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Then There Is A Problem: Rakesh Tikait Said – Our Movement Is Not Going Anywhere, Clarification Is Necessary On Some Of The Proposals Of The Government – फिर फंसा पेच: राकेश टिकैत बोले- कहीं नहीं जा रहा हमारा आंदोलन, सरकार के कुछ प्रस्तावों पर स्पष्टीकरण जरूरी

सार

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा, ”सरकार ने प्रस्ताव भेजा है कि वे हमारी मांगें मान लेंगे और हमें आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमारी कुछ शंकाएं हैं, जिनपर कल दोपहर दो बजे चर्चा होगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है। वह यहीं होगा।”

भाकियू नेता राकेश टिकैत
– फोटो : ANI

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किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के समक्ष पांच प्रस्ताव भेजे हैं। इस पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार के प्रस्ताव स्पष्ट नहीं हैं। इस पर कल (बुधवार को) चर्चा होगी। आंदोलन खत्म होने पर इसके बाद ही फैसला होगा।

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा, ”सरकार ने प्रस्ताव भेजा है कि वे हमारी मांगें मान लेंगे और हमें आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमारी कुछ शंकाएं हैं, जिनपर कल दोपहर दो बजे चर्चा होगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है। वह यहीं होगा।”

उन्होंने आगे कहा, ”एसकेएम ने आज कहा है (कल की बैठक के बाद आंदोलन वापस हो सकता है), सरकार यह एक साल से बोल रही है… लेकिन जबतक सारे मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, यहां से कोई घर नहीं जा रहा है।”

…तो आंदोलन खत्म करने में नहीं लगेगा ज्यादा समय

उन्होंने कहा, ”पीएम नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद ही मामला समाधान की ओर बढ़ चुका था। लेकिन इतनी देरी हुई तो यह भी दुख की बात है। यदि हम अभी उठ जाएं तो क्या बाद में किसी एक किसान की हिम्मत है कि वह अकेले थाने चला जाए और उसका केस खत्म हो जाए। ऐसे तमाम मामलों पर बैठकर बात करनी होगी। सरकार की ओर से मिली चिट्ठी में भी कुछ बिंदु हैं, इन पर यदि स्पष्टीकरण मिल जाए तो फिर ज्यादा समय आंदोलन खत्म करने में नहीं लगेगा।”

ये है केंद्र सरकार का प्रस्ताव

केंद्र सरकार के समझौते के मसौदे के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्य एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में शामिल किए जाएंगे। वहीं, सरकार ने एक साल के भीतर किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को भी वापस लेने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा इस मसौदे में पंजाब मॉडल पर मुआवजा देने की बात भी है। खबरों के मुताबिक केस वापसी पर हरियाणा, यूपी राजी हैं। वहीं बिजली बिल को लेकर भी सरकार का रुख लचीला है। पराली जलाने पर आपराधिक धाराएं खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है। 

किसानों की ये हैं मांगें

– एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए।
– आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले
– किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं
– बिजली बिल और पराली बिल को निरस्त किया जाए
– लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए।

सरकार से हिसाब-किताब लेकर जाएंगे : राकेश टिकैत

एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने के लिए कमेटी के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से पूरा हिसाब-किताब लेकर जाएंगे। सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं उनका जवाब मिलने का इंतजार है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार अब चिट्ठियों का आदान-प्रदान कर रही है। बातचीत के लिए स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा रहा है। उन्होंने सरकार को कड़ा संदेश दिया कि इस माहौल में यदि किसान नाराज हो गया तो स्थिति बदल सकती है।

एमएसपी को लेकर कमेटी बनाने के लिए विभिन्न नामों पर उन्होंने कहा कि अभी किसी का नाम नहीं दिया गया है। किसान आंदोलन खत्म होने की अटकलों पर राकेश टिकैत ने कहा कि इस बार किसान अपना पूरा हिसाब-किताब करके ही घर जाएगा। जबकि सरकार से ट्रैक्टरों पर से 10 साल का प्रतिबंध हटाने और अन्य मुद्दों पर बातचीत स्पष्ट नहीं हुई है। किसानों पर दर्ज मुकदमे के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार से बैठकर वार्ता की जाएगी। इसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि बुधवार दोपहर 2:00 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगे का निर्णय लिया जाएगा। इसमें सरकार द्वारा भेजी गई चिट्ठी पर भी बात होगी।

विस्तार

किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के समक्ष पांच प्रस्ताव भेजे हैं। इस पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार के प्रस्ताव स्पष्ट नहीं हैं। इस पर कल (बुधवार को) चर्चा होगी। आंदोलन खत्म होने पर इसके बाद ही फैसला होगा।

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा, ”सरकार ने प्रस्ताव भेजा है कि वे हमारी मांगें मान लेंगे और हमें आंदोलन खत्म कर देना चाहिए। लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमारी कुछ शंकाएं हैं, जिनपर कल दोपहर दो बजे चर्चा होगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है। वह यहीं होगा।”

उन्होंने आगे कहा, ”एसकेएम ने आज कहा है (कल की बैठक के बाद आंदोलन वापस हो सकता है), सरकार यह एक साल से बोल रही है… लेकिन जबतक सारे मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, यहां से कोई घर नहीं जा रहा है।”

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