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Rajasthan is in the worst condition in giving compensation on death from Corona… the government seems to be hiding something | कहा – कोरोना से मौत पर मुआवजा देने में राजस्थान के सबसे बुरे हाल हैं… लगता है सरकार कुछ छिपा रही है

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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जस्टिस शाह ने केरल सरकार को भी फटकार लगाते हुए कहा- आप जैसे कल्याणकारी राज्य से हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी। - Dainik Bhaskar

जस्टिस शाह ने केरल सरकार को भी फटकार लगाते हुए कहा- आप जैसे कल्याणकारी राज्य से हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी।

कोरोना से मौत के मामलों में पीड़ित परिजन को मुआवजा न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे एक हफ्ते में पीड़ित परिवारों को मुआवजा दें अन्यथा कोर्ट कड़ी कार्रवाई करेगा। कोरोना से मौत पर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया था कि वे पीड़ित परिवारों को मुआवजा दें और रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सबसे खराब स्थिति राजस्थान के लोगों की है। हमें लगता है कि राजस्थान सरकार कुछ छिपा रही है। जस्टिस शाह ने केरल सरकार को भी फटकार लगाते हुए कहा- आप जैसे कल्याणकारी राज्य से हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी। आपके यहां 40,825 लोगों की मौत कोरोना से हुई और अब तक 528 लोगों को मुआवजा मिला। यह दर्शाता है कि आप पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनशील और गंभीर नहीं हैं। आप एक सप्ताह में मुआवजा दें अन्यथा हमें कार्रवाई करनी होगी।

पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान, हरियाणा, केरल, जम्मू-कश्मीर, बंगाल और तेलंगाना सहित कई राज्यों को नोटिस जारी कर उनसे कोरोना पर मौत संबंधी मुआवजा वितरण संबंधी डेटा कोर्ट में दायर करने को कहा था। कोर्ट ने राज्यों की रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए कहा, हमें कल्याणकारी राज्यों से ऐसी उम्मीद नहीं थी। निर्देश के बावजूद पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिल रहा। महाराष्ट्र में कोरोना से 1,41,025 मौतें हुईं पर मुआवजा 12 हजार परिवारों को ही दिया गया।

महाराष्ट्र सरकार ने प्रक्रिया तेज करने की बात कही तो कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकील से कहा, अगर अधिकारी आपकी नहीं सुन रहे तो हम जानते हैं कि वे कैसे आपकी सुनेंगे। एक हफ्ते में मुआवजा नहीं दिया तो सख्त कार्रवाई होगी। महाराष्ट्र सरकार को कह दीजिएगा कि हम जो कह रहे हैं उसे सरकार अनसुना न करे।

कितने लाेगों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया और कितनों को मुआवजा मिला… राजस्थान सरकार को यह जानकारी भी नहीं….
कोर्ट ने कहा- कितने लोगों को मुआवजा दिया और कितने लोगों ने मुआवजे का आवेदन किया, राजस्थान सरकार ने अब तक इसकी जानकारी नहीं दी। मुआवजा देने के लिए विज्ञापन देने की सूचना कोर्ट में पेश नहीं की। आप पीड़ित परिवारों के प्रति गंभीर नहीं हैं। एक हफ्ते में सभी पीड़ित परिवारों को मुआवजा दें। यह भी बताएं कि कितने आवेदन आए और कितने लोगों को मुआवजा दिया है?

काेराेना से पुरुषाें की मृत्यु और मुआवजे में तीन हजार से ज्यादा माैतों का फर्क
जयपुर| काेराेना से मृत्यु के आंकड़ों और राज्य सरकार द्वारा बांटे गए मुआवजे में करीब तीन हजार माैताें का फर्क है। प्रदेश में काेराेना से मृत्यु के आंकड़े 8959 हैं, इसमें पुरूषाें की माैत के मामले करीब 5688 हैं। पुरूष श्रेणी में माैतें करीब 63.5% हैं। वहीं, महिलाओं के दम ताेड़ने का मामला करीब 36% है, यानी 3270 महिला मरीजाें की काेराेना से जान गई। दूसरी ओर, राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने 8822 महिलाओं काे मुआवजे के लिए दावेदार माना और 8722 काे लाभान्वित किया। काेराेना के कारण विधवा हुई महिलाएं और उनके बच्चाें काे लाभान्वित करने का आंकड़ा 14540 है।

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