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Partial Improvement In The Air Of Delhi-ncr Relief Will Remain For Two Days – मौसम का हाल : दिल्ली-एनसीआर की हवा में आंशिक सुधार, दो दिनों तक रहेगी राहत 

सार

छह से 12 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवाएं। प्रदूषकों को फैलने में मिली मदद। अगले दो दिनों में बढ़ेगी हवा की रफ्तार, कम होगा दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण।

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पड़ोसी राज्यों से आने वाली तेज हवाओं के रूख से दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण छंट रहा है। हवा की तेज रफ्तार के कारण प्रदूषकों को दूर-दूर तक फैलने में मदद मिल रही है। इससे वायु गुणवत्ता में सुधार बना हुआ है। अगले 24 घंटे में हवा की रफ्तार बढ़ने और मिक्सिंग हाइट का साथ देने की वजह से औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक में और सुधार होने की संभावना है। 

सफर के मुताबिक, बीते सप्ताह से लगातार पराली जलने की घटनाओं में कमी हो रही है। इस वजह से पराली के धुएं से उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 की प्रदूषण में हिस्सेदारी न के बराबर बनी हुई है। बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 181 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। इससे प्रदूषण के हिस्से में आठ फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई है। उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली तेज हवाओं के कारण प्रदूषक फैल रहे हैं। 

इस वजह से प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है। दूसरी ओर दिल्ली के स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाएं भी तेज बनी हुई है। इससे स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण का प्रभाव भी कम हो रहा है। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटे में हवा की रफ्तार बढ़ने से और मिक्सिंग हाइट का साथ देने की वजह से प्रदूषण को कम होने में मदद मिलेगी। अगले दो दिनों तक हवा का स्तर खराब से बहुत खराब श्रेणी में बना रहेगा। रविवार को हवा में पीएम 10 का स्तर 301 व पीएम 2.5 का स्तर 188 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड किया गया है।

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) के मुताबिक, रविवार को हवा की रफ्तार छह से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा रिकॉर्ड की गई है। मिक्सिंग हाइट का स्तर एक हजार मीटर रहा। वहीं, वेंटिलेशन इंडेक्स छह हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रिकॉर्ड किया गया है। अगले 24 घंटे में मिक्सिंग हाइट 1100 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 10 हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड हो सकता है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के मुताबिक, बीते एक दिन के मुकाबले दिल्ली के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक में कमी आई है। रविवार को एक्यूआई 349 रहा जबकि एक दिन पहले यह 374 रहा था। हालांकि, सुबह 10 बजे दिल्ली का एक्यूआई 382 के साथ बहुत खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर में पहुंच गया था। दोपहर में तेज हवाएं चलने और धूप खिलने के कारण प्रदूषकों को दूर-दूर तक फैलने में मदद मिली। एनसीआर में शामिल ग्रेटर नोएडा की हवा 298 एक्यूआई के साथ सबसे बेहतर रही है। गुरुग्राम का एक्यूआई 364, नोएडा का 322, गाजियाबाद का 319 व फरीदाबाद का 377 एक्यूआई रहा है।  

दिल्ली के पांच हॉटस्पॉट

  • जहांगीरपुरी
  • आश्रम रोड
  • अलीपुर
  • नरेला
  • बवाना

दिल्ली-एनसीआर के आंकड़े

  • दिल्ली- 349
  • फरीदाबाद-377
  • गाजियाबाद-319
  • ग्रेटर नोएडा-298
  • गुरुग्राम-364
  • नोएडा- 322
दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में लगातार ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में वायु प्रदूषण की वजह से फेफड़ों में फाइब्रोसिस के मामले भी काफी तेजी से बढ़ने लगे हैं। 

डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ और उनके फेफड़ों में संक्रमण का अधिक असर था। ऐसे लोगों में वायु प्रदूषण का नुकसान काफी अधिक देखने को मिल रहा है। अस्पतालों में पुरानी खांसी के हमलों, अस्थमा और वायुमार्ग के आसपास के ऊतकों की सूजन के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। 

नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी सांस की बीमारियों वाले रोगियों की लाइन लगनी शुरू हो गई है। एम्स के वरिष्ठ डॉ. अनंत मोहन ने बताया कि वायु प्रदूषण अब हर साल एक चलन हो रहा है। इस साल भी हम उन लोगों में लक्षणों के बिगड़ने के मामले भी देख सकते हैं जो कोविड -19 संक्रमण (फेफड़ों की भागीदारी के साथ) से पीड़ित थे। इनमें फेफड़े के फाइब्रोसिस जैसे गंभीर बीमारी भी देखने को मिल रही है। वायु प्रदूषण और कोविड की वजह से पिछले सालों की तुलना में श्वसन संबंधी बीमारियों वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ चुकी है। 

