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भारत ही नहीं 30 देशों में चल रहा है अग्निपथ जैसी योजना, अमेरिका, रूस, फ्रांस, चाइना, इजराइल में पहले से चल रही है अग्निपथ जैसी सेना की योजना

फिर क्यों विरोध हो रहा है भारत में, विरोध की कोई वजह नहीं है

दिल्ली, रफ्तार टुडे। दुनिया के करीब 30 देशों में आपको पता है सैनिकों की भर्ती के लिए अग्निपथ जैसी योजना चल रही थी। जिसमें 4 साल से भी कम समय के लिए सैनिकों की भर्ती होती है 30 कंट्रीज, ऐसा नहीं कि इंडिया ने कुछ नया ढूंढ दिया।

बड़े-बड़े सुपर पावर देश अग्निपथ जैसी योजना चला रहे हैं।
जिसमें 4 साल से भी कम समय के लिए सैनिकों की भर्ती होती है सबसे पहले सुपर पावर अमेरिकी बात करते हैं ।
दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। अमेरिका में सैनिकों की भर्ती 4 साल के लिए जब ड्यूटी का प्रावधान है। किसी युद्ध या आम एजेंसी में इन्हें बुलाया जा सकता है। अगर अमेरिकी सैनिक 20 साल तक सेना में ड्यूटी करते हैं तो उन्हें पेंशन दी जाएगी। 20 साल से कम ड्यूटी पर केवल उन्हें भत्ता दिया जाता है।

अमेरिकी के बाद करते रूस की सेना के बारे में जानकारी, अमेरिकी बाद रूस की सबसे बड़ी सेना है। यहां 18 से 27 साल के हर नागरिकों को आर्मी ट्रेनिंग अनिवार्य है। सैनिकों को 8 महीने से 12 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद बेस्ट सैनिकों को ट्रेनिंग के बाद सर्वश्रेष्ठ सैनिकों का अवार्ड वह सैनिकों की पोस्टिंग में भेज दिया जाता है। जो बस जाते हैं उन्हें नागरिक बनने के लिए भेज दिया जाता है, या दूसरा काम कर सकते हैं। युद्ध की स्थिति में ऐसे ट्रेंड सैनिकों को आर्मी यूनिट्स बुला सकती है, और युद्ध के लिए तैयार होने के लिए कह सकती हैं।

अब बात करते हैं भारत के पड़ोसी देश चीन की, चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है, वहां भी थल सेना में 3 साल के लिए सैनिकों की भर्ती होती है। चीन ने 2035 तक सेना के मॉडर्नाइज को लेकर अपना जितना भी आर्थिक पैकेज आता है वो वही खर्च होता है। चीन में सैनिकों की भर्ती से ज्यादा सेना के मॉर्डनाइज को लेकर पैसा खर्च किया है। चीन के पास अग्निपथ जैसी योजना है। चीन की थल सेना में 3 साल के लिए और नौसेना में 4 साल के लिए भर्ती होती है। सैनिक ज्यादा से ज्यादा 12 साल के लिए सक्रिय सेवा का प्रावधान हैं।

यूरोप में सबसे ज्यादा फ्रांस के बाद सेना है। सैनिकों की भर्ती कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर की जाती है। सैनिकों और आर्मी के बीच पहले 1 साल कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसे 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। सैनिको को 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। फ्रांस की सेना में कम से कम 19 साल सेवा देने वाले सैनिकों को पेंशन दी जाती है।

अब बात करते हैं इजरायल की, एक और पावरफुल कंट्री, वहां सेना को सबसे स्मार्ट मिलिट्री यूनिट की उपाधि दी जाती है, इजरायल में आम नागरिक के लिए आर्मी में भर्ती होना अनिवार्य है। 1948 में इजराइल की आजादी के से नियम लागू कर दिया गया था। पुरुषों को 3 साल और महिला को 2 साल की ड्यूटी दी जाती है। और उन्हें ड्यूटी करनी ही पड़ती है। 3 साल और 2 साल की ड्यूटी करने के बाद 10 परसेंट सैनिकों को लंबे समय के लिए चुना जाता है। मात्र 10 पर्सेंट सैनिकों आर्मी के लिए चुना जाता है। और जो सैनिक ऑल के लिए सिलेक्ट होते हैं उनसे ज्यादा से ज्यादा 7 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है। 12 साल सेना में काम करने वालों को पेंशन देने का प्रावधान है।

यानी दुनिया में यही कुछ चल रहा है अग्निपथ जैसी योजना के लिए, जो अब भारत में चलेगी लेकिन भारत में जिस तरह का विरोध हो रहा है वह दुनिया में कहीं भी नहीं हुआ

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