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Apple News In India : टाटा ग्रुप का बड़ा गेम प्लान, पेगाट्रॉन के तमिलनाडु आईफोन प्लांट की होगी खरीद, भारत में मैन्युफैक्चरिंग का नया दौर शुरू, एपल के लिए भारत क्यों है खास? गूगल पर ट्रेंड कर रहा है पेगाट्रॉन

मुंबई, रफ्तार टुडे। भारत के प्रतिष्ठित टाटा ग्रुप ने देश में टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी कर ली है। टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ताइवान की प्रमुख कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी पेगाट्रॉन के तमिलनाडु स्थित आईफोन प्लांट में बहुमत हिस्सेदारी (मेजॉरिटी स्टेक) खरीदने की योजना बना रही है। यह कदम न केवल टाटा को भारत में एपल सप्लायर के रूप में मजबूत करेगा, बल्कि भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

पेगाट्रॉन और टाटा ग्रुप की डील का महत्व

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कंपनियों के बीच यह डील अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। टाटा ग्रुप इस जॉइंट वेंचर में 60% हिस्सेदारी लेगा और तमिलनाडु प्लांट के रोजमर्रा के संचालन (डेली ऑपरेशंस) की जिम्मेदारी संभालेगा। वहीं, पेगाट्रॉन शेष हिस्सेदारी के साथ टेक्निकल सपोर्ट प्रदान करेगा।

यह डील एपल की सप्लाई चेन में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगी। चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच एपल ने अपनी सप्लाई चेन को चीन से बाहर विविधता देने की प्रक्रिया शुरू की है। इस बदलाव के तहत भारत को एक बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।

टाटा ग्रुप के लिए क्या है मायने?

टाटा ग्रुप पहले से ही आईफोन असेंबली और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में निवेश कर रहा है। कर्नाटक में विस्ट्रॉन का आईफोन असेंबली प्लांट, जिसे टाटा ने पिछले साल खरीदा था, पहले से संचालित हो रहा है। तमिलनाडु के होसुर में एक आईफोन कंपोनेंट प्लांट पहले से सक्रिय है।

होसुर में ही एक नया प्लांट भी निर्माणाधीन है।

पेगाट्रॉन के तमिलनाडु प्लांट को खरीदने से टाटा को एपल की वैश्विक सप्लाई चेन में एक बड़ी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।

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एपल के लिए भारत क्यों है खास?

चीन से बाहर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एपल ने भारत को चुना है। फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन जैसे एपल सप्लायर्स पहले से ही भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग कर रहे हैं।

टाटा की भागीदारी से भारत में मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे एपल को लागत में कमी और चीन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

डील को लेकर आगे की प्रक्रिया

डील को पूरा करने के लिए कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) से मंजूरी की जरूरत होगी। रॉयटर्स के मुताबिक, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन दोनों आने वाले दिनों में CCI को आवेदन करेंगे।

गूगल पर ट्रेंड कर रहा है पेगाट्रॉन

डील की खबर सामने आने के बाद से पेगाट्रॉन को गूगल पर बड़े पैमाने पर सर्च किया जा रहा है। पिछले 30 दिनों में गूगल ट्रेंड्स पर पेगाट्रॉन को सर्च करने का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। यह दर्शाता है कि भारत में टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में लोग तेजी से रुचि ले रहे हैं।

डील के दूरगामी प्रभाव

यह कदम भारत को टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करेगा। टाटा ग्रुप की इस डील से भारत को नए रोजगार के अवसर, विदेशी निवेश और तकनीकी विकास के क्षेत्रों में फायदा मिलेगा।

निष्कर्ष

टाटा ग्रुप का यह कदम भारत में मैन्युफैक्चरिंग और एपल सप्लाई चेन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल भारतीय उद्योग जगत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी बल देगा।


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