नई दिल्लीएक घंटा पहले
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कोरोना की वजह से मेडिकल परीक्षाओं में हुई देरी की वजह से एक पूरा साल खराब हो गया है। पीजी की परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में होनी थी वह अक्टूबर महीने में हुई है। इसके अलावा काउंसलिंग में भी अनावश्यक देरी की गई और रही सही कसर कुछ छात्रों द्वारा आरक्षण मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका ने पूरी कर दी है, जिससे रिजल्ट में देरी हो रही है। इसका परिणाम यह हुआ कि रेजिडेंट डॉक्टर का एक पूरा बैच ही पीछे रह गया, जिसके कारण मौजूदा रेजिडेंट डॉक्टर्स पर काम का बोझ अधिक बढ़ गया है।
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ अमित यादव का कहना हैं कि कोरोना महामारी एवं अन्य कारणों की वजह से मेडिकल पीजी के छात्रों का एक बैच एक साल पीछे हो गया है। ऊपर से केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सवर्ण जातियों के आरक्षण की व्यवस्था की है। आरक्षण मुद्दे को लेकर कुछ छात्र सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, वहां उन्होंने एक याचिका दायर कर दी है।