फरीदाबाद29 मिनट पहले
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सरकारी स्कूलों में प्रार्थना समय, अर्ध-अवकाश व पूर्ण अवकाश के बाद लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे। छात्राएं पेन पेंसिंल और किताबों को हथियार बनाकर आत्मरक्षा करना सीखेंगी। इससे महिला अपराधों में भी कमी आएगी। ये जानकारी डीसी जितेन्द्र यादव ने दी। उन्होंने कहा कि समय को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा उठाया गया ये कदम बेहद जरूरी है।
जिला शिक्षा अधिकारी ऋतु चौधरी ने बताया कि सरकारी स्कूल की बेटियां अब पेन-पेंसिल और किताबों को हथियार बनाकर अपनी आत्मरक्षा कर सकेगी। इसके अलावा उन्हें ऐसे गुर सिखाए जाएंगे, जिससे वे इन सामग्री के न होने पर भी हाथ व पैरों की तकनीक से भी खुद को असामाजिक तत्वों से बचा सकें। उन्होंने बताया कि इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने इस कार्यक्रम को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण का नाम दिया है। इसमें मुख्यालय स्तर पर मास्टर ट्रेनर आएंगे। प्रति मास्टर ट्रेनर तीन सरकारी स्कूलों का चयन करेगा। जिसमें वह प्रार्थना समय, अर्ध-अवकाश व पूर्ण अवकाश के बाद लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगे। मुख्यालय ने इस कार्यक्रम को 8 नवंबर से शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
30-35 लड़कियों का बनेगा एक ग्रुप
इस योजना के तहत प्रति स्कूल में 30 से 35 लड़कियों का ग्रुप बनेगा। जिसमें वह मास्टर ट्रेनर से आत्मरक्षा का गुर सीख सकेंगी। मास्टर ट्रेनर 3 माह या फिर 75 दिन तक बेटियों को ट्रेंड करेंगे। ट्रेनिंग के दौरान स्कूल हेड, महिला शिक्षिका व एक पीटीआई की उपस्थिति होनी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आजकल बेटियों के प्रति शारीरिक व मानसिक शोषण बढ़ रहा है। इसको देखते हुए मुख्यालय ने उन्हें आत्मरक्षा गुर सिखाने का फैसला लिया है।