GD Goenka Public School : "देश के सबसे बड़े घर की देहरी पर पहुंचे गोयंका स्कूल के बच्चे, राष्ट्रपति भवन की भव्यता, गौरव और इतिहास से हुई रूबरू पीढ़ी, जिसने जाना लोकतंत्र का असली चेहरा"

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।
देश के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक भवनों में से एक – राष्ट्रपति भवन का दौरा जब ग्रेटर नोएडा के जी. डी. गोयंका पब्लिक स्कूल, स्वर्ण नगरी के छात्रों ने किया, तो यह सिर्फ एक शैक्षिक भ्रमण नहीं बल्कि एक राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत अनुभव बन गया। 29 अप्रैल 2025 को हुए इस भ्रमण के दौरान छात्रों ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास को निकट से देखा, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की गरिमा, सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्मृतियों और वास्तुकला की भव्यता को भी गहराई से अनुभव किया।
भ्रमण का उद्देश्य – राष्ट्रभक्ति की भावना और प्रशासनिक समझ विकसित करना
विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीय चेतना, सांस्कृतिक जागरूकता और भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के प्रति समझ को विकसित करना था। बच्चों को बताया गया कि राष्ट्रपति भवन केवल एक निवास स्थान नहीं, बल्कि वह स्थान है जहाँ से भारत का संवैधानिक नेतृत्व संचालित होता है। यह यात्रा छात्रों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ उनमें राष्ट्रीय गौरव की भावना को भी मजबूत करती है।
पहली झलक में ही हुआ ‘भव्यता’ का अहसास
जैसे ही छात्र राष्ट्रपति भवन के परिसर में पहुंचे, उन्हें पहली ही झलक में इसकी भव्यता और अनुशासन का अनुभव हुआ। लाल पत्थरों से बनी यह विशाल संरचना अपने आप में भारत के स्थापत्य कौशल और ब्रिटिश औपनिवेशिक काल की वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। छात्रों ने बताया कि राष्ट्रपति भवन को नजदीक से देखकर उन्हें ऐसा लगा जैसे वे इतिहास के किसी जीवंत अध्याय में प्रवेश कर गए हों।

अमृत उद्यान, दरबार हॉल और संग्रहालय – एक से बढ़कर एक अनुभूति
राष्ट्रपति भवन भ्रमण का मुख्य आकर्षण था अमृत उद्यान, जिसे पहले मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता था। फूलों की सैकड़ों प्रजातियों, सुव्यवस्थित हरियाली और सौंदर्य से छात्रों ने भारतीय बागवानी परंपरा की एक नई झलक देखी।
इसके बाद बच्चों ने दरबार हॉल का दौरा किया, जहां भारत के राष्ट्रपति औपचारिक समारोहों की मेज़बानी करते हैं। वहाँ की छत, भित्तिचित्र और राजकीय प्रतीक देखकर बच्चे विस्मित रह गए। छात्रों ने बताया कि इस हॉल की भव्यता ने उन्हें राष्ट्र की गरिमा और गरिमा के प्रतीकों की महत्ता को अनुभव कराया।
राष्ट्रपति संग्रहालय में छात्रों ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति तक की झांकियों, दस्तावेजों, तस्वीरों और महापुरुषों द्वारा प्रयोग किए गए वस्त्र, कलम, फर्नीचर आदि को देखा। छात्रों ने बताया कि ये चीजें देखकर उन्हें इतिहास की किताबों में पढ़ी बातें सजीव होती नजर आईं।
राष्ट्रपति की दिनचर्या और संवैधानिक भूमिका की भी ली जानकारी
इस भ्रमण का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि छात्रों को राष्ट्रपति की दिनचर्या, जिम्मेदारियों और संवैधानिक भूमिकाओं के बारे में भी गहन जानकारी दी गई। उन्होंने जाना कि राष्ट्रपति का कार्य केवल प्रतीकात्मक नहीं होता, बल्कि वह भारत के संविधान के रक्षक के रूप में कई गंभीर निर्णयों में भाग लेते हैं।
छात्रों को बताया गया कि कैसे राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर निर्णय लेते हैं, संसद के अधिवेशन बुलाते हैं, विधेयकों पर हस्ताक्षर करते हैं और सर्वोच्च न्यायालय व राज्यपालों की नियुक्ति करते हैं।

छात्रों के मन में जागा गर्व और देशभक्ति का भाव
भ्रमण के दौरान बच्चों की आंखों में जिज्ञासा, रोमांच और राष्ट्रप्रेम साफ झलक रहा था। छात्रों ने बताया कि इस अनुभव ने उनके भीतर देश की संस्थाओं के प्रति नया सम्मान उत्पन्न किया है। उन्हें यह भी महसूस हुआ कि जिस भारत को वे किताबों में पढ़ते हैं, वह किस प्रकार असल रूप में कार्य करता है।
एक छात्रा ने बताया, “राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करते ही महसूस हुआ कि हम किसी सामान्य इमारत में नहीं बल्कि भारत की आत्मा में प्रवेश कर रहे हैं। यह जीवन का सबसे बड़ा अनुभव रहा।”
प्राचार्या का बयान – शैक्षिक भ्रमण से होता है समग्र विकास
विद्यालय की प्राचार्या ने बताया कि छात्रों को केवल कक्षा की चारदीवारी तक सीमित रखना पर्याप्त नहीं है। ऐसे शैक्षिक भ्रमण से बच्चों के दृष्टिकोण में व्यापकता आती है, उन्हें नेतृत्व, अनुशासन और जिम्मेदारी का अहसास होता है। उन्होंने बताया कि इस भ्रमण के लिए अभिभावकों और विद्यालय प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया, जिससे यह यात्रा पूरी तरह सफल और प्रेरणादायक बनी।
एक अनुभव जो जीवनभर रहेगा स्मृतियों में संजोया
जी.डी. गोयंका स्कूल के छात्रों के लिए यह यात्रा केवल कुछ घंटों की नहीं रही, बल्कि एक ऐसा अनुभव रही जो उनके जीवन को नई दिशा देगा। उन्होंने न केवल राष्ट्रपति भवन की भव्यता को देखा, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की आत्मा को भी महसूस किया। ऐसे प्रेरणादायक अनुभव छात्रों को एक जागरूक नागरिक बनने की ओर प्रेरित करते हैं।
उल्लेखनीय तथ्य:
- भ्रमण में कक्षा 6 से 10 तक के छात्र शामिल हुए।
- शिक्षकों और प्रबंधन ने पूरी यात्रा को अनुशासित एवं शैक्षिक रूप से समृद्ध बनाया।
- छात्रों ने राष्ट्रपति भवन के आर्ट गैलरी, डिजिटल डिस्प्ले और ऐतिहासिक दस्तावेजों का अवलोकन भी किया।
यह यात्रा छात्रों के लिए राष्ट्रप्रेम, प्रशासनिक समझ और इतिहास के जीवंत अनुभव का अद्वितीय संगम सिद्ध हुई।
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