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High Court said – the victim was living happily with the youth of her own free will | हाईकोर्ट ने कहा- अपनी मर्जी से युवक संग खुशी-खुशी रह रही थी पीड़िता

नई दिल्ली7 घंटे पहले

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दिल्ली हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि वह प्रथम दृष्टया संतुष्ट है कि कथित पीड़िता इस मामले के आरोपी के साथ खुशी-खुशी रह रही थी और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही थी। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कथित पीड़िता के बयान पर संज्ञान लेते हुए कहा कि उसने स्वेच्छा से स्वीकार किया है।

कि वह अपनी मर्जी से आरोपी के साथ फरार हुई थी, उससे शादी की और तब से वह अपने दो बच्चों के साथ शांति से रह रही है। जस्टिस प्रसाद की राय थी कि आरोपी को हिरासत में रखने से महिला और बच्चे भुखमरी के शिकार हो जाएंगे, इसलिए उन्होंने निर्देश दिया कि आरोपी को 5,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर रिहा किया जाए।

हाईकोर्ट ने कहा कि यह अदालत प्रथम दृष्टया संतुष्ट है कि याचिकाकर्ता और पीड़िता एक-दूसरे के साथ खुशी-खुशी रह रहे थे और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। अदालत ने यह भी माना कि आरोपी से हिरासत में पूछताछ की अब कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि चार्जशीट दायर की जा चुकी है और सभी सबूत एकत्र कर लिए गए हैं। महिला के पिता ने 2017 की शुरुआत में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी का अपहरण कर लिया गया। तब वह 17 साल की थी। पीड़िता का पिता दिल्ली से बाहर रह रहा है।

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