अपराधी हाथ-पैर तोड़ रहें है,गौतमबुद्धनगर पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा है,सांसद और विधायक की नहीं सुन रहे सीपी आलोक सिंह, अपराध चरम पर
गौरव शर्मा, ग्रेटर नोएडा/ नोएडा, रफ्तार टुडे। अपराधी हाथ-पैर तोड़ रहें है वहीं गौतमबुद्धनगर पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा है। सांसद और विधायक की नहीं सुन रहे सीपी आलोक सिंह अपराध चरम पर है, अपराधी पस्त, पुलिस मस्त ये गौतम बुद्ध नगर की राजनीति पर सही बैठती है। आज को लेकर डीजीपी डीजीपी डीजीपी से सांसद महेश शर्मा MLC विधायक, श्रीचंद शर्मा, पूर्व विधायक गुड्डू पंडित, डीसीपी से मिले।
संसद वह पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने रफ्तार टुडे को बताया कि भाजपा नेताओं पर दिनदहाड़े सरेराह हुए आत्मघाती हमले ने पूर्ववर्ती शासन की याद तरोताजा कर दी है। इस घटना से स्पष्ट संदेश जाता है कि जनपद गौतमबुद्घनगर में अपराधी बेखौफ हैं तथा कानून व्यवस्था का उन्हें लेशमात्र भी खौफ नहीं है। वहीं इस घटना के बाद आम लोगों की यह धारणा बन चुकी है कि यदि इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं तो जनपद में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से फेल हो चुकी है।
मालूम हो कि 3 नवंबर को दिनदहाड़े पी-3 सेक्टर की ओर जा रहे भाजपा के मंडल अध्यक्ष महेश शर्मा, कार्यकर्ता संचित शर्मा उर्फ सिंगा पंडित तथा शिवम शर्मा के ऊपर दो स्कॉर्पियो कार में सवार अज्ञात हमलावरों ने जानलेवा हमला कर दिया था। बदमाशों ने पिस्टल लगाकर जान से मारने का प्रयास किया तथा रॉड से सिंगा पंडित व शिवम शर्मा पर ताबड़तोड़ हमले किए तथा उन्हें अधमरा छोड़कर वहां से फरार हो गए। गंभीर हालत में उन्हें कैलाश अस्पताल में भर्ती किया गया जहां पर उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
ताज्जुब तो इस बात का है कि घटना को हुए 3 दिन बीत गए लेकिन अभी तक पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। हमलावरों की गिरफ्तारी तो दरकिनार, पुलिस अभी तक बदमाशों का कोई सुराग तक नहीं लगा पाई है। इतना ही नहीं अपने आपको स्मार्ट पुलिस कहने वाली नोएडा कमिश्नरेट पुलिस अब तक इस घटना का कारण तक नहीं जान पाई है। जनपद की कमिश्नरेट पुलिस समूचे मामले पर लीपापोती करने में जुटी है। जिले के अधिकांश लोगों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा समूची सरकार कानून व्यवस्था को लेकर जीरो टोलरेंस का ढोल पीट रही है। लेकिन 3 नवंबर की घटना ने सारे दावों की पोल खोल दी है।
शहर के कुछ गणमान्य नागरिकों का तो यहां तक कहना है कि पूर्व सरकारों में दिनदहाड़े सरेराह किसी पर भी हमला व हत्या करने की घटना आम बात थी। तब भाजपा कानून व्यवस्था को लेकर सदन से सड़क तक सत्ता पक्ष के खिलाफ आसमान उठा लेती थी। इसी कानून व्यवस्था सुधारने को लेकर जनता ने भारतीय जनता पार्टी को सत्ता सौंपी। भाजपा सरकार ने सत्ता संभालते ही प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने तथा जीरो टोलरेंस का वादा किया थाी। लेकिन लगता है कि भाजपा सरकार भी इस मामले में अब फेल साबित हो रही है। जनपद में ऐसी कई घटनाएं इस बात की तस्दीक करती है कि यहां की कमिश्नरेट पुलिस फेल साबित हो रही है।
पीडि़तों की शिकायत पर बीटा-2 पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ जानलेवा हमला, बलवा आदि की संगीन धाराओं में महज एफआईआर लिखकर खानापूर्ति कर दी है, लेकिन कार्यवाही के नाम पर पुलिस अभी तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। इस घटना को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं बल्कि आम नागरिकों में भी काफी आक्रोश व्याप्त है। इस घटना के बाद से अनेक विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा किसानों के फोन आ रहे हैं। सभी लोग यह जानना चाहते हैं कि पिछली सरकार में छोटे-मोटे अपराधों पर बवाल मचाने वाली भाजपा अपने ही नेता पर हुए जानलेवा हमला पर मौन क्यों बैठी है।
समीक्षक इस हमला-कांड को सांसद डा. महेश शर्मा व उनके राजनीतिक विरोधियों के बीच चल रहे शह-मात के मद्देनजर राजनीतिक वैमनस्यतावश सत्तारूढ़ दल तथा स्थानीय सांसद को डराने धमकाने का संदेश से भी जोड़कर देख रहे हैं। सभी जानते हैं कि हमले में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे भाजपा नेता सिंगा पंडित व अन्य कार्यकर्ता स्थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा के बेहद करीबी हैं। सर्वविदित है कि 2024 यानि ठीक एक वर्ष बाद देश में लोकसभा के आम चुनाव होने हैं। इन चुनावों को लेकर तमाम तरह की राजनीतिक बिसात पहले से ही बिछने लगी हैं। ऐसी ही कुछ बिसात गौतमबुद्घनगर जिले में भी बिछती हुई साफ नजर आ रही है।
यह अलग बात है कि सांसद डा. महेश शर्मा पहले ही कह चुके हैं कि हमारी पार्टी की सरकार के दौरान अपराध व अपराधी को क्षमा करने की कोई व्यवस्था नहीं है। शीघ्र ही हमलावर जेल भेजे जाएंगे तथा पूरी घटना का खुलासा होगा। अब उनका यह बयान राजनीतिक सभ्यता में दिया गया बयान है अथवा सब कुछ उतना ही सामान्य है जितना डा. महेश शर्मा बता रहे हैं। इस बात को लेकर भी समीक्षक अपने-अपने गुणा-भाग लगाने में लगे हुए हैं।