Greater Noida Authority News : ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक, वैदपुरा में अवैध कॉलोनी पर चला बुलडोज़र, सरकारी ज़मीन पर बन रहे विला ढहे, 20,000 वर्ग मीटर भूमि अतिक्रमण से मुक्त, "न नक्शा पास, न अनुमति... अब नहीं चलेगा खेल!, प्राधिकरण की जीरो टॉलरेंस नीति ने फिर दिखाई सख्ती"

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।
गौतम बुद्ध नगर जिले के वैदपुरा गांव में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बड़ा और ऐतिहासिक ऑपरेशन चलाते हुए अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया। गुरुवार सुबह जब लोग अपने-अपने काम में लगे थे, उसी समय पांच बुलडोजर और तीन डंपरों के साथ प्रशासनिक अमला गांव पहुंचा और करीब 20,000 वर्ग मीटर सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण को जमींदोज़ कर दिया।
बिना नक्शा पास कराए बन रहे थे आलीशान विला, प्राधिकरण की चेतावनी के बावजूद जारी था निर्माण
इस ज़मीन पर बिना प्राधिकरण से नक्शा पास कराए विला और घरों का निर्माण किया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इस बाबत शिकायतें मिली थीं कि कुछ कॉलोनाइज़र ज़मीन की अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं और फिर गुपचुप तरीके से मकान बनवा रहे हैं।
हालांकि, प्राधिकरण की ओर से पहले कई नोटिस दिए गए, लेकिन निर्माण कार्य चोरी-छिपे चलता रहा। अंततः गुरुवार को प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने पूरे बल के साथ वैदपुरा पहुंचकर तीन घंटे की कार्रवाई में पूरे निर्माण को ताश के पत्तों की तरह ढहा दिया।
अभियान में एसडीएम से लेकर एसीईओ तक मौजूद, भारी सुरक्षा बल और इंजीनियरिंग टीम भी रही तैनात
इस ध्वस्तीकरण अभियान की अगुवाई एसडीएम जितेंद्र गौतम, एसीईओ प्रेरणा सिंह और महाप्रबंधक पीपी सिंह ने की। वर्क सर्किल 2, 3, 4 और 7 के प्रभारी अधिकारी, इंजीनियरिंग स्टाफ, वरिष्ठ प्रबंधक और भारी पुलिस बल के साथ कार्यवाही को अंजाम दिया गया। अभियान सुबह 10 बजे शुरू होकर करीब 1 बजे तक चला।
इस दौरान स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन पुलिस की सतर्कता और प्रशासनिक नियंत्रण के चलते किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई।
प्राधिकरण की सख्त चेतावनी—अब कोई माफ़ी नहीं, अवैध निर्माण को हर हाल में मिलेगा बुलडोज़र का जवाब
प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने मौके पर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा:
“वैदपुरा ग्रेटर नोएडा की अधिसूचित भूमि है। बिना अनुमति और नक्शा पास कराए किया गया कोई भी निर्माण पूर्णत: अवैध है। ऐसे लोगों को अब कोई राहत नहीं दी जाएगी।“
उन्होंने यह भी कहा कि जनता को चाहिए कि किसी भी भूमि की खरीद-फरोख्त से पहले प्राधिकरण से संबंधित दस्तावेजों की अच्छी तरह जांच करें, ताकि वे अपने मेहनत की कमाई किसी फर्जी स्कीम में ना गवां बैठें।
जनता को दी गई सलाह—”अवैध कॉलोनी से बचो, पहले जांचो फिर खरीदो”
प्राधिकरण की ओर से आम नागरिकों को एक बार फिर स्पष्ट संदेश दिया गया है कि:
- किसी भी प्लॉट को खरीदने से पहले उसकी वैधता की पुष्टि करें।
- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट और कार्यालय से नक्शा स्वीकृति की जानकारी अवश्य लें।
- ‘सस्ते में प्लॉट’ और ‘बिना कागज’ वाली योजनाओं से दूर रहें।
इस कार्रवाई से अवैध कॉलोनाइज़र और दलालों में मचा हड़कंप, अब तक की सबसे बड़ी ज़मीन रिकवरी
इस बार की कार्रवाई सिर्फ एक कॉलोनी पर नहीं थी, बल्कि ये था अवैध रियल एस्टेट कारोबारियों के लिए एक चेतावनी।
20,000 वर्ग मीटर ज़मीन, जो कि करोड़ों रुपये की थी, अब दोबारा प्राधिकरण के कब्ज़े में आ गई है।
इससे साफ हो गया है कि प्राधिकरण अब किसी भी हाल में अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं करेगा।
ग्रेटर नोएडा का संदेश साफ है—अब अगर नक्शा नहीं पास, तो निर्माण का नहीं कोई आस!
यह ऑपरेशन न केवल ग्रेटर नोएडा बल्कि पूरे दिल्ली-एनसीआर के लिए एक मिसाल बन चुका है। भविष्य में जिन लोगों ने बगैर अनुमति के निर्माण कार्य शुरू किए हैं, उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए।
“ज़ीरो टॉलरेंस” का नारा नहीं, अब धरातल पर उतर चुका है—प्राधिकरण का बुलडोज़र बनेगा हर अवैध निर्माण का उत्तर”
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह कार्रवाई दिखाती है कि वो अब “भ्रष्टाचार मुक्त और नियमन आधारित विकास” के मार्ग पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
**🛑 Raftar Today व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें और पाएं ऐसी ग्राउंड रिपोर्ट्स सबसे पहले:
Follow the Raftar Today channel on WhatsApp**