हाईकोर्ट ने कहा चाहे कोविड के हालात हों या नहीं, लोगों को सतर्क रहना चाहिए। स्पष्ट किया कि अगर कोविड या भगदड़ से सरोजिनी नगर मार्केट में किसी की मौत होती है तो इसके लिए संबंधित एजेंसियों एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। हाईकोर्ट सरोजिनी नगर मार्केट में अतिक्रमण और अवैध रेहड़ी-पटरी वालों और घुसपैठियों से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
वहीं, कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सरोजिनी नगर मार्केट में दुकानों और रेहड़ी-पटरी वालों को 25 और 26 दिसंबर को ऑड-ईवन के तहत दुकान खोलने के लिए कहा है।
In view of the increasing COVID-19 cases, shops/ street vendors in Sarojini Nagar Market shall follow odd-even operations for the weekend of December 25 & December 26: Delhi Govt pic.twitter.com/vdraaj8xYp
— ANI (@ANI) December 24, 2021
एनडीएमसी को अवमानना नोटिस
अदालत ने अपने पिछले आदेश का पालन न होने पर नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) को अवमानना नोटिस जारी किया। अदालत ने सरोजिनी नगर मार्केट से अवैध रेहड़ी-पटरी वालों और उनके सामान को हटाने के साथ ही अतिक्रमण पूरी तरह हटाने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को बाजार में आने वालों के लिए आवागमन योजना तैयार करने के लिए कहा। वहीं एनडीएमसी एवं अन्य एजेंसियों से कहा कि मार्केट में हद से ज्यादा भीड़ न हो। इसके अलावा डीडीएमए को मार्केट का दौरा कर मौजूदा महामारी के मद्देनजर वहां की स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने मार्केट की तस्वीरें देखने के बाद कहा कि रात में भी वहां पर सामान है और नीले रंग की शीट में लिपटा हुआ है। चाहे कोविड हो या न हो, लेकिन हालात डरावने हैं। वहां पर भगदड़ मच सकती है और सैकड़ों लोगों की जानें जा सकती हैं। अगर वहां धमाका होता है, अगर वहां कोई एक शख्स धमाका करने वाला हो तो सोचिए धमाके और भगदड़ से कितने लोगों की जान जाएगी? खंडपीठ ने कहा कि सरोजिनी नगर मार्केट में इससे पहले भी धमाका हो चुका है, भगवान न करे, अगर दोबारा ऐसा होता है तो क्या होगा?
कैसे हो रहा अतिक्रमण
अदालत ने मार्केट में भीड़ की फोटो और वीडियो देखने के बाद कहा कि अगर सरकारी अधिकारी अनुमति नहीं दे रहे हैं तो अतिक्रमण कैसे हो रहा है? सैकड़ों लोग एक-दूसरे को धक्का मारते हुए चल रहे हैं और सैकड़ों का हुजूम है। एनडीएमसी के वकील ने कोर्ट को बताया कि क्रिसमस के कारण मार्केट में रोज 70-80 हजार लोग आ रहे हैं और उन्हें नियंत्रित करने की जरूरत है। उन्होंने अदालत से अतिक्रमण हटाने के लिए एक आदेश जारी करने का आग्रह किया। इस पर खंडपीठ ने कहा कि अदालत पहले ही आदेश दे चुकी है, किसी को भी अतिक्रमण न करने दिया जाए, चाहे वो दुकानदार हो या कोई और।
अदालत ने पूछा कि अगर कोई दुकानदार सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करता है तो क्या उसे हटाने के लिए अदालती आदेश की जरूरत है? क्या आप अपने आप उसे नहीं हटाएंगे? ये कानूनी जिम्मेदारी है। क्या हमें ये निर्देश देना होगा कि अगर कोई सरकारी जमीन पर कब्जा करता है तो उसे हटाया जाए? न्यायमूर्ति सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या हो रहा है ये समझने में हम नाकाम हैं। उन्होंने कहा कि आप (एनडीएमसी) कह रहे हैं कि आपको अपना काम करने के लिए अदालती आदेश की जरूरत है? इस पर एनडीएमसी के वकील ने कहा कि वे लगातार अतिक्रमण और अवैध रेहड़ी-पटरी वालों को हटाते हैं लेकिन वे दोबारा वापस आ जाते हैं। इन लोगों के चालान भी किए जाते हैं। एनडीएमसी अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।
हम अपने आदेश की अवज्ञा नहीं होने देंगे
खंडपीठ ने कहा कि वे हालात से अपनी आंखें नहीं मूंद सकते। संबंधित एजेंसियों को रोजाना अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा हम ये नहीं कह रहे दुकान भोले भाले हैं और वे अतिक्रमण नहीं कर रहे हैं। आप अतिक्रमण करने वाले हर शख्स पर कार्रवाई करनी है। अगर आप सोचते हैं आप अदालती आदेश की अवज्ञा कर सकते हैं तो हम आपको दिखाएंगे कि क्या होगा। हम अपने आदेशों की अवज्ञा नहीं होने देंगे। खंडपीठ ने कहा कि उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए संबंधित एजेंसियों को ढेरों कानूनी अधिकार मिले हुए हैं, उन्हें कोर्ट का समर्थन भी है। इसके बावजूद धरातल पर कोई सुधार नहीं हो रहा है। अदालत ने कहा कि अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों और रेहड़ी-पटरी वालों से जब्त सामान कोर्ट के आदेश के बिना वापस न किया जाए।
चारदीवारी की ऊंचाई काफी कम : दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता नौशाद अहमद खान ने कहा कि मार्केट की चारदीवारी की ऊंचाई काफी कम है। इससे सुरक्षा को खतरा है क्योंकि लोग उनसे फांद कर आ जाते हैं। इसके बाजार में आने-जाने के कई रास्ते हैं। इसका नियमन होना चाहिए। अदालत ने इसके बाद एनडीएमसी को उचित प्रबंध करने के लिए कहा ताकि लोग दीवार फांदकर बाजार में न घुसें।
क्रिसमस और नए साल के लिए हाईकोर्ट की अपील, संयम दिखाएं, बड़ी सभाओं से बचें
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को लोगों से अपील की कि कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर क्रिसमस और नए साल पर संयम दिखाएं और बड़ी सभाएं आयोजित करने से बचें। अदालत ने धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने के दिल्ली आपदा प्रबंध प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्णय को भी रिकार्ड पर लिया। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें धार्मिक स्थलों पर धार्मिक सभाओं के आयोजन पर दिल्ली सरकार की रोक के आदेश को चुनौती दी गई है। खंडपीठ ने कहा कि डीडीएमए के 23 दिसंबर के स्पष्टीकरण से साफ है कि धार्मिक स्थल प्रार्थना के लिए खुले रहेंगे। हालांकि, यहां पर आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं को कोविड अनुरूप आचरण करना होगा। खंडपीठ ने कहा कि डीडीएमए के स्पष्टीकरण से याची संतुष्ट है और उसकी कोई और शिकायत नहीं है।