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इंटरनेट, वाईफाई, और ब्लूटूथ के बगैर रोबोट देगा आतंकवादियों की जानकारी

गेटर नोएडा, रफ्तार टुडे । पाकिस्तान और चीन के नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए अब रोबोट के सहारे भारतीय सेना को मजबूती देने के लिए आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग के छात्रों ने एक रोबोट कार बनाई है।

इस कार की मदद से जंगल या युद्ध के मैदान में छिपे आतंकवादियों की पहचान कर दूर बैठे आर्मी के अधिकारियों को इसकी सूचना दे जा सकती है। छात्रों ने बताया कि वर्तमान समय से आतंकी घात लगाकर बैठे रहते हैं और हमारे जवानों को आसानी से निशाना बना देते हैं।

लेकिन इस रोबोट कार के प्रयोग से हम सैनिक आतंकवादियों की लोकेश और उनकी संख्या बता सकती है। भविष्य में सैनिकों को युद्ध स्थल में भेजने के बजाय उनके द्वारा संचालित रोबोट को भेजकर अभियान की गुप्त जानकारी ली जा सकती है। लोरा टेक्नोलॉजी पर करता है कामः इसको डिजाइन करने वाले आईआईएमटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र अर्पण जैन, प्रत्युष बिसी और अजमत खान ने संयुक्त रूप से इस पर काम किया है।

लोरा यानी लॉग रेंज इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए इसमें एक ट्रांसमीटर और रिसीवर लगाया गया है। साथ ही इसमें टेंपरेचर सेंसर लगा हुआ है। इस सेंसर की वजह से दुश्मनों की संख्या का पता लगाया जा सकता है। जो को लोरा तकनीक के जरिए काम करता है। यह रोबोट कार इंटरनेट, वाईफाई, और ब्लूटूथ के बगैर आतंकवादियों और नक्सलियों की गतिविधियों जैसे दुश्मनों की संख्या कितनी है, दुश्मन हमारे सैनिकों से कितनी दूरी पर बैठा है और किस प्रकार के हथियारों से लेस हैं।

अल्ट्रासोनिक सेंसर का किया गया है प्रयोगः इसमें अल्ट्रासोनिक ट्रेनोलॉजी को अपनाया गया है जो कि दुश्मनों और सैनिकों के बीच कितनी दूरी है इसकी सटीक जानकारी देगा। अगर इसकी रेंज की बात की जाए तो यह फिलहाल 2 किलोमीटर तक काम करता है लेकिन आने वाले समय में इससे 35 से 40 किलोमीटर दूर बैठे आतंकवादियों के स्थान पर पहुंचकर वहां का डाटा एकत्र किया जा सकता है। आने वाले समय में इसमें कैमरा पर काम किया जाएगा जिसे इमेज रिकोजेशन कराया जा सकता है यह नए जमाने का डाटा ट्रांसफर करेंगा जो की सस्ता और किफायती रहेगा।

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विभाग की प्रमुख सीमा नायक ने बताया कि प्रोटोटाईप आडिया का चयन अप्रैल 2022 इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ, आईआईटी रूड़की एलुमनी एशोशिएशन, लखनऊ चेपट द्वारा आयोजित प्रतिभा खोज प्रतियोगिता उल्लास- गलोबल थामसो 175 के लिए किया गया है। इस प्रटोटाइप ने सभी एकेटीयू कॉलेजों में से रोबोटिक्स के उपयोग की श्रेणी के तहत उल्लास गलोबल थॉमसो 175 टेलेंट हंट प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता के दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्रों के काम को सराहा वहीं आईआईटी-रूड़की लखनऊ चैप्टर के अध्यक्ष अनुज वाषर्णेय ने पुरस्कार से नवाजा। वहीं इंजिनियरिंग कॉलेज में सहायक प्रोफेसर बसंत महतो ने बताया कि कॉलेज समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल ने इस प्रोजेक्ट को लगातार समर्थ दिया।

Raftar Today
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