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New Variant Not Found Yet But Delhi Government May Increase Genome Sequencing – दिल्ली : अभी नहीं मिला नया वेरिएंट, दिल्ली सरकार बढ़ा सकती है जीनोम सीक्वेंसिंग

सार

सोमवार को डीडीएमए की बैठक में लिया जा सकता है फैसला, सरकार की दो लैब को जिम्मेदारी। 

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विदेशों में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मिलने के बाद दिल्ली सरकार सतर्क हो गई है। ऐसे में इस घातक वेरिएंट को दिल्ली आने से रोकने के लिए सरकार ने खास तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। आगामी सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में जीनोम सीक्वेसिंग बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। साथ ही हाई रिस्क जोन से आने वालों को एयरपोर्ट के आसपास ही क्वारंटीन करने की सुविधा भी दी जा सकती है। 

शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर जांच करने वाली दो लैब ने पुष्टि की है कि उनके यहां अब तक कोई संक्रमित यात्री नहीं मिला है। इनमें से एक लैब के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि हर दिन हाई रिस्क जोन से यात्री दिल्ली पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रत्येक यात्री की आरटी पीसीआर रिपोर्ट देखने के अलावा इनकी जीनोम सीक्वेसिंग होना भी जरूरी है ताकि यह पता चले कि नया वेरिएंट कहीं किसी और देश की यात्रा करते हुए भारत तो नहीं पहुंच रहा। पिछले वर्ष भी ऐसा ही कुछ हुआ था इसलिए अबकी बार उन्हें विशेष ध्यान रखने और हर यात्री की सीक्वेसिंग करने के लिए कहा गया है। 

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोविड प्रोटोकाल को सार्वजनिक स्थलों पर सख्ती से लागू करवाएं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों को तेजी से काम करना है। 

दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि उनके यहां पर्याप्त क्षमता में जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है। नए वेरिएंट को लेकर अभी तक लिखित निर्देश नहीं मिले हैं लेकिन अगर सरकार जीनोम सीक्वेसिंग बढ़ाती है तो उनके यहां पर्याप्त सुविधाएं हैं और तत्काल इनकी संख्या बढ़ा सकते हैं। 

वहीं कड़कड़डूमा स्थित प्रदेश स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोकनायक के अलावा आईएलबीएस अस्पताल में भी जीनोम सीक्वेसिंग की सुविधा है। इन दोनों लैब में सीक्वेसिंग बढ़ाने का फैसला लेने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा से लौटे यात्रियों के अलावा दिल्ली के लोगों के भी सैंपल लेकर सीक्वेसिंग पर जोर दिया जाएगा। हालांकि यह सैपलिंग पूलिंग प्रक्रिया के तहत होगी। किसी एक जिले के एक क्षेत्र को चुनते हुए वहां के कुछ लोगों के रैंडम सैंपल लेकर सीक्वेसिंग होगी। उन्होंने बताया कि अभी दिल्ली में सबसे अधिक सैंपल डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मिल चुके हैं। दिल्ली में करीब 40 फीसदी से अधिक डेल्टा वेरिएंट के ही प्रसारित होने का अनुमान है। 

सरकार से मिले निर्देश, अभी नया वेरिएंट नहीं
दिल्ली एयरपोर्ट पर हाई रिस्क वाले देशों से आए नागरिकों में कोरोना का नया वेरिएंट नहीं मिला है। एयरपोर्ट पर जांच करने वाली लैब के कर्मचारी ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका, हॉगकॉग और बोत्सवाना समेत हाईरिस्क देशों से आने वाले नागरिकों की कोरोना जांच करने और उनके सैंपल की जीनोम सीक्वेसिंग कराने के निर्देश सरकार से मिले हैं। 

एलजी-सीएम लेगें अंतिम फैसला
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को डीडीएमए की बैठक में एलजी अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने जीनोम सीक्वेसिंग बढ़ाने, एयरपोर्ट के पास ही क्वारंटीन सेवा देने, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की 14 दिन तक निगरानी रखने और उनके परिवार की जांच इत्यादि करने जैसी सिफारिशें रखी जा सकती हैं जिन पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
 

दिल्ली में 27 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं 15 दिन बाद एक मरीज की संक्रमण के चलते मौत हुई है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बीते 12 नवंबर को एक दिन में संक्रमण से दो मरीजों की मौत हुई थी। इसके बाद शुक्रवार को एक मरीज की मौत दर्ज की गई है।