उन्होंने बताया कि इन मरीजों को समय रहते उपचार मिलना बहुत जरूरी है अन्यथा यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। उधर केंद्र सरकार के ही लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ  डॉक्टर राकेश बागड़ी का कहना है कि खतरनाक वायु प्रदूषण के कारण बच्चों में निमोनिया के लक्षण विकसित होने की संभावना अधिक होती है। वायु प्रदूषण बच्चों को उनके जीवन के विकास के चरण में नुकसान पहुंचाता है, जिससे आजीवन स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। 

डॉ राकेश ने कहा कि कम उम्र में वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से फेफड़ों के विकास में बाधा आ सकती है, मस्तिष्क के विकास में बाधा आ सकती है और अस्थमा जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है और निमोनिया का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में सांस लेने में तकलीफ, निमोनिया, आंखों में संक्रमण और जलन जैसी सांस की समस्या बच्चों में सबसे आम लक्षण हैं और ऐसे बाल रोगियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। वहीं डॉ राजीव रंजन ने लोगों को सलाह दी है कि जितना संभव हो सके बच्चों को घर के अंदर रखना, उन्हें नियमित अंतराल पर पानी और अन्य तरल देना, घर के अंदर व्यायाम करना और मास्क का उपयोग करना कुछ निवारक उपाय हैं।

विस्तार

पड़ोसी राज्यों से आने वाली तेज हवाओं के रूख से दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण छंट रहा है। हवा की तेज रफ्तार के कारण प्रदूषकों को दूर-दूर तक फैलने में मदद मिल रही है। इससे वायु गुणवत्ता में सुधार बना हुआ है। अगले 24 घंटे में हवा की रफ्तार बढ़ने और मिक्सिंग हाइट का साथ देने की वजह से औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक में और सुधार होने की संभावना है। 

सफर के मुताबिक, बीते सप्ताह से लगातार पराली जलने की घटनाओं में कमी हो रही है। इस वजह से पराली के धुएं से उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 की प्रदूषण में हिस्सेदारी न के बराबर बनी हुई है। बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 181 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। इससे प्रदूषण के हिस्से में आठ फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई है। उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली तेज हवाओं के कारण प्रदूषक फैल रहे हैं। 

इस वजह से प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है। दूसरी ओर दिल्ली के स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाएं भी तेज बनी हुई है। इससे स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण का प्रभाव भी कम हो रहा है। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटे में हवा की रफ्तार बढ़ने से और मिक्सिंग हाइट का साथ देने की वजह से प्रदूषण को कम होने में मदद मिलेगी। अगले दो दिनों तक हवा का स्तर खराब से बहुत खराब श्रेणी में बना रहेगा। रविवार को हवा में पीएम 10 का स्तर 301 व पीएम 2.5 का स्तर 188 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड किया गया है।

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) के मुताबिक, रविवार को हवा की रफ्तार छह से 12 किलोमीटर प्रतिघंटा रिकॉर्ड की गई है। मिक्सिंग हाइट का स्तर एक हजार मीटर रहा। वहीं, वेंटिलेशन इंडेक्स छह हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रिकॉर्ड किया गया है। अगले 24 घंटे में मिक्सिंग हाइट 1100 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 10 हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड हो सकता है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के मुताबिक, बीते एक दिन के मुकाबले दिल्ली के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक में कमी आई है। रविवार को एक्यूआई 349 रहा जबकि एक दिन पहले यह 374 रहा था। हालांकि, सुबह 10 बजे दिल्ली का एक्यूआई 382 के साथ बहुत खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर में पहुंच गया था। दोपहर में तेज हवाएं चलने और धूप खिलने के कारण प्रदूषकों को दूर-दूर तक फैलने में मदद मिली। एनसीआर में शामिल ग्रेटर नोएडा की हवा 298 एक्यूआई के साथ सबसे बेहतर रही है। गुरुग्राम का एक्यूआई 364, नोएडा का 322, गाजियाबाद का 319 व फरीदाबाद का 377 एक्यूआई रहा है।  

दिल्ली के पांच हॉटस्पॉट

  • जहांगीरपुरी
  • आश्रम रोड
  • अलीपुर
  • नरेला
  • बवाना


दिल्ली-एनसीआर के आंकड़े

  • दिल्ली- 349
  • फरीदाबाद-377
  • गाजियाबाद-319
  • ग्रेटर नोएडा-298
  • गुरुग्राम-364
  • नोएडा- 322

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