नई दिल्ली6 घंटे पहले
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दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कालेजों के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को सूचना के आदान-प्रदान को ठीक से नहीं संभाल पाने का खामियाजा सैकड़ों विद्यार्थियों को उठाना पड़ सकता है। जिसके कारण इन सभी बच्चों का एक साल भी बर्बाद हो सकता है।
चिंता का विषय यह है कि कई जगह पोर्टल के खोले जाने का मैसेज कालेज द्वारा छात्रों को समय पर ना दिए जाने से कालेज जहां अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, वही डीयू के डीन भी इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर पोर्टल पर अपना परीक्षा फार्म दोबारा जमा कराने वाले बाकी बच्चों को राहत देने के मूड में नहीं है।
आलम यह है कि अब इस मामले में डीन अड़े हुए हैं, वही बच्चों के पेरेंट्स कालेज की गलती से अपने बच्चों का एक वर्ष बर्बाद होने से बचाने के लिए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और प्रधानमंत्री को ट्वीट पर गुहार लगा रहे हैं।
अभी तक डीयू के सभी कालेज पूरी तरह खुले नहीं है
गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण काल में अभी तक डीयू के सभी कालेज पूरी तरह खुले नहीं है। जिसके चलते फर्स्ट ईयर व सैकेंड ईयर के बच्चों ने अपने अपने सेमेस्टर की आनलाइन परीक्षा देकर अगले वर्ष में प्रवेश पाया है। लेकिन सैकड़ों विद्यार्थी ऐसे भी है, जिन्होंने अपने परीक्षा फार्म तो ऑनलाइन जमा करा दिए, लेकिन विभाग द्वारा टेक्निकल प्राब्लम बताकर पोर्टल को पुनः खोलने और कालेजों को छात्रों को जानकारी देने का फरमान भी जारी कर दिया। सूत्रों के अनुसार डीयू ने पोर्टल 29 अक्टूबर से 08 नवम्बर 2021 तक खोल दिया और काॅलेजों को छात्रों को सूचित करने को कालेजों को निर्देश भी दिए गए। लेकिन त्योहारी वीक होने के कारण शिवाजी कालेज सहित कुछ कालेज यह आदेश विद्यार्थियों तक नही पहुंचा पाए और पोर्टल तय डेट पर बंद कर दिया गया।