CM Yogi Meet GIMS CEO : शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सीएम योगी से मिला शिक्षक प्रतिनिधिमंडल, स्वदेश कुमार सिंह की अगुवाई में पौन घंटे की बैठक, शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षक कल्याण और संस्थागत सुधार बने मुख्य मुद्दे

लखनऊ, रफ़्तार टुडे।
उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में चल रही समस्याओं और आवश्यक सुधारों को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मिला। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उत्तर प्रदेश तकनीकी संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष और ग्रेटर नोएडा स्थित GIMS संस्थान के सीईओ श्री स्वदेश कुमार सिंह ने किया। इस विशेष मुलाकात में प्रदेश में शिक्षकों की समस्याओं, तकनीकी शिक्षा की चुनौतियों और सुधारों को लेकर खुलकर चर्चा हुई।
शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षक कल्याण और संस्थागत सुधार बने मुख्य मुद्दे
श्री स्वदेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री से हुई लगभग 45 मिनट लंबी बातचीत की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस दौरान शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं पर गंभीर विमर्श हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री को शिक्षकों के हित में निम्नलिखित प्रमुख सुझाव और मांगें प्रस्तुत की:
- प्रदेश के तकनीकी संस्थानों में शिक्षकों की कमी को शीघ्र दूर करने की जरूरत।
- शिक्षकों की वेतन विसंगतियों और प्रमोशन की अड़चनों पर तुरंत समाधान।
- अनुबंधित शिक्षकों के लिए सेवा शर्तों में पारदर्शिता और सम्मानजनक ढांचा।
- नई शिक्षा नीति (NEP) के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु शिक्षक प्रशिक्षण पर ज़ोर।
- निजी कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों की सुरक्षा और स्थायित्व सुनिश्चित करने की मांग।
मुख्यमंत्री योगी ने दिया समस्याओं के समाधान का भरोसा
स्वदेश कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तुत बिंदुओं को गंभीरता से सुना और कहा कि—
“शिक्षा समाज की रीढ़ है और शिक्षक उसकी आत्मा। शिक्षकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा के हर स्तर पर गुणवत्ता को सर्वोपरि मानती है और जल्द ही एक व्यापक शिक्षकीय कल्याण योजना लागू की जाएगी।
शिक्षा से जुड़े लोगों की समस्याओं को सीधे मंच पर लाना ही था उद्देश्य
स्वदेश कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य था –
“शिक्षा जगत से जुड़े जमीनी मुद्दों को प्रदेश के सर्वोच्च नेतृत्व तक पहुंचाना, ताकि नीतिगत स्तर पर प्रभावशाली और व्यावहारिक निर्णय लिए जा सकें।”
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कई शिक्षक आज भी न्याय और स्थायित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि नई शिक्षा नीति जैसे बड़े बदलाव लागू हो रहे हैं। इसलिए नीति निर्धारकों और शिक्षा से जुड़े प्रतिनिधियों के बीच सीधा संवाद जरूरी है।
प्रतिनिधिमंडल में अन्य वरिष्ठ नेता भी थे मौजूद
इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार और उत्तर प्रदेश शैक्षिक महासंघ के उच्च प्रभारी उदयन मिश्रा भी शामिल थे। दोनों वरिष्ठ नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के सामने शिक्षकों की समस्याओं की सूची प्रस्तुत की और तकनीकी शिक्षा के सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
तकनीकी शिक्षा की चुनौतियों पर भी चर्चा
बैठक में तकनीकी शिक्षा की गिरती गुणवत्ता, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, और उद्योगों से कम कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने इस पर विशेष ध्यान देने की बात कही और आगामी बजट सत्र में तकनीकी शिक्षा सुधार के लिए विशेष प्रावधान करने का आश्वासन दिया।
क्या निकलकर आया इस बैठक से?
- मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के हितों की रक्षा का भरोसा दिया
- नीति निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को अहम बताया गया
- राज्य के विभिन्न कॉलेजों की परेशानियों पर ध्यान देने का वादा
- संगठन और शासन के बीच संवाद के नए द्वार खुलने की उम्मीद
भविष्य की दिशा
स्वदेश कुमार सिंह ने यह भी कहा कि आने वाले समय में वे प्रदेशभर के कॉलेजों का दौरा करके शिक्षकों की समस्याओं को एकत्र करेंगे और उन्हें फिर से शासन तक पहुंचाएंगे। उन्होंने शिक्षा को राजनीतिक वादों से दूर रखकर व्यावहारिक और नीति आधारित सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया।
📌 निष्कर्ष
इस मुलाकात को शिक्षा जगत के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए आश्वासनों पर अमल होता है, तो यह उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक नई शुरुआत साबित हो सकती है।
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