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CM Yogi Adityanath News : शिक्षामित्रों के लिए बड़ी राहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानांतरण और समायोजन के लिए पारदर्शी नीति बनाई, MLC श्री श्रीचंद शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र जी और संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह का जताया आभार

MLC श्री श्रीचंद शर्मा ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान -शिक्षामित्र भाई-बहनों अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण के संबंध में आदेश के लिए उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री MYogiAdityanath जी, माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री @mks sundaram का हार्दिक आभार। इस मुहिम में साथ रहे साथी विधायक गणों के सहयोग के लिए धन्यवाद। उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष श्री Bhupendra Singh जी एवं प्रदेश महामंत्री संगठन श्री Dharampal Singh जी के मार्गदर्शन से ही संभव हुआ है।

लखनऊ, रफ़्तार टुडे। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के स्थानांतरण और समायोजन को लेकर एक महत्वपूर्ण और पारदर्शी नीति लागू की है। इस नीति का उद्देश्य शिक्षामित्रों की पारिवारिक और व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें स्थानांतरण और समायोजन की सुविधा प्रदान करना है।


शासन स्तर पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग, डॉ. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम ने यह नीति जारी की। यह शिक्षामित्रों के लिए उनके कार्यस्थल पर बेहतर माहौल और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।

MLC श्री श्रीचंद शर्मा ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के समाधान -शिक्षामित्र भाई-बहनों अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण के संबंध में आदेश के लिए उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री MYogiAdityanath जी, माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री @mks sundaram का हार्दिक आभार। इस मुहिम में साथ रहे साथी विधायक गणों के सहयोग के लिए धन्यवाद।
उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष श्री Bhupendra Singh जी एवं प्रदेश महामंत्री संगठन श्री Dharampal Singh जी के मार्गदर्शन से ही संभव हुआ है।


किसके लिए है यह नीति?

नई नीति में शिक्षामित्रों की विभिन्न श्रेणियों को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण और समायोजन की प्रक्रिया निर्धारित की गई है:

  1. पुरुष शिक्षामित्र और अविवाहित महिला शिक्षामित्र:

इन्हें अपने वर्तमान विद्यालय में बने रहने, मूल विद्यालय में लौटने, या अपने ग्राम पंचायत में अन्य विद्यालय में स्थानांतरण का विकल्प दिया गया है।

  1. विवाहित महिला शिक्षामित्र:

इन्हें पति के निवास स्थान के नजदीक स्थित विद्यालय में स्थानांतरण का विकल्प मिलेगा।

  1. स्थानीय विकल्प:

जो शिक्षामित्र अपने वर्तमान विद्यालय में ही रहना चाहते हैं, उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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रिक्तियों की नई व्यवस्था

शासन ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र में शिक्षामित्रों की रिक्तियों की पहचान करें। जहां कोई शिक्षामित्र कार्यरत नहीं है, वहां दो रिक्तियां बनाई जाएंगी।

नक्सल प्रभावित जिलों में यह संख्या तीन रिक्तियां होगी। जिन विद्यालयों में एक शिक्षामित्र कार्यरत है, वहां एक अतिरिक्त रिक्ति जोड़ी जाएगी।

यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।


डिजिटल क्रांति: मानव संपदा पोर्टल का उपयोग अनिवार्य

शासन ने स्थानांतरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए मानव संपदा पोर्टल का उपयोग अनिवार्य कर दिया है।शिक्षामित्रों को अपने सेवा इतिहास का सत्यापन कराना होगा।

उनकी पहली नियुक्ति से लेकर वर्तमान स्थिति तक का पूरा डाटा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। यह प्रक्रिया राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से संचालित होगी।


अधिकारियों की जिम्मेदारियां

सरकार ने जिला और खंड शिक्षा अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं:

  1. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA):

जिले के सभी विद्यालयों की रिक्तियां चिन्हित करेंगे।

शिक्षामित्रों का सेवा इतिहास मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट करेंगे।

  1. खंड शिक्षा अधिकारी:

शिक्षामित्रों से संबंधित दस्तावेजों की जांच करेंगे।

संशोधन और सत्यापन प्रक्रिया को पूर्ण करेंगे।


क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?

यह नीति शिक्षामित्रों को कार्यस्थल पर बेहतर सुविधा प्रदान करने और उनकी पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी। साथ ही, डिजिटल प्रक्रिया से पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।

शिक्षामित्र लंबे समय से स्थानांतरण और समायोजन की मांग कर रहे थे। इस नीति से उनकी समस्याओं का समाधान होगा और शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।


सरकार का बयान और आगे की राह

सरकार ने कहा है कि यह नीति शिक्षामित्रों के हितों की रक्षा करने और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए बनाई गई है। इसके तहत पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि सभी को समान अवसर मिले।

आगे, शिक्षामित्रों को इस प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा भी दी जाएगी।


शिक्षामित्रों के लिए क्या होगा नया?

  1. डिजिटल प्रक्रिया:
  2. ऑनलाइन आवेदन और स्थानांतरण की सुविधा।
  3. पारदर्शिता:

सॉफ्टवेयर आधारित चयन प्रक्रिया।

  1. पारिवारिक जरूरतों का ध्यान:

पति या घर के पास नियुक्ति का विकल्प।

यह कदम शिक्षामित्रों और शिक्षा व्यवस्था दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।


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