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Shrada University News : शारदा विश्वविद्यालय और पुलिस के एफडीआरसी क्लिनिक के चार साल पूरे, टूटते रिश्तों में ला रहा नई मिठास, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाने में मनाया गया चौथा स्थापना दिवस, पुलिस और विश्वविद्यालय की साझेदारी ने सुलझाए 95% मामले

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना में स्थापित फैमिली डिस्प्यूट रिसोल्युशन क्लिनिक (एफडीआरसी) ने शुक्रवार को अपने चार सफल वर्षों का जश्न मनाया। महिलाओं की सुरक्षा और पारिवारिक विवादों को कानूनी कार्रवाई से बचाकर सुलझाने के उद्देश्य से 2019 में स्थापित यह क्लिनिक उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की अनोखी पहल है। कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह, एडिशनल कमिश्नर अजय कुमार, और शारदा विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता मुख्य अतिथि रहे।


एफडीआरसी: विवादों का शांतिपूर्ण समाधान

पुलिस और शारदा विश्वविद्यालय के सहयोग से चल रहे इस क्लिनिक का उद्देश्य पारिवारिक विवादों को बिना एफआईआर दर्ज किए हल करना है। शारदा विश्वविद्यालय के लॉ और मनोविज्ञान विभाग इस प्रयास में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

चांसलर पीके गुप्ता ने कहा,

“हमारा सपना है कि समाज को ऐसे छात्र और पेशेवर प्रदान करें, जो समाज की सेवा और बेहतरी के लिए काम करें। एफडीआरसी के प्रयासों से विवादों का शांतिपूर्ण समाधान संभव हुआ है, और हम इसे सप्ताह में दो दिन से बढ़ाकर पूरे सप्ताह चलाने की योजना बना रहे हैं।”

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पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा,

“किसी भी रिश्ते को तोड़ना आसान है, लेकिन उसे बनाए रखना चुनौतीपूर्ण। एफडीआरसी का प्रयास टूटते परिवारों को जोड़ने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का है।”


एफडीआरसी की सफलता की कहानी

डॉ ऋषिकेश दवे, शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ के डीन, ने जानकारी दी कि 2024 में क्लिनिक में कुल 210 मामले आए, जिनमें से 199 मामलों का समाधान किया गया। यह सफलता दर 95% है।

  • केवल 11 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई।
  • हर वर्ष विवादों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसे देखते हुए नए कदम उठाने की तैयारी की जा रही है।

सम्मानित हुए एफडीआरसी के कर्मी

कार्यक्रम में एफडीआरसी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
सम्मान पाने वालों में शामिल हैं:

  • डॉ. संस्कृति मिश्रा
  • डॉ. अविनाश कुमार
  • डॉ. सचिता रे
  • डॉ. तरुण कुमार कौशिक
  • डॉ. अक्क्षा फातिमा
  • सब इंस्पेक्टर ललिता चौहान
  • हेड कांस्टेबल आंचल सैनी
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शारदा विश्वविद्यालय और पुलिस के एफडीआरसी क्लिनिक के चार साल पूरे

आगे की योजना

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि यूपी के अन्य जिलों में भी इस मॉडल को लागू करने की तैयारी है। प्रदेश सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

चांसलर पीके गुप्ता ने शारदा विश्वविद्यालय में काउंसलिंग सेंटर को भी इस पहल से जोड़ने की बात कही, ताकि अधिक से अधिक लोगों को विवाद समाधान का लाभ मिल सके।


एफडीआरसी की पहल: पूरे भारत के लिए मिसाल

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना में शुरू हुआ यह क्लिनिक आज न केवल गौतम बुद्ध नगर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक उदाहरण बन चुका है। इसका उद्देश्य समाज में शांति और परिवारों में सामंजस्य बनाए रखना है।


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