देशप्रदेश

Farmer Protest Security increased due to Mahapanchayat at Ghazipur border, Delhi Police again put barricades on the expressway | गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा, दिल्ली पुलिस ने एक्सप्रेस-वे पर फिर लगाए बैरीकेड्स

गाजियाबादकुछ ही क्षण पहले

  • कॉपी लिंक
new project 2021 11 25t2226329311637859393 1637890991

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसानों के धरने को आज यानी 26 नवंबर 2021 को एक साल पूरा हो रहा है। इस अवसर पर आज गाजीपुर समेत सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान महापंचायतें आयोजित होंगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से सैकड़ों किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे। यहां स्वयं राकेश टिकैत मौजूद रहेंगे। एक साल पूरा होने पर धरनास्थल पर टैंट-तंबुओं को सुव्यवस्थित किया गया है।

किसान महापंचायत के चलते पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स बढ़ा दी गई है।

किसान महापंचायत के चलते पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स बढ़ा दी गई है।

7 लेयर बैरिकेडिंग पर पुलिस ने कराई वैल्डिंग
किसान आंदोलन की बरसी के चलते गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान तैनात कर दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे पर एक बार फिर से बैरिकेडिंग कर दी है और बड़े-बड़े पत्थरों के बैरिकेड्स जेसीबी मशीन से रखवा दिए हैं।

पिछले दिनों 16 लेयर बैरिकेडिंग हटाई गई थी। अब पुन: 7 लेयर बैरिकेडिंग कर दी गई है। भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने ट्वीट करके कहा- सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने शपथ पत्र के साथ कहा था कि रास्ते हमने नहीं रोके हैं। यह ताजा तस्वीरें हैं गाजीपुर बॉर्डर की, जिसमें बैरिकेड्स की वेल्डिंग की जा रही है।

आंदोलन की बरसी को लेकर भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रणनीति बनाते रहे।

आंदोलन की बरसी को लेकर भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रणनीति बनाते रहे।

उत्तराखंड से ट्रैक्टरों पर आ रहे किसान
उत्तराखंड से किसानों का एक बड़ा जत्था ट्रैक्टरों पर सवार होकर गाजीपुर बॉर्डर की तरफ चल दिया है, जो शुक्रवार सुबह तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा पश्चिमी यूपी के गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, बागपत, नोएडा आदि जिलों से भी भाकियू पदाधिकारियों को किसानों को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने के निर्देश मिले हैं।

‘दिल्ली चलो’ आह्वान से शुरू हुआ था यह आंदोलन
यह आंदोलन 26 नवंबर 2020 को ‘दिल्ली चलो’ नामक आह्वान से शुरू हुआ था। तीन कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान पैदल ही दिल्ली की तरफ बढ़ रहे थे। उन्हें बॉर्डरों पर रोक दिया तो वे वहीं पर बैठ गए। संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, इस आंदोलन में अब तक 683 किसानों की मौत हो चुकी है। आंदोलन की पहली बरसी पर (एसकेएम) संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इसमें आगामी आंदोलन पर भी चर्चा होगी।

दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों ही एक्सप्रेसवे से बैरिकेडिंग हटाई थी। अब आंदोलन का एक साल पूरा होने पर फिर बैरिकेडिंग बढ़ा दी है।

दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों ही एक्सप्रेसवे से बैरिकेडिंग हटाई थी। अब आंदोलन का एक साल पूरा होने पर फिर बैरिकेडिंग बढ़ा दी है।

किसान पीछे हटने को राजी नहीं
कैबिनेट सत्र में कानून वापसी को मंजूरी मिल चुकी है। यह प्रस्ताव 29 नवंबर को शीतकालीन संसद सत्र के पहले दिन पास हो सकता है। इसके बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कह चुके हैं कि संसद में कानून वापस हुए बिना वापस नहीं जाएंगे। इसके साथ ही एमएसपी पर गारंटी कानून बने और मृतक किसानों को मुआवजा मिले। यह सारी मांगें पूरी हों, तब वह बॉर्डरों से हटेंगे।

संसद मार्च को लेकर पुलिस अलर्ट
इन सब मांगों को लेकर किसान 29 नवंबर से संसद मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में संसद भवन तक जाने की तैयारी में हैं। भाकियू नेताओं ने जिलों के पदाधिकारियों को 28 नवंबर की रात तक ट्रैक्टर लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने के लिए कहा है। इसे लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।

खबरें और भी हैं…

Source link

Raftar Today
raftar today

Related Articles

Back to top button