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नई दिल्ली14 घंटे पहले
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राजधानी की सड़कों और रिहायशी कॉलोनियों में बेवजह पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग किए जाने से लोगों को हो रही परेशानियों पर उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने सड़कों और कॉलानियों से सुरक्षा के नाम पर लगाए गए बैरिकेड हटाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर से पहले जवाब दाखिल करने को कहा है। पीठ ने गैर सरकारी संगठन जन सेवा वेलफेयर सोसायटी की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है।
जंजीरों में लगे बैरिकेडिंग की वजह से हुए हादसे में लोगों की जान भी चली गई है
संगठन ने अधिवक्ता बीरेंद्र बिक्रम और बांके बिहारी के माध्यम से दाखिल याचिका में आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने तय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करके राजधानी की सड़कों और रिहायशी कॉलोनियों में सुरक्षा के नाम पर बेवजह अनियमित तरीके से पुलिस बैरिकेड लगा दिए हैं। इसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस द्वारा सड़कों पर बेवजह बैरिकेडिंग से दिल्ली में भारी यातायात जाम लग रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि सड़कों पर जंजीरों में लगे बैरिकेडिंग की वजह से हुए हादसे में लोगों की जान भी चली गई है।
पुलिस की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया
याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया कि बेवजह लगाए गए बैरिकेड हटाने की मांग को लेकर कई शिकायतें की गई हैं, लेकिन इसके बावजूद पुलिस की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। याचिका में पुलिस को बैरिकेडिंग लगाने के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करने का आदेश देने के साथ-साथ समाज के लोगों के हित में क्षेत्रवार समिति गठित करने, मोबाइल पुलिस बैरिकेडिंग लगाने का भी निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में उन अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करने की मांग की गई है जिनकी वजह से अनावश्यक बैरिकेडिंग के कारण हुए हादसे में लोगों की जान चली गई।