ब्रेकिंग न्यूज़: सबसे बड़ी जानकारी, भारत को गुलाम बनाने वाली ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मालिक बन गया भारत
इतना ही नहीं आने वाले समय में ईस्ट इंडिया कंपनी का स्टोर भारत में भी खोला जाएगा और यहाँ पर यह खाने की चीजें, फर्नीचर, रियल एस्टेट आदि जैसी चीजों में सौदा करेगी। एक बार फिर दुनिया ईस्ट इंडिया कंपनी को देखेगी मगर इस बार एक भारतीय इसका मालिक होगा और ईस्ट इंडिया कंपनी भारत की गुलाम। संजीव मेहता ने ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदकर दुनिया को दिखा दिया कि हम भारतीय कुछ भी कर सकते हैं। भारतीय पर राज करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी पर अब भारतीय राज करेंगे।
Delhi, Raftar Today। क्या आपको पता है कि भारत और भारतीय कितने बड़े-बड़े कमाल कर रहे हैं। अंग्रेजों की जिस ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को गुलाम बनाने की नींव रखी थी उसी ईस्ट इंडिया कंपनी का मालिक आज भारतीय है। आप गर्व के साथ कह सकते हैं कि ईस्ट इंडिया कंपनी का मालिक भारत था। उस समय ना तो ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में आती और ना ही भारत अंग्रेजी का गुलाम बनता। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे भारत बन गया है ईस्ट इंडिया कंपनी का मालिक। जिस ईस्ट इंडिया कंपनी के कारण हम सैकड़ों साल तक गुलाम रहे तथा हमारे लाखों शहीदों ने प्राण गंवाए वह ईस्ट इंडिया कंपनी अब हमारी गुलाम है।
साल 1600 में जब ईस्ट इंडिया कंपनी की शुरुआत की गई थी तो किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन ये कंपनी दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचकर बिजनेस करेगी। इसकी शुरुआत समंदर के जरिए माल ब्रिटेन तक लाने के लिए की गई थी। उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने कदम भारत में रखे और यहाँ पर अपना व्यापार शुरू किया. उन्होंने भारत से चाय, मसाले और कई ऐसी चीजों का सौदा किया जो यूरोपीय देशों में मौजूद नहीं थी। देखते ही देखते ईस्ट इंडिया कंपनी ने कब दुनिया भर के 50 प्रतिशत ट्रेड पर अपना कब्जा कर लिया किसी को खबर भी नहीं हुई। यह कंपनी ब्रिटिश हुकूमत के लिए एक जरूरत बन गयी। इसके जरिए उन्होंने इतनी दौलत कमाई की उन्होंने कई देशों पर कब्जा कर लिया जिसमें भारत भी एक था।
करीब 200 सालों तक यह कंपनी भारतीयों पर अधिकार जमाती रही लेकिन 1857 में मेरठ में हुए आजादी के पहले विद्रोह ने इस कंपनी पर ऐसा असर डाला कि इनका कारोबार रातों-रात आसमान से जमीन पर आ गया। भारत का बच्चा-बच्चा ईस्ट इंडिया कंपनी को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता रहा है। ईस्ट इंडिया कंपनी भारत से जाने के बाद से बेहद खराब हालत में आ गयी थी। उसका पूरा व्यापार दिन-ब-दिन डूबता जा रहा था. ब्रिटिश सरकार ने भी उनकी कोई मदद करने से मना कर दिया था। कंपनी का नाम दुनिया भर में चर्चित था इसलिए जैसे-तैसे आज तक उन्होंने कंपनी को पूरी तरह से बंद नहीं होने दिया।
अब ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत का गुलाम बनने की बात पर आते हैं। यह बात है साल 2003 की। भारतीय बिजनेसमैन संजीव मेहता को जब पता चला कि ईस्ट इंडिया कंपनी अब अपने कदमों पर खड़ी नहीं रह सकती तब उन्होंने एक बार उनके ऑफिस जाने का फैसला किया। कहते हैं कि संजीव ने वहां जाने से पहले ही सोच लिया था कि वो ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदकर रहेंगे. ये एक तरह से उनकी तरफ से भारतीयों को एक तोहफा था. जिस कंपनी ने भारत पर राज किया था आज वो उसे ही खरीदने के इरादे से गए थे. संजीव का कहना है कि उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी के ऑफिस में महज 20 मिनट हुए थे कंपनी के शेयर खरीदने को ले कर।
उन 20 मिनट के पहले 10 मिनट में ही उन्होंने जान लिया था कि कंपनी अपने घुटनों पर आ चुकी है. वो इसे बेचने की उम्मीद में ही थे. जैसे ही संजीव को समझ आया कि कंपनी अब बिकने की कगार पर है उन्होंने सामने से एक नैपकिन उठाया और उसपर एक दाम लिखा. उस दाम को देखते ही कंपनी के मालिकों ने संजीव को 21 प्रतिशत शेयर बेचने का फैसला कर लिया। महज 20 मिनट में संजीव ने कंपनी में एक बड़ा हिस्सा अपने नाम कर लिया।
सिर्फ एक साल के अंदर संजीव ने ईस्ट इंडिया कंपनी के बाकी के 38 स्टेक होल्डर से उनके शेयर खरीद लिए और कंपनी को पूरी तरह से भारत का बना दिया। सिर्फ इतना ही नहीं भारतीय बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने भी संजीव की ईस्ट इंडिया कंपनी में इन्वेस्टमेंट किया है।
East India Company
माना जाता है कि संजीव ने कुल 15 मिलियन डॉलर की इन्वेस्टमेंट इस कंपनी पर की है। उन्होंने कंपनी को खरीदने के बाद कई साल तक इसे लांच नहीं किया. हालांकि, उनका मानना है कि ईस्ट इंडिया कंपनी को दुनिया भर में लोग जानते हैं और इसके जरिए अच्छा बिजनेस किया जा सकता है। अब संजीव ने लंदन में ईस्ट इंडिया कंपनी को दोबारा लॉन्च कर दिया है। ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इसकी सहयोगी कंपनी की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी लुलु ग्रुप और कंपनीज ने खरीद ली है। इस बार ईस्ट इंडिया कंपनी चाय, मसाले और रेशम नहीं बेचेगी बल्कि इसकी जगह वो लक्जरी चीजों में सौदा करेगी।
इतना ही नहीं आने वाले समय में ईस्ट इंडिया कंपनी का स्टोर भारत में भी खोला जाएगा और यहाँ पर यह खाने की चीजें, फर्नीचर, रियल एस्टेट आदि जैसी चीजों में सौदा करेगी। एक बार फिर दुनिया ईस्ट इंडिया कंपनी को देखेगी मगर इस बार एक भारतीय इसका मालिक होगा और ईस्ट इंडिया कंपनी भारत की गुलाम। संजीव मेहता ने ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदकर दुनिया को दिखा दिया कि हम भारतीय कुछ भी कर सकते हैं। भारतीय पर राज करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी पर अब भारतीय राज करेंगे।