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Opd Will Remain Closed On Saturday In Hospitals Across Country Including Delhi Due To Late On Neet Counselling – नीट काउंसलिंग : दिल्ली सहित देशभर के अस्पतालों में आज बंद रहेगी ओपीडी, डॉक्टर हड़ताल पर

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार
Updated Sat, 27 Nov 2021 03:07 AM IST

सार

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार का कहना है कि अगर जल्द ही सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो देश भर के अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रहेगी।

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नीट काउंसलिंग में देरी के खिलाफ शनिवार को देशभर के अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहेंगी। शुक्रवार को डॉक्टरों के अलग-अलग राष्ट्रीय संगठनों ने इसकी घोषणा की है, जिसके बाद सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों ने 27 नवंबर को ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला लिया है। 

दिल्ली के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित देश के कई राज्यों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल को समर्थन देने का फैसला लिया है। वहीं एनसीआर के शहरों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने दिल्ली आकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की जानकारी दी है।
  
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने बताया कि नीट पीजी की काउंसलिंग को अस्थायी तौर पर आगे बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार का यह फैसला एकदम गलत है। देश भर में युवा डॉक्टर पहले से ही अतिरिक्त बोझ और रात-दिन ड्यूटी दे रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी चिकित्सीय शिक्षा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में चार सप्ताह और काउंसलिंग को आगे बढ़ाने का फैसला गलत है। इसके खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। 

उन्होंने बताया कि दिल्ली के जंतर मंतर पर शाम पांच बजे डॉक्टर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं सभी अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों से ओपीडी बंद रखने की अपील की है। वहीं फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। फोर्डा के अनुसार, देश के रेजिडेंट डॉक्टर कोविड-19 महामारी के कारण पहले से ही बोझ से दबे और थके हुए हैं, इसके बावजूद वे आज तक पीजी 2021 काउंसलिंग की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक संकट से कोई राहत नहीं मिल रही है। अब अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को निर्धारित है। 

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार का कहना है कि अगर जल्द ही सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो देश भर के अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रहेगी। जानकारी मिली है कि रेजीडेंट डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी समर्थन दिया है।

विस्तार

नीट काउंसलिंग में देरी के खिलाफ शनिवार को देशभर के अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहेंगी। शुक्रवार को डॉक्टरों के अलग-अलग राष्ट्रीय संगठनों ने इसकी घोषणा की है, जिसके बाद सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों ने 27 नवंबर को ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला लिया है। 

दिल्ली के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित देश के कई राज्यों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल को समर्थन देने का फैसला लिया है। वहीं एनसीआर के शहरों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने दिल्ली आकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की जानकारी दी है।

  

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने बताया कि नीट पीजी की काउंसलिंग को अस्थायी तौर पर आगे बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार का यह फैसला एकदम गलत है। देश भर में युवा डॉक्टर पहले से ही अतिरिक्त बोझ और रात-दिन ड्यूटी दे रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी चिकित्सीय शिक्षा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में चार सप्ताह और काउंसलिंग को आगे बढ़ाने का फैसला गलत है। इसके खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। 

उन्होंने बताया कि दिल्ली के जंतर मंतर पर शाम पांच बजे डॉक्टर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं सभी अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों से ओपीडी बंद रखने की अपील की है। वहीं फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। फोर्डा के अनुसार, देश के रेजिडेंट डॉक्टर कोविड-19 महामारी के कारण पहले से ही बोझ से दबे और थके हुए हैं, इसके बावजूद वे आज तक पीजी 2021 काउंसलिंग की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक संकट से कोई राहत नहीं मिल रही है। अब अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को निर्धारित है। 

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार का कहना है कि अगर जल्द ही सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो देश भर के अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रहेगी। जानकारी मिली है कि रेजीडेंट डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी समर्थन दिया है।

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