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Noida News: अब Delhi NCR नहीं मिल पाएगा आपको हल्दीराम वाला स्वाद और मिठाई, पूरे भारत में जल्दी ही बिक जाएगा देशी स्वाद

जल्दी ही हल्दीराम का देशी स्वाद इतिहास बन जाएगा। दरअसल भारत की सबसे बड़ा मिठाई तथा नमकीन का ब्राण्ड हल्दीराम बिकने वाला है। विदेशी कंपनी हल्दीराम को खरीदकर अपने ढंग से चलाई जाएगी।

दिल्ली, एनसीआर रफ़्तार टुडे। अब Delhi NCR में आपको नहीं मिल पाएगा आपको हल्दीराम वाला स्वाद और मिठाई। पूरे भारत में जल्दी ही बिक जाएगा देशी स्वाद और ब्रांड। हल्दीराम की मिठाई तथा हल्दीराम की नमकीन का स्वाद हर भारतीय ने चखा है। जल्दी ही हल्दीराम का देशी स्वाद इतिहास बन जाएगा। दरअसल भारत की सबसे बड़ा मिठाई तथा नमकीन का ब्राण्ड हल्दीराम बिकने वाला है। विदेशी कंपनी हल्दीराम को खरीदकर अपने ढंग से चलाई जाएगी। इस प्रकार हल्दीराम का देशी स्वाद ही विदेशी हल्दीराम के स्वाद में बदल जाएगा।

बिक जाएगा हल्दीराम ब्रांड जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि भारत की आजादी से भी पहले 87 साल पुराना भारत का हल्दीराम ब्राण्ड (Haldiram) जल्दी ही बिक जाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन इंक (Blackstone Inc) की अगुवाई वाले कंसोर्टियम को टक्कर देने के लिए अब टेमासेक होल्डिंग्स लिमिटेड (Temasek Holdings Ltd) और बेन कैपिटल (Bain Capital) ने हाथ मिला लिया है। इसे देश में अब तक का सबसे बड़ा प्राइवेट इक्विटी सौदा माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बेन और टेमासेक ने पिछले हफ्ते पिछले हफ्ते नॉन-बाइंडिंग ऑफर सौंप दिया है। इसके लिए हल्दीराम की वैल्यूएशन 8 से 8.5 अरब डॉलर यानी 66,400 से 70,500 करोड़ रुपये आंकी गई है।

दुनिया के सबसे बड़े निजी इक्विटी फंड ब्लैकस्टोन ने कंपनी में 76% तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी के साथ हाथ मिलाया है। बेन के ग्लोबल फंड्स में टेमासेक लिमिटेड पार्टनर है। ADIA और GIC के साथ भी बेन का यही रिश्ता है। पिछले साल नवंबर में, बेन ने अपने पांचवें पैनएशिया प्राइवेट इक्विटी फंड का अंतिम समापन 7.1 अरब डॉलर पर पूरा किया, जो अपने लक्ष्य से 40% अधिक था। यह इस क्षेत्र के लिए उसका सबसे बड़ा फंड था। बेन पिछले सात महीनों में हल्दीराम को ऑपरेट करने वाले अग्रवाल परिवार के बातचीत में लगा था।

2023 के आखिर में बेन के अधिकारियों ने हल्दीराम की फैक्ट्री का भी दौरा किया था। तब दोनों पक्षों के बीच बातचीत में तेजी आई थी। यह बातचीत माइनोरिटी इन्वेस्टमेंट पर केंद्रित थीं। लेकिन अग्रवाल परिवार की योजना अब स्नैक्स बिजनस का मर्जर करने और रेस्तरां चेन के लिए अलग कंपनी बनाने की है। यह कंपनी परिवार के पास ही रहेगी। इसके साथ ही परिवार हल्दीराम में मैज्योरिटी स्टेक बेचने को तैयार है। अग्रवाल परिवार की अगली पीढ़ी दूसरे बिजनस को आगे बढ़ाना चाहती है। हल्दीराम में मैज्योरिटी हिस्सेदारी बेचने की डील तीन-चार महीने में पूरी हो सकती है। हल्दीराम के स्नैक्स बिजनस के मर्जर को एनसीएलटी ने मंजूरी दे दी है और इसमें भी तीन-चार महीने लगने की उम्मीद है।

बेन अन्य एलपी और भागीदारों को भी इस डील में शामिल करके बड़ा कंसोर्टियम बना सकता है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अग्रवाल परिवार हल्दीराम में कितनी हिस्सेदारी बेचता है और इसकी वैल्यूएशन कितनी रहती है। इसी आधार पर ब्लैकस्टोन भी अपने कंसोर्टियम का दायरा बढ़ा सकता है। लेकिन इतना तय है कि दोनों कंसोर्टियम मैनेजमेंट कंट्रोल में बदलाव चाहता है। यह पहला मौका है जब बेन और टेमासेक भारत में किसी डील के लिए साथ आए हैं। इससे पहले बेन ने को-इन्वेस्टमेंट के लिए जीआईसी के साथ मिलकर काम किया है। बेन और टेमासेक ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हल्दीराम के सीईओ केके चुटानी ने कहा कि कंपनी इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि नॉन-बाइंडिंग ऑफर का मतलब यह नहीं है कि अंतिम वार्ता सफल होगी। एक पीई अधिकारी ने कहा कि इस डील में सबसे बड़ी समस्या इसका आकार और अग्रवाल परिवार द्वारा अपेक्षित प्रीमियम है।

वर्ष 1937में शुरू हुआ था हल्दीराम

अब से पूरे 87 साल पहले हल्दीराम ब्रांड की शुरुआत 1937 में गंगा बिसन अग्रवाल ने की थी। आज इसका बिजनस 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है। कंपनी 400 से अधिक तरह के फूड आइटम्स बेचती है। इनमें नमकीन, मिठाइयां, स्नैक्स, रेडी टु ईट फूड, फ्रोजन फूड, बिस्कुट, कनफेक्शनरी, रेडी टु ड्रिंक बेवरेजेज और पास्ता आदि शामिल हैं। कंपनी भारत के बाहर भी कई देशों को एक्सपोर्ट करती है। इनमें यूरोप और अमेरिका के कई देश शामिल हैं। हल्दीराम के नागपुर और दिल्ली गुटों का मर्जर हो चुका है जिसे कंप्टीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने पिछले साल मंजूरी दी थी। HSFPL में हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड की 56 परसेंट और हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (HFIPL) की 44 फीसदी हिस्सेदारी है। रिसर्च फर्म IMARC ग्रुप की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का स्नैक्स बाजार 2023 में 42,694 करोड़ रुपये का था और 2032 तक इसके 95,521 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है। हल्दीराम की वैल्यूएशन वित्त वर्ष 2022 में उसके कारोबार की बिक्री के मुताबिक लगभग 83,000 करोड़ रुपये है।

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खरीददार कंपनी ने हल्दीराम की वैल्यू 70500 करोड़ रूपए तक आंकी है। कहा जा रहा है कि धीरे-धीरे खरीददार कंपनी वैल्यू बढ़ा रही है। हल्दीराम की डील 85 हजार करोड़ रूपए से भी अधिक में हो सकती है। हल्दीराम की यह डील भारत की सबसे बड़ी डील होगी। Haldiram Brand 

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