@gauravsharma030, रफ्तार टुडे।
प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी में ‘बूथ विजय सम्मेलन’ के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं को विजय मंत्र देने की कोशिश कर रहे थे।इसी दौरान कार्यकर्ता पीएम का भाषण छोड़कर जाते दिखाई दिए। लोगों ने खाली पड़ी कुर्सियों को लेकर बड़े दिलचस्प बहाने भी बनाए।
पीएम नरेंद्र मोदी उन नेताओं में शामिल नहीं, जिनकी रैली या सम्मेलन में लोग कुर्सियां छोड़कर जाने लगें। वह भी तब, जब पीएम मोदी खुद संबोधन दे रहे हैं, लेकिन ऐसा ही हुआ. और यह कहीं और नहीं, बल्कि खुद उनके अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ‘बूथ विजय सम्मेलन’ के दौरान हुआ।
हुआ यू कि प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी में बूथ सम्मेलन में लेट पहुंचे उनके कार्यकर्ता घंटों इंतजार करते रहे लेकिन वह नहीं आए और जब वह आए जब बहुत देर हो चुकी थी अधिकतर कुर्सियां खाली हो गई थी या यह कहें के अधिकतर कार्यकर्ता मैदान छोड़कर जा चुके थे।
दरअसल, वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वव विद्यालय के मैदान में वाराणसी के सभी 3361 बूथों से 20 हजार से ज्यादा बीजेपी बूथ पदाधिकारी पहुंचे थे
ये सभी घंटों से पीएम का इंतजार कर रहे थे. लेकिन पीएम मोदी के भाषण के दौरान ही ये सब कुर्सी छोड़-छोड़कर जाते दिखाई देने लगे। कुछ ही देर में सैकड़ों कुर्सियां खाली हो गईं।
इस ‘बूथ विजय सम्मेलन’ का मकसद था कि पीएम मोदी वाराणसी के सभी बूथों से जुटे बूथ पदाधिकारियों को विधानसभा चुनाव के लिए विजय का मंत्र देंगे। लेकिन मोदी जी का कार्यक्रम अपने तय समय से करीब आधा घंटा देर से शुरू हुआ। फिर मंच पर होने वाली दूसरी औपचारिकताओं के चलते, बूथ पदाधिकारियों के सब्र का बांध टूट गया। वे अपने सांसद और प्रधानमंत्री का भाषण बीच में ही छोड़कर जाने लगे । नतीजा यह हुआ कि सैकड़ों कुर्सियां पीएम मोदी के भाषण के दौरान ही खाली हो गईं।
काफी देर से पीएम का इंतज़ार कर रहे थे कार्यकर्ता
भाषण छोड़ना मजबूरी या बहाना?
भाषण छोड़कर जाने वाले लोगों से जब जाने की वजह पूछी गई, तो किसी ने मजबूरी कहा तो किसी ने दिलचस्प बहाने बनाए. एक बूथ पदाधिकारी सन्नी सिंह ने बताया कि उन्हें एक मीटिंग में जाना जरूरी है, तो वहीं कार्यक्रम से निकलते वक्त सफाई दी कि वे कार्यक्रम के बीच में नहीं जा रहें है। उन्होंने बताया कि चलते-फिरते वे मोदी जी का भाषण सुन रहें हैं।
भूखे प्यासे बैठे थे कार्यकर्ता
पीएम के भाषण के दौरान ही बाहर निकलते मिल गए। पूछे जाने पर उन्होंने सफाई दी कि पहले तो भीड़ थी और 12 बजे से वे सभी लोग भूखे-प्यासे बैठे हैं। कुर्सियां खाली नहीं हुई हैं, लोग तो सिर्फ पेशाब करने बाहर निकल रहे हैं।कार्यक्रम समापन की ओर है, इसलिए जा रहें हैं।