नई दिल्ली4 घंटे पहले
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दिल्ली सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ हायर एजुकेशन ने एक आर्डर जारी किया है। जिसमें कहा गया कि बिना गवर्निंग बॉडी के गठन के दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है, जब तक कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं हो जाता है कोई भी नियुक्ति नहीं की जा सकती है। वहीं इस आदेश के बाद शिक्षक संगठन से लेकर कॉलेजों में रोष देखने को मिल रहा है। बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार के द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में सैलरी को लेकर चल रहा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार ने अभी तक वित्त पोषित कॉलेजों को फंड जारी नहीं किया है और अब आर्डर जारी कर दिया। उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार सैलरी भी दें और यह लेटर भी वापस लें। वहीं प्रोफेसर एके भागी ने कहा कि जो गवर्निंग बॉडी के गठन का मामला है वह सरकार के पास लंबित है।
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से करीब 300 नाम दिए जा चुके हैं सरकार स्वयं गवर्निंग बॉडी का गठन नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार खुद काम को लटका रही है और सरकार के ढुलमुल रवैया का खामियाजा छात्रों शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है। प्रोफेसर एके भागी ने कहा कि कई कॉलेजों में शिक्षकों के पद खाली थे।
कॉलेजों के द्वारा इन पदों को भरने को लेकर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन जारी किए गए आर्डर के कारण शुरू हुई नियुक्ति की प्रक्रिया को तत्काल रोकना पड़ा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ शिक्षकों के हित को लेकर सरकार को पत्र लिखेगी। साथ ही कहा कि सरकार ने अगर फिर भी बात नहीं मानी तो दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ सड़क पर उतरने के लिए भी तैयार है।