अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 18 Nov 2021 06:50 AM IST
सार
उत्तर-पश्चिम दिशा से बदलकर हवा की दिशा हुई पूर्व। अधिक पराली जलने के बाद भी सिर्फ छह फीसदी रही हिस्सेदारी। दो दिनों तक सुधार नहीं।
दिल्ली में वायुप्रदूषण
– फोटो : PTI
दिल्ली की हवा अब भी ‘बहुत बुरी’ की श्रेणी में ही है। सफर के मुताबिक आज सवेरे दिल्ली का एक्यूआई 362 दर्ज किया गया। हालांकि हवाओ का रुख बदला है और उनमें मामूली सुधार भी आया है।
हालांकि पड़ोसी राज्यों से आने वाली हवाओं के रूख बदलने से दिल्ली-एनसीआर में हवा की सेहत में मामूली सुधार हुआ है। गत दिनों से लगातार उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही हवाएं बुधवार को पूर्व दिशा की ओर हो गई हैं। इस वजह से अधिक पराली जलने के बाद भी इसके प्रदूषण में सिर्फ छह फीसदी हिस्सेदारी रही। आगामी दो दिनों तक हवा की खराब सेहत से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। 20 नवंबर के बाद हवाओं की तेज रफ्तार वायु गुणवत्ता में सुधार कर सकती है।
इस महीने दूसरी बार सबसे कम रही पराली के धुएं की हिस्सेदारी
सफर के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 2643 पराली जलने की घटनाओं की वजह से प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ छह फीसदी रही। इससे पहले तीन नवंबर को पराली के धुएं के हिस्सेदारी छह फीसदी रही थी। हवाओं का रूख पूर्वी दिशा की ओर हो गया है। इससे हवा में पहले से मौजूद प्रदूषक को कम होने में मदद मिली है। हालांकि, पीएम 10 के कण चार से पांच दिनों तक हवा में मौजूद रहते हैं।
इस वजह से हवा की खराब सेहत से ज्यादा रहात नहीं मिली है। वर्तमान में हवा में पीएम 10 का स्तर तीन गुना व पीएम 2.5 का स्तर तीन गुना से अधिक बना हुआ है। बुधवार को पीएम 10 का स्तर 316 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर व पीएम 2.5 का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा है। पीएम 10 स्तर का 100 से कम व पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर सुरक्षित माना जाता है। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों तक वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी। 20 नवंबर से हवा की रफ्तार तेज होगी जो प्रदूषक को हवा में कम करने में मदद करेगी।
एक हजार मीटर रही मिक्सिंग हाइट
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) के मुताबिक, बुधवार को मिक्सिंग हाइट एक हजार मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 1500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा है। हवा की रफ्तार चार से आठ किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई है। अगले 24 घंटे में मिक्सिंग हाइट 1100 मीटर व 19 नवंबर को 1200 मीटर से कम मिक्सिंग हाइट रहेगी। वहीं, 18 नवंबर को वेंटिलेशन इंडेक्स 500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड व 19 नवंबर को एक हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड वेंटिलेशन इंडेक्स रहने का पूर्वानुमान है। हवा की रफ्तार 10 किमी प्रतिघंटा से कम होने व मिक्सिंग हाइट छह हजार वर्ग मीटर से कम होने पर प्रदूषण को बढ़ने में मदद मिलती है।
139 शहरों में जींद के बाद दिल्ली-एनसीआर सबसे प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के मुताबिक, प्रदूषण को लेकर लगातार दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर हालात बदतर बने हुए हैं। हरियाणा के जिंद के बाद दिल्ली-एनसीआर के सभी शहर 139 शहरों की सूची में बहुत खराब एक्यूआई के साथ दर्ज हुए हैं। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 375 रहा है। इससे एक दिन पहले यह 403 के आंकड़े के साथ गंभीर श्रेणी में रहा था। एनसीआर में शामिल फरीदाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा है। इसके बाद तीसरे नंबर पर दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर है।
विस्तार
दिल्ली की हवा अब भी ‘बहुत बुरी’ की श्रेणी में ही है। सफर के मुताबिक आज सवेरे दिल्ली का एक्यूआई 362 दर्ज किया गया। हालांकि हवाओ का रुख बदला है और उनमें मामूली सुधार भी आया है।
हालांकि पड़ोसी राज्यों से आने वाली हवाओं के रूख बदलने से दिल्ली-एनसीआर में हवा की सेहत में मामूली सुधार हुआ है। गत दिनों से लगातार उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही हवाएं बुधवार को पूर्व दिशा की ओर हो गई हैं। इस वजह से अधिक पराली जलने के बाद भी इसके प्रदूषण में सिर्फ छह फीसदी हिस्सेदारी रही। आगामी दो दिनों तक हवा की खराब सेहत से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। 20 नवंबर के बाद हवाओं की तेज रफ्तार वायु गुणवत्ता में सुधार कर सकती है।
इस महीने दूसरी बार सबसे कम रही पराली के धुएं की हिस्सेदारी
सफर के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 2643 पराली जलने की घटनाओं की वजह से प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ छह फीसदी रही। इससे पहले तीन नवंबर को पराली के धुएं के हिस्सेदारी छह फीसदी रही थी। हवाओं का रूख पूर्वी दिशा की ओर हो गया है। इससे हवा में पहले से मौजूद प्रदूषक को कम होने में मदद मिली है। हालांकि, पीएम 10 के कण चार से पांच दिनों तक हवा में मौजूद रहते हैं।
इस वजह से हवा की खराब सेहत से ज्यादा रहात नहीं मिली है। वर्तमान में हवा में पीएम 10 का स्तर तीन गुना व पीएम 2.5 का स्तर तीन गुना से अधिक बना हुआ है। बुधवार को पीएम 10 का स्तर 316 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर व पीएम 2.5 का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा है। पीएम 10 स्तर का 100 से कम व पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर सुरक्षित माना जाता है। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों तक वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी। 20 नवंबर से हवा की रफ्तार तेज होगी जो प्रदूषक को हवा में कम करने में मदद करेगी।
एक हजार मीटर रही मिक्सिंग हाइट
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) के मुताबिक, बुधवार को मिक्सिंग हाइट एक हजार मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 1500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा है। हवा की रफ्तार चार से आठ किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई है। अगले 24 घंटे में मिक्सिंग हाइट 1100 मीटर व 19 नवंबर को 1200 मीटर से कम मिक्सिंग हाइट रहेगी। वहीं, 18 नवंबर को वेंटिलेशन इंडेक्स 500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड व 19 नवंबर को एक हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड वेंटिलेशन इंडेक्स रहने का पूर्वानुमान है। हवा की रफ्तार 10 किमी प्रतिघंटा से कम होने व मिक्सिंग हाइट छह हजार वर्ग मीटर से कम होने पर प्रदूषण को बढ़ने में मदद मिलती है।
139 शहरों में जींद के बाद दिल्ली-एनसीआर सबसे प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के मुताबिक, प्रदूषण को लेकर लगातार दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर हालात बदतर बने हुए हैं। हरियाणा के जिंद के बाद दिल्ली-एनसीआर के सभी शहर 139 शहरों की सूची में बहुत खराब एक्यूआई के साथ दर्ज हुए हैं। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 375 रहा है। इससे एक दिन पहले यह 403 के आंकड़े के साथ गंभीर श्रेणी में रहा था। एनसीआर में शामिल फरीदाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा है। इसके बाद तीसरे नंबर पर दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर है।
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