ताजातरीनप्रदेश

Under The Business Blasters Program Of The Delhi Government, Students Are Given Financial Assistance Of Rs 2,000 In The Form Of Seed Money – दिल्ली सरकार: बड़े उद्योगपतियों को टक्कर देने की मंशा रखते हैं ये बिजनेस ब्लास्टर्स

सार

दिल्ली सरकार का दावा है कि अब तक छात्रों की ऐसी 51000 टीमें, जिसमें लगभग 300000 छात्र अपना भविष्य संवारने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, कार्य कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इन टीमों में 1000 सबसे अच्छी टीमों का चयन होगा, अगले चरण में 100 टीमों, और सबसे अंत में 10 टीमों का चयन किया जाएगा…

दिल्ली सरकार बिजनेस ब्लास्टर्स
– फोटो : Agency

ख़बर सुनें

सूरज सर्वोदय विद्यालय रानी दुर्गावती स्कूल, किदवई नगर में 11वीं कक्षा के छात्र हैं। लेकिन यह उनकी अधूरी पहचान है। उनकी एक पहचान और भी बन चुकी है। इसी उम्र में वे एक सफल उद्योगपति बनने की राह पर कदम बढ़ा चुके हैं। अपने छह साथियों के साथ मिलकर उन्होंने लोगों को असली प्राकृतिक मसाले पहुंचाने का काम शुरू किया है, जो धीरे-धीरे सफलता की राह पर आगे बढ़ रहा है।

सूरज ने अमर उजाला को बताया कि दिल्ली सरकार के बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम के तहत उन्हें ₹2000 की नकद आर्थिक सहायता दी गई थी। अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उन्होंने मसाले सप्लाई करने का काम शुरू किया और आज एक कंपनी स्थापित कर वे लोगों को शुद्ध मसाले पहुंचाने का काम सफलतापूर्वक कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मसालों को दिल्ली के थोक बाजार खारी बावली से खरीदने से लेकर उसे पैकिंग करने और लोगों तक पहुंचाने का सारा काम वे स्वयं करते हैं। उनके अन्य साथी इसमें उनका सहयोग करते हैं। स्थानीय बाजारों के छोटे-छोटे दुकानदारों से संपर्क स्थापित कर वे अपने मसालों की बिक्री लगातार बढ़ा रहे हैं। बाजार में उपलब्ध अन्य ब्रांडेड मसालों से पांच-दस रुपये कम कीमत में बेहतर गुणवत्ता के मसाले उपलब्ध करवाकर वह मार्केट में अपनी साख मजबूत करते जा रहे हैं। उनका इरादा है कि आने वाले समय में मसालों के बाजार पर कब्जा कर चुकी बड़ी-बड़ी कंपनियों के सामने उनकी अपनी एक पहचान स्थापित हो सके। यह बड़ा लक्ष्य है।

मोहम्मद शोएब भी 11वीं कक्षा के छात्र हैं। वे जीबीएसएसएस, नंबर दो, उत्तम नगर के छात्र हैं। उन्होंने अपने नौ साथियों के साथ मिलकर एक एप विकसित किया है, जिसमें एयर कंडीशनर बनाने वाले से लेकर प्लंबर और टीवी मैकेनिक और इसी प्रकार के अन्य घरेलू मशीनों को ठीक करने वाले मैकेनिक के नाम दिए गए हैं। जिस भी व्यक्ति को इन सेवाओं की जरूरत होती है, वह इस एप पर सीधे संपर्क कर इन टेक्नीशियंस की सेवाएं ले सकता है। यह मंच आसपास के लोगों में धीरे-धीरे लोकप्रिय होता जा रहा है।

कैसे मिली ये राह

जिस उम्र में छोटे-छोटे बच्चे केवल पढ़ाई करते हैं और पढ़ाई के बाद नौकरी करने का सपना देख रहे होते हैं, उसी उम्र में ये छात्र न केवल अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, बल्कि इसके साथ ही वे एक उद्योगपति बनने की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं। यह सब संभव हुआ है दिल्ली सरकार के ‘बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम’ के अंतर्गत। इस प्रोग्राम के अंतर्गत छात्रों को दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसे सीड मनी कहा जाता है। इस पैसे का उपयोग कर छात्रों की एक टीम किसी एक रोजगार को अपनाती है और उसे सफल बनाने की कोशिश करती है।

दिल्ली सरकार का दावा है कि अब तक छात्रों की ऐसी 51000 टीमें, जिसमें लगभग 300000 छात्र अपना भविष्य संवारने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, कार्य कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इन टीमों में 1000 सबसे अच्छी टीमों का चयन होगा, अगले चरण में 100 टीमों, और सबसे अंत में 10 टीमों का चयन किया जाएगा। इन्हें पुरस्कृत करने के साथ-साथ बड़ी कंपनियों बड़े-बड़े एंटरप्रेन्योर्स के माध्यम से इनकी कंपनियों में निवेश कराया जाएगा। इससे ये छोटी कोशिश एक बड़े उद्योगपति, एक बड़ी कंपनी को जन्म देने का सफल कारण बन सकती है। दिल्ली सरकार का यह कार्यक्रम देश के अन्य क्षेत्रों में भी आदर्श के रूप में देखा जा रहा है।

