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Hc Tells Delhi Government: Cross-gender Massage Not A Sign Of Sexual Activity – हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा : ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश यौन गतिविधि का संकेत नहीं

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Sat, 04 Dec 2021 04:56 AM IST

सार

अदालत ने कहा कि ऐसी सेवाएं केवल यौन गतिविधि के अस्तित्व का संकेत नहीं देती हैं। 

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उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह शहर में ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश पर प्रतिबंध के संबंध में कोई कार्रवाई करने से परहेज करे। अदालत ने कहा कि ऐसी सेवाएं केवल यौन गतिविधि के अस्तित्व का संकेत नहीं देती हैं। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने यह टिप्पणी की। अदालत ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। 

पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने बताया कि ऐसे केंद्रों में यौन गतिविधियों को रोकने के लिए उचित विचार-विमर्श के बाद नीति बनाई गई थी। उन्होंने अदालत से नीति को अनुमति देने का आग्रह किया, जो अब एक दिशा-निर्देश का रूप ले चुकी है। उन्होंने अदालत से नीति को कुछ समय के लिए लागू रहने की अनुमति देने के लिए कहा। वहीं, इस बात पर प्रकाश डाला कि पांच सितारा होटलों सहित कई स्थानों पर ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश की अनुमति नहीं है।

अदालत ने कहा, सिर्फ इसलिए कि यह एक ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह यौन गतिविधि है। आप अपने लोगों को रोकें। मैं यह नहीं कह रही हूं कि अवैध गतिविधियां नहीं रोकनी चाहिए। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अधिकारी केवल अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अदालत ने इस महीने के अंत तक याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी।

विस्तार

उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह शहर में ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश पर प्रतिबंध के संबंध में कोई कार्रवाई करने से परहेज करे। अदालत ने कहा कि ऐसी सेवाएं केवल यौन गतिविधि के अस्तित्व का संकेत नहीं देती हैं। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने यह टिप्पणी की। अदालत ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। 

पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने बताया कि ऐसे केंद्रों में यौन गतिविधियों को रोकने के लिए उचित विचार-विमर्श के बाद नीति बनाई गई थी। उन्होंने अदालत से नीति को अनुमति देने का आग्रह किया, जो अब एक दिशा-निर्देश का रूप ले चुकी है। उन्होंने अदालत से नीति को कुछ समय के लिए लागू रहने की अनुमति देने के लिए कहा। वहीं, इस बात पर प्रकाश डाला कि पांच सितारा होटलों सहित कई स्थानों पर ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश की अनुमति नहीं है।

अदालत ने कहा, सिर्फ इसलिए कि यह एक ‘क्रॉस-जेंडर’ मालिश है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह यौन गतिविधि है। आप अपने लोगों को रोकें। मैं यह नहीं कह रही हूं कि अवैध गतिविधियां नहीं रोकनी चाहिए। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अधिकारी केवल अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अदालत ने इस महीने के अंत तक याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी।

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