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BJP New President: पूर्वी यूपी के चर्चित सवर्ण या दलित नेता को बीजेपी बना सकती प्रदेश अध्यक्ष, घोषणा जल्द

लखनऊ, रफ्तार टुडे। भाजपा पूर्वी यूपी के ऐसे नेता को अध्यक्ष बना सकती है जो प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं के लिए कतई नया या अपरिचित न हो। इस तरह क्षेत्रीय संतुलन सधेगा। जातीय संतुलन साधने के लिए दलित या ब्राह्मण वर्ग के नेता को चुने जा सकता है।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अटकलों में नए दृष्टकोण जुड़ते जा रहे हैं। मजबूत दावेदारों के रूप में कई नाम महीनों से चल रहे हैं, लेकिन अब प्रदेश महामंत्री संगठन के रूप में धर्मपाल सिंह की नियुक्ति के बाद चर्चा तेज हो गई है कि अब पूर्वी उत्तर प्रदेश के दलित या ब्राह्मण वर्ग के किसी चर्चित-परिचित नेता को अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 80 में से 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कार्यक्रम और अभियानों की रूपरेखा पहले ही तय हो चुकी है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन्हें उतारकर मिशन 2024 में जुटने के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रतीक्षा है।

दरअसल, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का कार्यकाल पूरा हो चुका है। चूंकि, वह योगी सरकार में जलशक्ति मंत्री बनाए जा चुके हैं और पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत है, इसलिए स्वतंत्रदेव के स्थान पर नया अध्यक्ष बनाया जाना तय है।

2014 से अब तक प्रदेश में सभी चुनावों में भाजपा को सफलता मिली तो उसके लिए मजबूत प्रदेश नेतृत्व को भी श्रेय जाता है। प्रदेश महामंत्री संगठन के रूप में निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं से संपर्क बना चुके सुनील बंसल थे और उनके साथ अध्यक्ष के रूप में 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान संगठन में पकड़ रखने वाले लक्ष्मीकांत वाजपेयी तो 2017 के विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य थे।

पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी अनुभवी नेता और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय को सौंपी तो उसके बाद से पार्टी के संघर्षशील कार्यकर्ता बूथ स्तर तक के पार्टीजनों से जुड़े स्वतंत्रदेव सिंह के हाथ में प्रदेश संगठन की कमान है।

पहले चर्चा थी कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति यदि जातीय समीकरण के अनुसार होगी तो कोई चौंकाने वाला नाम इस भरोसे के साथ दिया जा सकता है कि प्रदेश की राजनीति की नब्ज परख चुके सुनील बंसल को नई जिम्मेदारी के साथ यूपी का प्रभार दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वह राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर प्रोन्नत किए गए। साथ में तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रभारी बनाए गए हैं। उनके बदले यहां संगठन मंत्री के पद पर बिजनौर निवासी झारखंड के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को भेजा गया है।

धर्मपाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इस तरह अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि किसी नए प्रयोग की बजाए पार्टी पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऐसे नेता को अध्यक्ष बना सकती है, जो प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं के लिए कतई नया या अपरिचित न हो।

इस तरह क्षेत्रीय संतुलन सधेगा और जातीय संतुलन साधने के लिए दलित या ब्राह्मण वर्ग के नेता को इस पद के लिए चुने जाने की संभावना है।

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