NIET College News : एनआईईटी में ‘कॉन्फ्रेंस गुणवत्ता एवं बंधन’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन, शोध और शिक्षा की नई ऊंचाइयों की ओर कदम!, IEEE उत्तर प्रदेश सेक्शन के सहयोग से शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और तकनीकी विशेषज्ञों का अद्वितीय समागम

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।
नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (NIET), ग्रेटर नोएडा ने एक बार फिर तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल करते हुए एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया। विषय था — “कॉन्फ्रेंस गुणवत्ता एवं बंधन”, और आयोजन में तकनीकी उत्कृष्टता तथा अकादमिक नैतिकता को नई दिशा देने वाले विचार गूंजे।
इस कार्यशाला का आयोजन IEEE उत्तर प्रदेश सेक्शन के सहयोग से किया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थानों से आए शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों और शिक्षा क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञों ने भाग लिया।
पारंपरिक शुरुआत के साथ मिला आधुनिक दृष्टिकोण
कार्यक्रम की शुरुआत भारत की परंपरा के अनुरूप दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद एनआईईटी के निदेशक डॉ. विनोद एम. कापसे ने अपने स्वागत भाषण में कार्यशाला के उद्देश्य और महत्ता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा:
“आज के समय में कॉन्फ्रेंस केवल शैक्षणिक प्रमाणपत्र तक सीमित नहीं रह गए हैं। ये अब ज्ञान-संवर्धन, वैश्विक नेटवर्किंग और नवाचारों के आदान-प्रदान के सबसे सशक्त मंच बन चुके हैं। ऐसे में उनकी गुणवत्ता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।”
शिक्षा क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस कार्यशाला में कई प्रख्यात शिक्षाविदों ने शिरकत की, जिनकी उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक विशिष्ट बना दिया। प्रमुख अतिथियों में शामिल थे:
- डॉ. एस. एन. सिंह, सलाहकार, IEEE यूपी सेक्शन
- प्रो. मोहम्मद रेहान, निर्वाचित अध्यक्ष, IEEE यूपी
- डॉ. योगेश चौहान, वरिष्ठ शिक्षाविद
- डॉ. अशीष सिंह, पूर्व अध्यक्ष, IEEE
- डॉ. अवधेश कुमार, तीन बार कुलपति, गलगोटिया विश्वविद्यालय
- डॉ. राघवेंद्र चौधरी, प्रोफेसर, आईआईटी कानपुर
- डॉ. वनका कड, संयुक्त सचिव, IEEE
शैक्षणिक उत्कृष्टता पर केंद्रित रहा संवाद
विशेषज्ञों ने सम्मेलन के संगठनात्मक ढांचे, प्रस्तुत शोध-पत्रों की गुणवत्ता, समीक्षा प्रणाली, और एकेडमिक बंधन जैसे विषयों पर विस्तार से अपने विचार प्रस्तुत किए।
डॉ. अशीष सिंह ने कहा:
“गुणवत्ता पूर्ण शोध और नैतिक अनुसंधान आज की जरूरत है। हम सिर्फ सम्मेलनों की संख्या नहीं बढ़ाना चाहते, बल्कि उनकी प्रामाणिकता को सुनिश्चित करना हमारा प्राथमिक लक्ष्य है।”
डॉ. योगेश चौहान ने बताया कि IEEE द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस विश्वसनीयता और सटीकता के लिए पहचानी जाती हैं, और ऐसे प्रशिक्षण से यह मानक और मजबूत होंगे।
प्रो. मोहम्मद रेहान ने IEEE की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान शोध और तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने में वैश्विक स्तर पर कार्य कर रहा है।
विशेष सत्रों में गहन तकनीकी और व्यवहारिक चर्चा
कार्यशाला के दौरान कई तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें शामिल रहे:
- डॉ. एकराम खान द्वारा — प्रभावशाली शोध लेखन की तकनीकें, रिसर्च पेपर की स्वीकृति दर कैसे बढ़ाएं।
- प्रो. भास्कर तिवारी, एमएमएमयूटी, गोरखपुर द्वारा — सम्मेलन चार्टर और उसकी रणनीतियाँ, कॉन्फ्रेंस का अकादमिक प्रभाव।
इन सत्रों ने प्रतिभागियों को गुणवत्ता शोध के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझने का अवसर दिया।
इंटरएक्टिव सेशन: प्रश्नों के उत्तर में मिला व्यावहारिक दृष्टिकोण
कार्यशाला का समापन सक्रिय संवाद सत्र के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से सीधे सवाल पूछे और रिसर्च पेपर सबमिशन, समीक्षा प्रक्रिया, Scopus इंडेक्सिंग, और IEEE मानकों से संबंधित तमाम विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया।
प्रतिभागियों ने बताया कि उन्हें न केवल तकनीकी जानकारी मिली, बल्कि उन्होंने यह भी सीखा कि एक आदर्श कॉन्फ्रेंस कैसे आयोजित की जाती है और उसकी गुणवत्ता कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।
कार्यशाला के मुख्य उद्देश्य और निष्कर्ष
- कॉन्फ्रेंस की गुणवत्ता को सुधारने के लिए रणनीतियाँ तैयार करना।
- IEEE मानकों की जानकारी देना और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया समझाना।
- शोधकर्ताओं को नैतिक अनुसंधान और समीक्षा प्रक्रिया में दक्ष बनाना।
- बाध्यकारी अकादमिक संरचना से बाहर निकलकर नवाचार को बढ़ावा देना।
NIET की लगातार बढ़ती शैक्षणिक प्रासंगिकता
NIET ग्रेटर नोएडा ने इस कार्यशाला के जरिए एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वह तकनीकी शिक्षा और अकादमिक उत्कृष्टता में निरंतर अग्रणी बना हुआ है। यह कार्यशाला न केवल शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए, बल्कि आगामी तकनीकी सम्मेलनों की दिशा तय करने के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी।
भविष्य की ओर दृष्टि
कार्यशाला के अंत में यह भी प्रस्तावित किया गया कि NIET जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध संगोष्ठी (International Symposium) का आयोजन करेगा, जिसमें देश-विदेश के तकनीकी संस्थानों को आमंत्रित किया जाएगा।
सारांश बिंदु — एक नज़र में:
- IEEE सहयोग से NIET में एक दिवसीय कार्यशाला
- उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के संस्थानों के 100+ शिक्षाविद शामिल
- कॉन्फ्रेंस की गुणवत्ता, समीक्षा प्रणाली और नैतिक अनुसंधान पर केंद्रित चर्चा
- प्रोफेसर, कुलपति और आईआईटी विशेषज्ञों ने किए व्याख्यान
- संवाद सत्र में व्यावहारिक अनुभवों का आदान-प्रदान
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