विस्तार

सूरज सर्वोदय विद्यालय रानी दुर्गावती स्कूल, किदवई नगर में 11वीं कक्षा के छात्र हैं। लेकिन यह उनकी अधूरी पहचान है। उनकी एक पहचान और भी बन चुकी है। इसी उम्र में वे एक सफल उद्योगपति बनने की राह पर कदम बढ़ा चुके हैं। अपने छह साथियों के साथ मिलकर उन्होंने लोगों को असली प्राकृतिक मसाले पहुंचाने का काम शुरू किया है, जो धीरे-धीरे सफलता की राह पर आगे बढ़ रहा है।

सूरज ने अमर उजाला को बताया कि दिल्ली सरकार के बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम के तहत उन्हें ₹2000 की नकद आर्थिक सहायता दी गई थी। अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उन्होंने मसाले सप्लाई करने का काम शुरू किया और आज एक कंपनी स्थापित कर वे लोगों को शुद्ध मसाले पहुंचाने का काम सफलतापूर्वक कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मसालों को दिल्ली के थोक बाजार खारी बावली से खरीदने से लेकर उसे पैकिंग करने और लोगों तक पहुंचाने का सारा काम वे स्वयं करते हैं। उनके अन्य साथी इसमें उनका सहयोग करते हैं। स्थानीय बाजारों के छोटे-छोटे दुकानदारों से संपर्क स्थापित कर वे अपने मसालों की बिक्री लगातार बढ़ा रहे हैं। बाजार में उपलब्ध अन्य ब्रांडेड मसालों से पांच-दस रुपये कम कीमत में बेहतर गुणवत्ता के मसाले उपलब्ध करवाकर वह मार्केट में अपनी साख मजबूत करते जा रहे हैं। उनका इरादा है कि आने वाले समय में मसालों के बाजार पर कब्जा कर चुकी बड़ी-बड़ी कंपनियों के सामने उनकी अपनी एक पहचान स्थापित हो सके। यह बड़ा लक्ष्य है।

मोहम्मद शोएब भी 11वीं कक्षा के छात्र हैं। वे जीबीएसएसएस, नंबर दो, उत्तम नगर के छात्र हैं। उन्होंने अपने नौ साथियों के साथ मिलकर एक एप विकसित किया है, जिसमें एयर कंडीशनर बनाने वाले से लेकर प्लंबर और टीवी मैकेनिक और इसी प्रकार के अन्य घरेलू मशीनों को ठीक करने वाले मैकेनिक के नाम दिए गए हैं। जिस भी व्यक्ति को इन सेवाओं की जरूरत होती है, वह इस एप पर सीधे संपर्क कर इन टेक्नीशियंस की सेवाएं ले सकता है। यह मंच आसपास के लोगों में धीरे-धीरे लोकप्रिय होता जा रहा है।

कैसे मिली ये राह

जिस उम्र में छोटे-छोटे बच्चे केवल पढ़ाई करते हैं और पढ़ाई के बाद नौकरी करने का सपना देख रहे होते हैं, उसी उम्र में ये छात्र न केवल अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, बल्कि इसके साथ ही वे एक उद्योगपति बनने की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं। यह सब संभव हुआ है दिल्ली सरकार के ‘बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम’ के अंतर्गत। इस प्रोग्राम के अंतर्गत छात्रों को दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसे सीड मनी कहा जाता है। इस पैसे का उपयोग कर छात्रों की एक टीम किसी एक रोजगार को अपनाती है और उसे सफल बनाने की कोशिश करती है।

दिल्ली सरकार का दावा है कि अब तक छात्रों की ऐसी 51000 टीमें, जिसमें लगभग 300000 छात्र अपना भविष्य संवारने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, कार्य कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इन टीमों में 1000 सबसे अच्छी टीमों का चयन होगा, अगले चरण में 100 टीमों, और सबसे अंत में 10 टीमों का चयन किया जाएगा। इन्हें पुरस्कृत करने के साथ-साथ बड़ी कंपनियों बड़े-बड़े एंटरप्रेन्योर्स के माध्यम से इनकी कंपनियों में निवेश कराया जाएगा। इससे ये छोटी कोशिश एक बड़े उद्योगपति, एक बड़ी कंपनी को जन्म देने का सफल कारण बन सकती है। दिल्ली सरकार का यह कार्यक्रम देश के अन्य क्षेत्रों में भी आदर्श के रूप में देखा जा रहा है।

Source link

Related Articles

Back to top button