नई दिल्ली6 घंटे पहले
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रोहिणी कोर्ट में हुआ धमाका आईईडी ब्लास्ट था। वो तो शुक्र है इसे ठीक से सेट नही किया गया था, जिस वजह से बड़ा नुकसान होने से बच गया। पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात निकालकर सामने आई है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर पुलिस जांच के नाम पर पुलिस अभी कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस की दलील है मौके से जो नमूने उठाए गए, उन्हें आगे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
इसके साथ ही पुलिस लगातार कोर्ट परिसर में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने में लगी है, ताकि बम प्लांट की साजिश में शामिल लोगों का पता लगाया जा सके। वैसे अभी तक की जांच में जांच एजेंसी को इस केस में कोई बड़ा सुराग नहीं लगा है। इस सबके बीच पुलिस गुरुवार सुबह से कोर्ट परिसर में दाखिल होने वाली सभी वाहनों की डिटेल भी खंगाल रही है। सभी वाहनों के नम्बर नोट कर एक लिस्ट बनाई गई है।
जिसके बाद वाहनों के मालिकों की भूमिका को चैक किया जाएगा। स्पेशल सेल की टीम ने कोर्ट में लगे सभी 70 सीसीटीवी कैमरों को अपने कब्जे में ले लिया है, जिनकी फुटेज चेक की जा रही है। कोर्ट में आए लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस ने कोर्ट से फोन का डंप डाटा भी उठाया है। फोन नंबर के जरिए पुलिस संदिग्ध का सुराग तलाश रही है। जो पुलिस कांस्टेबल इस घटना में घायल हुआ उससे भी पूछताछ की गई। दहशत में होने की वजह से वह ज्यादा कुछ पुलिस को नहीं बता सका।
पुलिस सूत्रों का कहना है बेशक अभी इस केस में अभी कोई बड़ी लीड नहीं, लेकिन यह केस जल्दी सुलझा लिया जाएगा। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कल रोहिणी कोर्ट में सोनीपत के गैंगस्टर व कुख्यात अपराधी मंजीत महाल की पेशी की तारीख थी। मंजीत महल की पेशी के चलते कोई धमकी भरी कार्रवाई के चलते तो इस घटना को अंजाम नहीं दिया गया। इस बिंदु को ध्यान में रखकर भी स्पेशल सेल जांच को आगे बढ़ा रही है।