ख़बर सुनें
नई दिल्ली। कोरोना के मामले कम होने के बीच तमाम गतिविधियां आरंभ होने पर उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने सोमवार को अपने स्कूल खोल दिए। निगमों ने 50 प्रतिशत बच्चों की क्षमता के साथ स्कूल खोलने का निर्णय लिया था। हालांकि पहले दिन अधिकतर स्कूलों में 10 से 15 प्रतिशत ही बच्चे आए। कई स्कूलों में एक-दो प्रतिशत ही बच्चे आए।
कोरोना महामारी के कारण निगम के स्कूल लंबे समय बंद थे। इस कारण उसने 50 प्रतिशत बच्चों को ही एक समय में बुलाने का निर्णय लिया है। वहीं, अभिभावकों से निवेदन किया गया है कि यदि बच्चा अस्वस्थ हो, सर्दी, खांसी, जुखाम या बुखार हो तो उसे स्कूल ना भेजें। इस संबंध में बच्चे के टीचर को अवश्य बताएं।
इस बीच नगर निगम ने कक्षाओं को ऑनलाइन मोड पर भी जारी रखने का निर्णय लिया है, क्योंकि स्कूल आने में असमर्थ बच्चों को भी हर हाल में शिक्षा देने की मंशा है।
उधर महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल और शिक्षा समिति के अध्यक्ष राजीव कुमार ने कई स्कूलों का निरीक्षण किया और उसमें कोरोना महामारी की रोकथाम की व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें स्कूलों में बच्चों की संख्या अपेक्षाकृत कम मिली। शिक्षा विभाग के अनुसार स्कूलों में 10 से 15 प्रतिशत बच्चे ही पहले दिन पहुंचे।
अधिकारियों का कहना है कि अगले दिनों के दौरान बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है, क्योंकि अभी सभी अभिभावकों तक स्कूल खुलने के बारे में जानकारी नहीं पहुंची है। वहीं दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने अपने स्कूल एक नवंबर को ही खोल दिए थे।
नई दिल्ली। कोरोना के मामले कम होने के बीच तमाम गतिविधियां आरंभ होने पर उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने सोमवार को अपने स्कूल खोल दिए। निगमों ने 50 प्रतिशत बच्चों की क्षमता के साथ स्कूल खोलने का निर्णय लिया था। हालांकि पहले दिन अधिकतर स्कूलों में 10 से 15 प्रतिशत ही बच्चे आए। कई स्कूलों में एक-दो प्रतिशत ही बच्चे आए।
कोरोना महामारी के कारण निगम के स्कूल लंबे समय बंद थे। इस कारण उसने 50 प्रतिशत बच्चों को ही एक समय में बुलाने का निर्णय लिया है। वहीं, अभिभावकों से निवेदन किया गया है कि यदि बच्चा अस्वस्थ हो, सर्दी, खांसी, जुखाम या बुखार हो तो उसे स्कूल ना भेजें। इस संबंध में बच्चे के टीचर को अवश्य बताएं।
इस बीच नगर निगम ने कक्षाओं को ऑनलाइन मोड पर भी जारी रखने का निर्णय लिया है, क्योंकि स्कूल आने में असमर्थ बच्चों को भी हर हाल में शिक्षा देने की मंशा है।
उधर महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल और शिक्षा समिति के अध्यक्ष राजीव कुमार ने कई स्कूलों का निरीक्षण किया और उसमें कोरोना महामारी की रोकथाम की व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें स्कूलों में बच्चों की संख्या अपेक्षाकृत कम मिली। शिक्षा विभाग के अनुसार स्कूलों में 10 से 15 प्रतिशत बच्चे ही पहले दिन पहुंचे।
अधिकारियों का कहना है कि अगले दिनों के दौरान बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है, क्योंकि अभी सभी अभिभावकों तक स्कूल खुलने के बारे में जानकारी नहीं पहुंची है। वहीं दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने अपने स्कूल एक नवंबर को ही खोल दिए थे।