अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार
Updated Fri, 03 Dec 2021 11:06 PM IST
सार
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में करीब 1.45 करोड़ मतदाता हैं। इनके अलावा पांच लाख लोगों को अतिरिक्त जोड़ते हुए करीब 1.50 करोड़ व्यस्क आबादी का एक लक्ष्य रखा गया था।
कोरोना का टीका लगवाती युवती।
– फोटो : prayagraj
दिल्ली में कोरोना टीकाकरण को लेकर राहत की खबर है। शुक्रवार शाम तक राजधानी में कुल आबादी में से केवल पांच लाख लोग ही वैक्सीन से दूर हैं। इसी के साथ ही पहली खुराक का कुल टीकाकरण 94 फीसदी पार हो चुका है। हालांकि दूसरी खुराक के टीकाकरण में अभी एक बड़ा अंतर है, जिसकी वजह कोविशील्ड की दो खुराक के बीच समयांतराल तीन महीने होना भी है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में करीब 1.45 करोड़ मतदाता हैं। इनके अलावा पांच लाख लोगों को अतिरिक्त जोड़ते हुए करीब 1.50 करोड़ व्यस्क आबादी का एक लक्ष्य रखा गया था। अगर मतदाताओं के साथ ही तुलना की जाय तो फिलहाल पांच लाख लोग ही ऐसे बचे हैं, जिन्होंने वैक्सीन की अब तक कोई खुराक नहीं ली है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार देर रात तक दिल्ली में 1.40 करोड़ लोग एक खुराक ले चुके हैं और इनमें से 90 लाख लोग दोनों खुराक ले चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक टीकाकरण के इतिहास में कभी भी 90 फीसदी से अधिक परिणाम देखने को नहीं मिला है। फिर चाहे वह पोलियो हो या फिर मातृ और शिशु टीकाकरण कार्यक्रम। लेकिन कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में पहली खुराक का टीकाकरण 94 फीसदी पार हो चुका है। यह एक सुखद संकेत है।
इसी महीने के आखिर तक दिल्ली में पहली खुराक का 100 फीसदी टीकाकरण हो सकता है। हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि दिल्ली में अब तक स्वास्थ्य कर्मचारियों में ही 100 फीसदी टीकाकरण नहीं हुआ है। स्वास्थ्य कर्मचारी और सामान्य आबादी से तुलना करते हुए विभागीय अधिकारियों ने वर्तमान स्थिति काफी संतोषजनक और सुरक्षित बताई है। इनका कहना है कि ओमिक्रॉन से बचाव के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है और इस दिशा में दिल्ली ने बेहतर प्रयास किए हैं।
विस्तार
दिल्ली में कोरोना टीकाकरण को लेकर राहत की खबर है। शुक्रवार शाम तक राजधानी में कुल आबादी में से केवल पांच लाख लोग ही वैक्सीन से दूर हैं। इसी के साथ ही पहली खुराक का कुल टीकाकरण 94 फीसदी पार हो चुका है। हालांकि दूसरी खुराक के टीकाकरण में अभी एक बड़ा अंतर है, जिसकी वजह कोविशील्ड की दो खुराक के बीच समयांतराल तीन महीने होना भी है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में करीब 1.45 करोड़ मतदाता हैं। इनके अलावा पांच लाख लोगों को अतिरिक्त जोड़ते हुए करीब 1.50 करोड़ व्यस्क आबादी का एक लक्ष्य रखा गया था। अगर मतदाताओं के साथ ही तुलना की जाय तो फिलहाल पांच लाख लोग ही ऐसे बचे हैं, जिन्होंने वैक्सीन की अब तक कोई खुराक नहीं ली है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार देर रात तक दिल्ली में 1.40 करोड़ लोग एक खुराक ले चुके हैं और इनमें से 90 लाख लोग दोनों खुराक ले चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक टीकाकरण के इतिहास में कभी भी 90 फीसदी से अधिक परिणाम देखने को नहीं मिला है। फिर चाहे वह पोलियो हो या फिर मातृ और शिशु टीकाकरण कार्यक्रम। लेकिन कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में पहली खुराक का टीकाकरण 94 फीसदी पार हो चुका है। यह एक सुखद संकेत है।
इसी महीने के आखिर तक दिल्ली में पहली खुराक का 100 फीसदी टीकाकरण हो सकता है। हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि दिल्ली में अब तक स्वास्थ्य कर्मचारियों में ही 100 फीसदी टीकाकरण नहीं हुआ है। स्वास्थ्य कर्मचारी और सामान्य आबादी से तुलना करते हुए विभागीय अधिकारियों ने वर्तमान स्थिति काफी संतोषजनक और सुरक्षित बताई है। इनका कहना है कि ओमिक्रॉन से बचाव के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है और इस दिशा में दिल्ली ने बेहतर प्रयास किए हैं।
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