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Politics Intensifies On Chhath Puja On The Banks Of Yamuna – यमुना किनारे छठ पूजा को लेकर सियासत तेज

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नई दिल्ली। छठ पूजा पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। यमुना घाट पर छठ पूजा के मसले पर रविवार को राजनीति चली। सांसद प्रवेश वर्मा ने यमुना तट पर त्योहार मनाने पर लगे प्रतिबंध को मानने से इनकार कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती देते हुए कह दिया कि वे यमुना घाट ही छठ पूजा करेंगे। मुख्यमंत्री रोक सकते हैं तो रोक लें।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने इस साल भी छठ पूजा यमुना तट पर करने पर रोक लगाई है। यमुना के चारों तरफ पुलिस प्रशासन की किलेबंदी भी है। जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है ताकि छठ व्रती यमुना किनारे नहीं पहुंच सकें। इस बीच, पश्चिमी दिल्ली के भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने यमुना घाटों पर छठ मनाने पर रोक लगा दी है, जो स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं पूर्वांचली भाइयों और बहनों के साथ रहूंगा। आईटीओ में छठ घाट की सफाई कर पूजा शुरू की जाएगी।
उधर, आम आदमी पार्टी (आप) विधायक संजीव झा और विनय मिश्रा ने द्वारका में एक छठ घाट बनाने की मांग लेकर प्रदर्शन किया। विधायकों का आरोप है कि भाजपा छठ पूजा को बाधित करने की कोशिश कर रही है। पक्ष व विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर डीडीएमए के 30 सितंबर को जारी आदेश के साथ ही राजनीति शुरू हुई थी। यह कहा गया था कि कोविड-19 की वजह से सार्वजनिक स्थानों पर छठ मनाने पर रोक लगा दी गई है।
सांसद मनोज तिवारी, पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष कौशल मिश्रा समेत अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री निवास के समीप विरोध-प्रदर्शन भी किया और प्रतिबंध के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया। पूर्वांचली आबादी वाले इलाकों में छठ रथयात्रा भी निकाली गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र भी लिखा था। इस पर भी राजनीति नहीं थमी।

नई दिल्ली। छठ पूजा पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। यमुना घाट पर छठ पूजा के मसले पर रविवार को राजनीति चली। सांसद प्रवेश वर्मा ने यमुना तट पर त्योहार मनाने पर लगे प्रतिबंध को मानने से इनकार कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती देते हुए कह दिया कि वे यमुना घाट ही छठ पूजा करेंगे। मुख्यमंत्री रोक सकते हैं तो रोक लें।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने इस साल भी छठ पूजा यमुना तट पर करने पर रोक लगाई है। यमुना के चारों तरफ पुलिस प्रशासन की किलेबंदी भी है। जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है ताकि छठ व्रती यमुना किनारे नहीं पहुंच सकें। इस बीच, पश्चिमी दिल्ली के भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने यमुना घाटों पर छठ मनाने पर रोक लगा दी है, जो स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं पूर्वांचली भाइयों और बहनों के साथ रहूंगा। आईटीओ में छठ घाट की सफाई कर पूजा शुरू की जाएगी।

उधर, आम आदमी पार्टी (आप) विधायक संजीव झा और विनय मिश्रा ने द्वारका में एक छठ घाट बनाने की मांग लेकर प्रदर्शन किया। विधायकों का आरोप है कि भाजपा छठ पूजा को बाधित करने की कोशिश कर रही है। पक्ष व विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर डीडीएमए के 30 सितंबर को जारी आदेश के साथ ही राजनीति शुरू हुई थी। यह कहा गया था कि कोविड-19 की वजह से सार्वजनिक स्थानों पर छठ मनाने पर रोक लगा दी गई है।

सांसद मनोज तिवारी, पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष कौशल मिश्रा समेत अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री निवास के समीप विरोध-प्रदर्शन भी किया और प्रतिबंध के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया। पूर्वांचली आबादी वाले इलाकों में छठ रथयात्रा भी निकाली गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र भी लिखा था। इस पर भी राजनीति नहीं थमी।

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