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Noida News: ट्विन टावर गिराने में दूसरे फ्लैट्स को हुआ नुकसान तो 102 करोड़ से होगी भरपाई

नोएडा, रफ्तार टुडे। सुपरटेक (Supertech) के ट्विन टावर (Twin Tower) बिल्डिंग गिराने के लिए बीम और कॉलम में विस्फोटक भरे जाते हैं। कॉलम और बीम को वी शेप में काटा जाता है। फिर उसके अंदर विस्फोटक (Explosive) की छड़ रख दी जाती है।

विस्फोटक ग्राउंड फ्लोर से लेकर 1 और 2 फ्लोर तक तो लगातार विस्फोटक रखा जाता है। लेकिन उसके बाद 4-4 फ्लोर का गैप देकर जैसे दूसरे के बाद 6 पर और 6 के बाद 10, 14, 18 और 22वें फ्लोर पर रखे जाएंगे।

सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर को गिराने के लिए तय कर दी गई है। टावर में विस्फोटक लगाने की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। अब ट्विन टावर के आसपास बने दूसरे टावर्स को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने की कोशिशें चल रही हैं।

नोएडा अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो अगर किसी भी दूसरे टावर को ट्विन टावर गिराए जाने की वजह से कोई नुकसान होता है तो इसकी भरपाई की जाएगी। इसके लिए 102 करोड़ का बीमा कराया गया है।

साथ ही दूसरे टावर्स को ट्विन टावर के मलबे और धूल से बचाने के लिए भी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। गौरतलब रहे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्विन टावर को गिराया जा रहा है।

ट्विन टावर को गिराने में लगी कंपनी एडिफिस आसपास बने सभी टावर की वीडियोग्राफी करा रही है। साथ ही ट्विन टावर के मलबे और धूल से बचाने के लिए ट्विन टावर से एकदम सटकर बने सात टावर्स को ढका जा रहा है।

टावर्स की वीडियोग्राफी कराने के पीछे एक मकसद यह भी है कि अगर विस्फोट से किसी टावर को कोई नुकसान होता है तो वो वीडियो में साफ दिखाई दे जाएगी कि विस्फोट से पहले बिल्डिंग कैसी थी। टावर्स के अंदर और बाहर विडियोग्राफी कराई गई है। जानकारों की मानें तो सुपरटेक के तीन अैर एटीएस के चार टावर्स को विस्फोट से पहले ढका जाएगा।

नोएडा अथॉरिटी से जुड़े जानकारों की मानें तो ट्विन टावर से सटकर बने टावर्स को मुआवजे की कैटेगिरी में रखा गया है। यह दायरा बीमा करने वाली कंपनी के मानकों के हिसाब से तय किया गया है। कंपनी अपने मानकों के हिसाब से आईआईटी चैन्नई की एक टीम के विस्फोट वाले दिन मौके पर मौजूद रखेगी।

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