और वो अपने बेटे को जिताने में कामयाब हो गए हैं।
बता दें कि कुल 27 एमएलसी सीटों पर 95 उम्मीदवार मैदान में थे। यूपी विधान परिषद में कुल 36 सीटें हैं। इसमें से 9 सदस्य पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं
इस जीत के बाद CM योगी ने ट्विटर पर लिखा, ”आज उत्तर प्रदेश के स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनावों में बीजेपी की प्रचण्ड विजय ने पुनः स्पष्ट कर दिया है कि आदरणीय प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रदेश की जनता राष्ट्रवाद, विकास एवं सुशासन के साथ है।
सपा ने इस हार पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में जाति को लेकर सवाल उठाया है। सपा ने कहा है कि एमएलसी चुनाव में जिन 36 उम्मीदवारों की जीत हुई है, उनमें से 18 ठाकुर हैं।