देशप्रदेश

Today, demonstrations at district-tehsil headquarters, meetings will be held on all four borders including Ghazipur | मंत्री अजय मिश्र की बर्खास्तगी की मांग को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर होंगी सभाएं, जानिए- क्या है प्लान?

गाजियबाद7 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
andolan 1635213456

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर समेत दिल्ली के चार बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन को आज यानी 26 अक्टूबर को 11 महीने पूरे हो रहे हैं। सरकार और किसानों में 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, जो बेनतीजा रही है। कानून रद्द करने की मांग जस की तस है। इस कड़ी में आज लखीमपुर हिंसा के आरोपी के पिता और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी की बर्खास्तगी को लेकर पूरे देश में किसान प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली बॉर्डर पर सभाएं होंगी। किसान मोर्चा की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम एक ज्ञापन भेजा जाएगा।

बता दें कि 11 महीनों में आंदोलन से जुड़े 605 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब में चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में यह किसान आंदोलन अब सरकार के गले की फांस बन सकता है। सरकार ने 22 जनवरी 2021 के बाद से किसानों से कोई वार्ता नहीं की है।

किसान आंदोलन के मोर्चों में महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी है।

किसान आंदोलन के मोर्चों में महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी है।

गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद रहेंगे राकेश टिकैत

संयुक्त किसान मोर्चा (यूपी) के मीडिया प्रभारी चंद्रपाल सिंह ने बताया कि किसान आंदोलन के देशभर में जिला मुख्यालय और तहसीलों पर सुबह 11 से दोपहर 2 बजे के बीच प्रदर्शन होंगे। कुछ पुलिस स्टेशनों पर भी धरने दिए जाएंगे। गाजीपुर बॉर्डर पर खुद भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत और ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले मौजूद रहेंगे।

गाजीपुर समेत सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी सभाएं आयोजित होंगी। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अफसरों को दिए जाएंगे। सभी जिलों-तहसीलों में एक जैसे ज्ञापन दिए जाएंगे। ज्ञापन का प्रारूप संयुक्त किसान मोर्चा ने भेज दिया है।

गाजीपुर बॉर्डर पर धरने के बीच किसान विभिन्न खेल खेलते रहते हैं।

गाजीपुर बॉर्डर पर धरने के बीच किसान विभिन्न खेल खेलते रहते हैं।

ये हैं किसानों की मुख्य मांगे

  • लखीमपुर खीरी की घटना के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।
  • तीनों कृषि कानूनों को वापस किया जाए।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून का दर्जा दिया जाए।
  • देशभर में बेमौसम बारिश व बाढ़ के कारण किसानों की धान, दलहन, तिल, आलू आदि की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। किसानों के नुकसान का शत प्रतिशत मुआवजा दिया जाए।
  • देशभर में किसानों को फसलों की बुवाई हेतु खाद की जरूरत है, लेकिन देशभर में किसान खाद के लिए कतार में है। किसानों को बुवाई हेतु खाद उपलब्ध कराया जाए।
पुलिस की बैरिकेडिंग व किसानों के तंबुओं से मुख्य रास्ते बंद चल रहे हैं।

पुलिस की बैरिकेडिंग व किसानों के तंबुओं से मुख्य रास्ते बंद चल रहे हैं।

11 महीने से बंद हैं दिल्ली जाने के मुख्य रास्ते
इस आंदोलन का खामियाजा रोजाना लाखों लोगों को उठाना पड़ रहा है। दिल्ली के चार बॉर्डरों के मुख्य रास्ते 11 महीने से बंद है। रास्तों पर किसानों के टैंट-तंबू लगे हैं। लोगों को कई किलोमीटर अतिरिक्त सफर करके मंजिल की तरफ जाना पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर नाराजगी जताई है। हालांकि, किसानों का कहना है कि रास्ते उन्होंने नहीं रोके। दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई हुई है।

कब-कब विवादित हुआ आंदोलन

  • 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान कई जगह हिंसा हुई। लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराया गया। हिंसा में 59 मुकदमे दर्ज हुए। 158 किसान गिरफ्तार किए गए।
  • 28 अगस्त 2021 को करनाल में सीएम मनोहरलाल खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज। एक किसान की मौत के बाद बवाल। चार दिन तक मिनी सचिवालय पर धरना।
  • 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर भाजपा नेताओं के काफिले ने कार चढ़ाई, ऐसा आरोप लगा। इसमें चार किसानों व एक पत्रकार की मौत हुई। हिंसा में अन्य तीन भाजपा कार्यकर्ता भी मारे गए।
  • 15 अक्टूबर 2021 को सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की निहंगों के एक समूह ने हत्या कर दी। इसमें चार निहंग गिरफ्तार हो चुके हैं।

खबरें और भी हैं…

Source link

Raftar Today
raftar today

Related Articles

Back to top button