सीबीएसई की परीक्षाएं अपने तयशुदा तिथियों पर पर होंगी। उधर, इस बारे में शिक्षा निदेशालय ने भी सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि सभी स्कूल प्रमुख बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी इंतजाम पूरा कर लें।
गोपाल राय ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली में 20 नवंबर तक सभी शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटर और लाइब्रेरी को बंद रहेंगे। 17 नवंबर तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इस दौरान अधिकारी-कर्मचारी सहित निजी संस्थानों में वर्क फ्रॉम होम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्माण और विध्वंसक गतिविधियां भी 17 नवंबर तक बंद रहेंगे। इस अवधि में प्रदूषण सहित सभी पहलुओं की समीक्षा के बाद निर्णय लिया जाएगा। स्वास्थ्य, परिवहन, फायर सर्विस, साफ सफाई से जुड़े सभी काम पहले की तरह होंगे और उनपर पाबंदी नहीं लगाई गई है।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में दो तरह से प्रदूषण होता है। दिल्ली के अंदर चलने वाले वाहन, निर्माण गतिविधियां और कूड़ा जलने से जबकि दूसरे तरह का प्रदूषण दिल्ली से बाहर से होने वाला है। इनमें दूसरे राज्यों में पराली जलाने से प्रदूषण हो रहा है। हालांकि, शनिवार की तुलना में रविवार को हालात में कुछ सुधार हुआ है फिर भी अगले कुछ दिनों में प्रदूषण का स्तर और बढने की आशंका जताई गई है।
आपातकालीन सेवाएं रहेंगी जारी, दफ्तरों में 17 तक रहेगा वर्क फ्रॉम होम
दिल्ली के सभी के कार्यालय, स्वायत्त संस्थान, निगमों के दफ्तर बंद रहेंगे। इस दौरान सरकारीकर्मियों सहित निजी संस्थानों के कर्मी भी वर्क फ्रॉ होम रहेंगे। इसके लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य सेवाएं, पुलिस, जेल, होमगार्ड, फायर सर्विस, जिला प्राशासन, डीपीसीसी, पे एंड अकाउंट, बिजली, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, साफ सफाई, जलापूर्ति, एयर, रेलवे, मेट्रो, बस सहित सभी सार्वजनिक परिवहन और कार्गों सेवाएं जारी रहेंगी। इस दौरान आपदा प्रबंधन, एनआईसी और एमसीडी की सेवाओं में भी छूट रहेंगी।
लॉकडाउन लगाने पर दिल्ली सरकार
गोपाल राय ने बताया कि लॉकडाउन के बारे में दिल्ली सरकार सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसका वर्क आउट किया जा रहा है। इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया था कि अभी हम लॉकडाउन लगा नहीं रहे हैं। इसका एक प्रस्ताव बना रहे हैं और इस प्रस्ताव को हम सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। साथ ही केंद्र सरकार समेत सभी एजेंसियों से बातचीत की जाएगी। वजह यह कि यह बहुत ही बड़ा कदम होगा। इसलिए केंद्र सरकार, सीपीसीबी, सफर समेत सभी एजेंसी को भरोसे में लेकर अगर ऐसे हालात बनते हैं, तो उसमें दिल्ली के अंदर सारे प्राइवेट वाहन, निर्माण, ट्रांसपोर्ट, औद्योगिक गतिविधियां बंद की जा सकती हैं।