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YEIDA News: 1493 करोड़ की हेराफेरी में नपे यमुना अथॉरिटी के अफसर, लखनऊ तक मची हलचल, पढ़कर दंग रह जाएंगे

रिपोर्ट्स की मानें तो यीडा क्षेत्र के सेक्टर-22डी में मैसर्स सुपरटेक और मैसर्स सनवर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर को टाउनशिप विकसित करने के लिए 100-100 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। 26 जून को यीडा की बोर्ड बैठक में हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के तथ्य को छिपाकर दोनों बिल्डरों के जमीन आवंटन को रद्द करने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसकी सच्चाई सामने आने के बाद यीडा में भूचाल सा आ गया है।

यमुना अथॉरिटी, रफ़्तार टुडे। YEIDA में 1493 करोड़ की हेराफेरी में यमुना अथॉरिटी के अफसर नपते हुए दिखाई दे रहे है। लखनऊ से नोएडा तक इस मामले में मची हलचल इसका गवाह है। आप भी इसे पढ़कर दंग रह जाएंगे। यमुना अथॉरिटी की ओर से ऐसी लापरवाही सामने आई है जिसने लखनऊ तक हड़कंप मचा दिया है, यीडा के विधि और बिल्डर विभाग की लापरवाही के चलते पूरे अथॉरिटी की किरकिरी हो रही है, दरअसल, मैसर्स सुपरटेक और मैसर्स सनवर्ल्ड बिल्डरों पर अथॉरिटी के 1493 करोड़ रुपये बकाया हैं।

नोटिस को किया बिल्डरों ने अनसुना !
प्रिंसिपल सेक्रेटरी इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अरुण सागर की अध्यक्षता में हुई बोर्ड ने आंवटन रद्द करने की संस्तुति भी कर दी थी। रिपोर्ट्स की मानें तो यीडा क्षेत्र के सेक्टर-22डी में मैसर्स सुपरटेक और मैसर्स सनवर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर को टाउनशिप विकसित करने के लिए 100-100 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। 26 जून को यीडा की बोर्ड बैठक में हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के तथ्य को छिपाकर दोनों बिल्डरों के जमीन आवंटन को रद्द करने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसकी सच्चाई सामने आने के बाद यीडा में भूचाल सा आ गया है।

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दोनों बिल्डरों ने अभी तक परियोजना को पूरा नहीं किया है। इसमें सनवर्ल्ड ने मौके पर काम ही नहीं किया है और सुपरटेक टाउनशिप में कुछ लोग रहने लगे हैं। सुपरटेक में 3200 और सनवर्ल्ड में 1400 खरीदार हैं। सुपरटेक पर 677 करोड़ रुपये और सनवर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पर 816 करोड़ रुपये बकाया हैं। विभाग की ओर से बकाया जमा करने के लिए बार-बार नोटिस देने के बाद भी बिल्डरों ने पैसे जमा नहीं किए। वहीं, बिल्डर-खरीदारों की समस्याओं के निस्तारण के लिए गठित अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए भी दोनों बिल्डर आगे नहीं आए। इस पर अब अथॉरिटी ने शिकंजा कसा है।


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मैसर्स सुपरटेक और मैसर्स सनवर्ल्ड के आवंटन रद्द करने के बोर्ड बैठक के फैसले पर मंगलवार को बिल्डरों ने सीईओ को पत्र भेजकर अपना दावा प्रस्तुत किया। मामले की जांच की गई तो अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई। हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के बाद भी आवंटन रद्द करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई थी। अब आनन-फानन में बोर्ड बैठक में संशोधन किया गया।

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लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अब कार्रवाई की तैयारी हो रही है CEO डॉ. अरुणवीर सिंह
लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अब कार्रवाई की तैयारी हो रही है। यीडा के CEO डॉ. अरुण कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि दोनों की बिल्डर के मामले में याचिका न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण आवंटन निरस्तीकरण के फैसले को रोक दिया गया है। विधि विभाग की ओर से बोर्ड को गलत सूचना दी गई थी। विधि विभाग में तैनात विधि अधिकारी, प्रबंधक, सहायक प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आगे ऐसा दोबारा न हो इसके लिए शासनादेश जारी किया गया है।

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