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United Kisan Morcha meeting today, decisions will be taken on taking forward the struggle | दिल्ली में बॉर्डर पर होगी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक, संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए बनेगी रणनीति

लुधियाना34 मिनट पहले

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दिल्ली में बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को अब आगे और कैसे बढ़ाया जाना है, इस पर फैसला आज आएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आज होने जा रही है। यह बैठक 10 बजे शुरू होगी और करीब 2 से 3 घंटे तक की मीटिंग के बाद फैसलों का ऐलान कर दिया जाएगा। इसमें फैसला लिया जाना है कि संघर्ष को आगे कैसे बढ़ाया जाएगा।

मोर्चा पहले ही कह चुका है कि उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा और अब तक दिए गए सभी एक्शन उसी तरह से होने हैं। मगर फिर भी आज की बैठक में इस पर भी विचार किया जाना है, क्योंकि किसानों की सबसे बड़ी मांग मानने को सरकार तैयार हो गई है तो क्या अब ढील बरती जानी चाहिए, इस पर विचार किया जाना है।

सिंघु बॉर्डर पर धरनारत किसान।

सिंघु बॉर्डर पर धरनारत किसान।

22 नवंबर को होनी है लखनऊ में पंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से पहले से तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किसानों की महापंचायत होने जा रही है, जिसे बरकरार रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में लगे हैं। ऐसे में उनके द्वारा कृषि कानून रद्द करने का कोई खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा है।

मोर्चा इस बात पर अड़ा है कि पहले कानून संसद में रद्द करो, फिर MSP गारंटी बिल लेकर आओ और बिजली संशोधन बिल वापस लो, फिर वह संघर्ष वापस लेंगे और अपने घरों को लौटेंगे। इसी कारण लखनऊ में महापंचायत होने जा रही है, जिसका असर यूपी चुनाव पर पड़ने वाला है।

टीकरी बॉर्डर पर धरनारत किसान।

टीकरी बॉर्डर पर धरनारत किसान।

29 नवंबर को होने वाले ट्रैक्टर मार्च पर सस्पेंस
किसान संगठनों ने 29 नवंबर को संसदीय सत्र के दौरान टीकरी और सिंघु बॉर्डर से 500-500 किसानों के जत्थे ट्रैक्टरों पर भेजने का ऐलान किया हुआ है। मोर्चा की आज की बैठक में इसे वापस लेने पर फैसला हो सकता है। लखनऊ का एक्शन बेहद नजदीक था और इसे टाला नहीं जा सकता था। ट्रैक्टर मार्च में अभी समय बचा हुआ है।

इसके अलावा ट्रैक्टर मार्च को लेकर यह भी डरा बना हुआ है कि कोई शरारती तत्व इस मार्च में न घुस जाए और कोई अनहोनी न घट जाए, जिसका सीधा असर आंदोलन पर पड़ता है। इस पर फैसला लेने के लिए 32 किसान संगठनों की बैठक हो चुकी है और उनकी ओर से इसका फैसला आज होने वाली बैठक पर डाल दिया गया है।

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