इस दौरान 37 मरीजों को स्वस्थ घोषित भी किया गया। इसी के साथ ही कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1440834 हो चुकी है जिनममें से 1415448 मरीज ठीक हुए हैं। वहीं 25096 मरीजों की मौत हो चुकी है। फिलहाल सक्रिय मरीजों की संख्या कम होकर 290 हो चुकी है। वहीं 113 इलाके अभी भी कंटेनमेंट जोन में है। विभाग के अनुसार पिछले एक दिन में 86544 लोगों को वैक्सीन दिया गया है। राजधानी में अब तक 86.05 लाख व्यस्क आबादी कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेकर टीकाकरण पूरा कर चुकी है। जबकि कुल व्यस्क आबादी करीब 1.50 करोड़ के आसपास है।

विस्तार

विदेशों में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मिलने के बाद दिल्ली सरकार सतर्क हो गई है। ऐसे में इस घातक वेरिएंट को दिल्ली आने से रोकने के लिए सरकार ने खास तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। आगामी सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में जीनोम सीक्वेसिंग बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। साथ ही हाई रिस्क जोन से आने वालों को एयरपोर्ट के आसपास ही क्वारंटीन करने की सुविधा भी दी जा सकती है। 

शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर जांच करने वाली दो लैब ने पुष्टि की है कि उनके यहां अब तक कोई संक्रमित यात्री नहीं मिला है। इनमें से एक लैब के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि हर दिन हाई रिस्क जोन से यात्री दिल्ली पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रत्येक यात्री की आरटी पीसीआर रिपोर्ट देखने के अलावा इनकी जीनोम सीक्वेसिंग होना भी जरूरी है ताकि यह पता चले कि नया वेरिएंट कहीं किसी और देश की यात्रा करते हुए भारत तो नहीं पहुंच रहा। पिछले वर्ष भी ऐसा ही कुछ हुआ था इसलिए अबकी बार उन्हें विशेष ध्यान रखने और हर यात्री की सीक्वेसिंग करने के लिए कहा गया है। 

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोविड प्रोटोकाल को सार्वजनिक स्थलों पर सख्ती से लागू करवाएं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों को तेजी से काम करना है। 

दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि उनके यहां पर्याप्त क्षमता में जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है। नए वेरिएंट को लेकर अभी तक लिखित निर्देश नहीं मिले हैं लेकिन अगर सरकार जीनोम सीक्वेसिंग बढ़ाती है तो उनके यहां पर्याप्त सुविधाएं हैं और तत्काल इनकी संख्या बढ़ा सकते हैं। 

वहीं कड़कड़डूमा स्थित प्रदेश स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोकनायक के अलावा आईएलबीएस अस्पताल में भी जीनोम सीक्वेसिंग की सुविधा है। इन दोनों लैब में सीक्वेसिंग बढ़ाने का फैसला लेने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा से लौटे यात्रियों के अलावा दिल्ली के लोगों के भी सैंपल लेकर सीक्वेसिंग पर जोर दिया जाएगा। हालांकि यह सैपलिंग पूलिंग प्रक्रिया के तहत होगी। किसी एक जिले के एक क्षेत्र को चुनते हुए वहां के कुछ लोगों के रैंडम सैंपल लेकर सीक्वेसिंग होगी। उन्होंने बताया कि अभी दिल्ली में सबसे अधिक सैंपल डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मिल चुके हैं। दिल्ली में करीब 40 फीसदी से अधिक डेल्टा वेरिएंट के ही प्रसारित होने का अनुमान है। 

सरकार से मिले निर्देश, अभी नया वेरिएंट नहीं

दिल्ली एयरपोर्ट पर हाई रिस्क वाले देशों से आए नागरिकों में कोरोना का नया वेरिएंट नहीं मिला है। एयरपोर्ट पर जांच करने वाली लैब के कर्मचारी ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका, हॉगकॉग और बोत्सवाना समेत हाईरिस्क देशों से आने वाले नागरिकों की कोरोना जांच करने और उनके सैंपल की जीनोम सीक्वेसिंग कराने के निर्देश सरकार से मिले हैं। 

एलजी-सीएम लेगें अंतिम फैसला

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को डीडीएमए की बैठक में एलजी अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने जीनोम सीक्वेसिंग बढ़ाने, एयरपोर्ट के पास ही क्वारंटीन सेवा देने, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की 14 दिन तक निगरानी रखने और उनके परिवार की जांच इत्यादि करने जैसी सिफारिशें रखी जा सकती हैं जिन पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

 

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