Sharda University News : "शारदा अस्पताल में फायर मॉक ड्रिल, जान-माल की सुरक्षा के लिए जागरूकता और तैयारी का अनूठा प्रयास", आग बुझाने के शुरुआती उपाय, सतर्कता और संसाधन की अहमियत
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। नॉलेज पार्क स्थित शारदा अस्पताल में अग्निशमन जागरूकता बढ़ाने और आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अस्पताल के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने भाग लिया। अग्निशमन विभाग के विशेषज्ञों ने आग बुझाने के तरीकों और आपात स्थिति में सुरक्षित कदम उठाने की जानकारी दी।
आग बुझाने के शुरुआती उपाय: सतर्कता और संसाधन की अहमियत
शारदा अस्पताल के पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा विभाग के प्रमुख सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि आग लगने की स्थिति में शुरुआती कदम ही सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने समझाया: संभावित जोखिम वाले स्थानों पर बाल्टी में पानी, गमछा, और बालू की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
आग की प्रकृति को समझते हुए तुरंत उसे बुझाने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि आग फैलने पर स्थिति नियंत्रित करना बेहद कठिन हो जाता है।
उन्होंने कर्मचारियों को सतर्क रहने और आपसी सहयोग से आपात स्थिति का सामना करने की सलाह दी।
अग्निशमन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका: प्राथमिकता से रास्ता देना अनिवार्य
शारदा अस्पताल के डायरेक्टर पीआर, डॉ. अजीत कुमार ने फायर मॉक ड्रिल के दौरान मार्गदर्शन देते हुए कहा कि जब खुद आग बुझाना संभव न हो, तो तत्काल अग्निशमन विभाग को सूचित करना चाहिए।
उन्होंने जोर दिया कि:
अग्निशमन वाहन को प्राथमिकता देना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यदि मार्ग में फायर ब्रिगेड का वाहन दिखे, तो तुरंत रास्ता देना चाहिए।
अग्निशमन वाहन का समय पर पहुंचना न केवल संपत्ति, बल्कि जीवन बचाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
डॉ. अजीत ने यह भी कहा कि अग्निशमन वाहनों को एंबुलेंस से भी अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि आग लगने की स्थिति में देरी जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
कर्मचारियों के लिए जागरूकता अभियान
इस ड्रिल में अस्पताल के सभी विभागों के कर्मचारियों को शामिल किया गया, जहां उन्हें: आग लगने के शुरुआती संकेतों की पहचान।
प्राथमिक उपकरणों का उपयोग।
सुरक्षित निकासी और अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रक्रियाओं के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कर्मचारियों को आत्मनिर्भर बनाना और किसी भी आपात स्थिति में सही निर्णय लेने के लिए तैयार करना था।
जागरूकता के माध्यम से सुरक्षा का संदेश
फायर मॉक ड्रिल न केवल अस्पताल के कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणादायक पहल थी। यह आयोजन आग से होने वाले खतरों और उनसे बचाव के महत्व पर जोर देता है। शारदा अस्पताल की यह पहल सामुदायिक सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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