Sharda University News : शारदा विश्वविद्यालय में डिजिटल युग में प्रतिस्पर्धा नियमन पर पैनल चर्चा, विशेषज्ञों ने साझा किए महत्वपूर्ण विचार, डिजिटल युग के कानूनी बदलावों को समझना आवश्यक

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। डिजिटल युग में प्रतिस्पर्धा नियमन की बढ़ती चुनौतियों और कानूनी पहलुओं पर मंथन करने के लिए शारदा विश्वविद्यालय के शारदा स्कूल ऑफ लॉ ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के सहयोग से एक विशेष पैनल चर्चा का आयोजन किया। इस आयोजन में कानून, नीति और कॉरपोरेट जगत के दिग्गज विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।
इस महत्वपूर्ण चर्चा में कानून के छात्रों, शोधार्थियों और फैकल्टी सदस्यों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।
बदलते डिजिटल दौर में प्रतिस्पर्धा कानून का महत्व – विशेषज्ञों की राय
पैनल की प्रमुख वक्ता, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की डिप्टी डायरेक्टर (कानून) याक्षी जय सिंह चौहान ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है, और प्रतिस्पर्धा कानून को भी इसके अनुरूप ढलना आवश्यक है। उन्होंने कहा:
“हमें नवाचार और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। बड़ी टेक कंपनियों की बाजार पर पकड़ को ध्यान में रखते हुए नियामक ढांचे को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना अनिवार्य हो गया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रतिस्पर्धा से जुड़े मुद्दे पारंपरिक व्यापार मॉडल से अलग हैं, इसलिए कानूनी क्षेत्र को इन नए आयामों को समझते हुए उचित रणनीतियां विकसित करनी होंगी।”

डिजिटल युग के कानूनी बदलावों को समझना आवश्यक – डॉ. ऋषिकेश दवे
शारदा स्कूल ऑफ लॉ के डीन, डॉ. ऋषिकेश दवे ने कहा कि इस पैनल चर्चा का मुख्य उद्देश्य कानून के छात्रों को डिजिटल युग में होने वाले कानूनी परिवर्तनों और उनसे उत्पन्न चुनौतियों को समझने का अवसर प्रदान करना था।
उन्होंने कहा:
“नए युग की डिजिटल कंपनियों के लिए नियमन आवश्यक है, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नियम नवाचार को बाधित न करें। प्रतिस्पर्धा कानून को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने की दिशा में विशेषज्ञों की यह चर्चा छात्रों के लिए बेहद ज्ञानवर्धक रही।”
सम्मेलन में इन प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने रखे विचार
इस पैनल चर्चा में कानूनी और कॉरपोरेट क्षेत्र के कई अनुभवी विशेषज्ञों ने अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। उपस्थित प्रमुख विशेषज्ञों में शामिल थे:
- डॉ. मानवेन्द्र सिंह
- डॉ. वैशाली अरोड़ा
- अमन सिंह सेठी, पार्टनर, शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी
- प्रांजल प्रतीक, पार्टनर, खैतान एंड कंपनी
- अर्जुन निहाल सिंह, पार्टनर, लूथरा एंड लूथरा लॉ ऑफिसेज
निष्कर्ष – डिजिटल दौर में कानूनी जागरूकता आवश्यक
डिजिटल युग में प्रतिस्पर्धा नियमन को लेकर यह पैनल चर्चा अत्यंत महत्वपूर्ण रही। टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव के बीच यह आवश्यक हो गया है कि कानूनी और कॉरपोरेट जगत मिलकर नई रणनीतियां विकसित करें, ताकि नवाचार और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के बीच संतुलन बना रहे।
इस चर्चा के माध्यम से शारदा विश्वविद्यालय ने एक बार फिर कानूनी शिक्षा को प्रासंगिक और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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