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Police Commissioner should monitor all the court buildings of Delhi for 24 hours, expressed displeasure over the death of three people in the shootout in Rohini Court | पुलिस आयुक्त दिल्ली की सभी कोर्ट की इमारतों की 24 घंटे करें निगरानी, रोहिणी कोर्ट में शूटआउट में तीन लोगों की मौत पर जताई नाराजगी

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नई दिल्ली9 घंटे पहले

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रोहिणी कोर्ट में 24 सितंबर को हुए शूटआउट में तीन लोगों की मौत की घटना से दिल्ली हाईकोर्ट बेहद नाराज है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को दिल्ली की सभी कोर्ट की इमारतों को 24 घंटे करें निगरानी के आदेश दिया है। यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह पर्याप्त संख्या में कर्मियों की तैनाती और गैजेट लगाने के लिए एक विशेष दल द्वारा सुरक्षा संबंधी लेखा परीक्षा के आधार पर कोर्ट में सुरक्षा प्रबंधों की समय-समय पर समीक्षा करने के भी आदेश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कोर्ट परिसरों की सुरक्षा संबंधी मामलों में यह आदेश पारित किया है। पीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस नियमित और निरंतर सुरक्षा-लेखा परीक्षा, पर्याप्त कर्मियों की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी आदि के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होगी, जबकि आवश्यक बजटीय आवंटन की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की होगी।

पीठ ने कोर्ट में खासकर हवालात के आस-पास ‘अधिक से अधिक क्षेत्र’ को कवर करने वाली प्रौद्योगिकी से युक्त, हाई रेजोल्यूशन और पर्याप्त स्टोरेज क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरों की मदद से कोर्ट की इमारतों की ‘चौबीसों घंटे निगरानी’ किए जाने का भी निर्देश दिया है।

कोर्ट की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों के दल गठित करने के निर्देश
अदालत ने 24 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि दिल्ली के पुलिस आयुक्त दि‍ल्ली हाईकोर्ट परिसर और दिल्ली स्थित डिस्ट्रिक कोर्ट परिसरों की सुरक्षा लेखा परीक्षा के लिए विशेषज्ञों के दल का गठन करेंगे। पीठ ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस की स्थिति रिपोर्ट में कुछ कदमों की जानकारी दी गई है जो अच्छी है। पर केवल एक बार कदम उठाना पर्याप्त नहीं होगा।

पुलिस आयुक्त लेखा परीक्षा के आधार पर समय-समय पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे और स्थिति के अनुसार आवश्यक संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा और आवश्यक गैजेट लगाए जाएंगे। इसके साथ ही न्यायिक परिसरों में प्रवेश नियंत्रित करने के उसके निर्देशों का सभी ईमानदारी से पालन करेंगे। दि‍ल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सुरक्षा कर्मी अदालत परिसर में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों की जांच करेंगे और परिसरों के प्रवेश बिंदुओं के साथ-साथ अदालत कक्षों वाले भवनों में भी जांच की जाएगी।

मौजूदा सुरक्षा की हाईकोर्ट ने तारीफ की, पुलिस को सलाह भी दी
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान इस बात की सराहना की कि कोर्ट परिसर में एक्स-रे स्कैनर और मेटल डिटेक्टर जैसे उपकरण लगाकर और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीपीएमएफ) की अतिरिक्त सहायता से अधिक संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती जैसे कदम पहले ही उठाए हैं।

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